इरफान अली लारी की रिपोर्ट
देवरिया, सलेमपुर ऑल इंडिया मंसूरी समाज के जिला अध्यक्ष रियाज अहमद मंसूरी ने कहा कि आजादी के 76 वर्ष बाद भी भारतीय अति दलित पिछड़े मुसलमान की स्थिति बहुत ही दयनीय और विचारणीय है। आप सच्चर कमेटी की रिपोर्ट रंगनाथन मिश्रा कमीशन की रिपोर्ट देख लीजिए तो आपको मालूम पड़ जाएगा दलितों से बद से बत्तर हाल आज के भारतीय पासमंदा मुसलमान का है। सामाजिक राजनीतिक शैक्षणिक और आर्थिक रूप से बहुत ही पिछड़ा हुआ समाज है। शिक्षा रोजगार व्यवसाय और राजनीतिक हिस्सेदारी नगण्य है। पसमांदा मुसलमान जीवन को जीने के लिए लगातार मेहनत मजदूरी करके कैसे भी जी रहा है।
आप चले जाइए इनके बस्तियों में तो देखने को मिलेगा ना शुद्ध पेयजल की व्यवस्था है ना सड़क है ना नाली है की व्यवस्था है। यह समाज सामाजिक आर्थिक और व्यावसायिक रूप से बहुत ही कमजोर औरअसमर्थ हैं ।अपने बच्चों की पढ़ाई के लिए इनकी स्थिति ठीक नहीं है। अपने बच्चों को उच्च शिक्षा जैसे आईएएस आईपीएस डॉक्टर इंजीनियर प्रोफेसर जैसी उच्च शिक्षा दिलाने में असमर्थ है। आज तक बहुत सरकारी आई और गई पर किसी सरकार ने पसमांदा मुसलमान के सवाल पर संसद या विधानसभा में इनके उत्थान और विकास के लिए चर्चा नहीं किया।
प्रधानमंत्री महोदय से बहुत उम्मीद और विश्वास के साथ निवेदन करते हैं आप पासमंदा मुसलमान के उनके हक और अधिकार रोजी-रोटी शिक्षा रोजगार राजनीतिक हिस्सेदारी दिलाने में महती कृपा करें
हमारी प्रमुख मांगे :-
1- एससी एसटी एक्ट की तरह मुस्लिम एक्ट अधिनियम बनाकर हमारे मान सम्मान जगह जमीन और हक अधिकार की रक्षा हो
2- उच्च शिक्षा में पासमंदा मुसलमान को फ्री शिक्षा मिले और फ्री हॉस्टल की व्यवस्था हो
3- मंसूरी विकास आयोग का गठन हो
4- देश और प्रदेश में जितने मुसलमान झूठे मुकदमे में फंसाए गए हैं उन्हें तत्काल रिहा किया जाए
5- पिछड़े मुसलमान के बूढ़े मां-बाप को सरकार 5000 पेंशन दे
6- शिक्षा रोजगार व्यवसाय में विशेष पैकेज मिले और 50% सब्सिडी भी मिले
ज्ञापन देने के दौरान जफर अली मंसूरी सदरे आलम मंसूरी समीम मंसूरी गुलाम हसन, शेर मोहम्मद, मोहम्मद फहीम मंसूरी,और तमाम साथी प्रमुख रूप से उपस्थित रहे
Author: samachar
"कलम हमेशा लिखती हैं इतिहास क्रांति के नारों का, कलमकार की कलम ख़रीदे सत्ता की औकात नहीं.."