राजकुमार दोहरे की रिपोर्ट
नियामतपुर जालौन। विकासखंड महेवा के अंतर्गत कई ऐसे गांव है जहां गंदगी पर्याप्त मात्रा में देखने को मिल जाएगी बरसात के कारण नालियां गंदगी से पटी पड़ी है जिसमें निरंतर दुर्गंध आ रही है।
दमरास चुर्खी खड़ गुई नियामतपुर सरसई हिम्मतपुर मुसमरिया बाबई आदि ग्रामों में सड़क के किनारे घूरे के ढेर लगे हुए हैं जिनसे निरंतर बदबू आती रहती है। इससे ग्राम वासियों को ही नहीं बल्कि आने जाने वाले राह गीरों को भी परेशानी होती है।
नियामतपुर पावर हाउस से लेकर प्राथमिक विद्यालय तक गांव वालों ने घूरे डालकर पूरा रोड ही जाम कर दिया है तथा यहां गंदगी ने भी अपना पूरा विकराल रूप धारण कर लिया है। जबकि यह गांव महेवा विकास खड़ का सेंटर का गांव माना जाता है। मगर यहां पर 20 वर्षों से लगातार गंदगी अपना कब्जा जमाए हुए हैं जिससे यह गांव जनपद का सबसे गंदा गांव माना जाता है।
इसी तरह से खड़गुई गांव में रोड पर तथा गांव के अंदर भीषण गंदगी रहती है। गंदगी ने ग्राम वासियों का जीना हराम कर दिया है। सफाई कर्मियों से बात की जाती है तो वह कहते हैं कि हम लोगों का रोस्टर बनाया गया है। हम लोग उसी के अनुसार कार्य कर रहे हैं।
जबकि उक्त गांव के ग्राम वासियों ने कई बार जिला पंचायत राज अधिकारी खंड विकास अधिकारी एडियो पंचायत महेवा को अवगत कराया। मगर आज तक सफाई के लिए उक्त अधिकारियों के कान में जूं तक नहीं रेंगी। वर्तमान समय में गंदगी के कारण डेंगू बुखार डायरिया मलेरिया आदि प्रकार की घातक बीमारियों ने अपने पैर पसार लिए हैं जिसके कारण प्रत्येक गांव में दर्जनों लोग बीमार पड़े मगर आज तक स्वास्थ्य विभाग तथा पंचायत राज अधिकारी ने सफाई के लिए कोई आवश्यक कार्रवाई नहीं की।
क्षेत्र के प्रधानों को चाहिए कि वह अपने-अपने गांव की गंदी नालियों की सफाई कर्मचारियों से सफाई करायें । मगर प्रधान अपनी प्रधानी के रोब के कारण यह बहुत छोटा काम मानते हैं इसलिए इस ओर उन लोगों का ध्यान जरा भी नहीं जाता है। प्रधानों का पूरा ध्यान मनरेगा पर रहता है। क्योंकि मनरेगा के कार्यों में भारी मात्रा में फर्जी बड़ा होता है जिससे उनको पर्याप्त मात्रा में आमदनी हो जाती है। मगर सफाई कार्य में उनको अपनी निजी आमदनी कहीं भी दिखाई नहीं देती है इसलिए यह कार्य सफाई कर्मचारियों के हिसाब से होता है और वे लोग अपनी अपनी मनमर्जी से काम करते हैं।
वर्तमान समय में क्षेत्र में गंदगी के कारण भयानक बीमारियों ने अपना प्रकोप दिखा दिया है। इसलिए इन बीमारियों की रोकथाम के लिए प्रशासन को चाहिए कि शीघ्र आवश्यक कार्रवाई करें जिससे इस गंभीर मुसीबत में ग्रामीण जनता को छुटकारा मिल सके। (प्रदर्शित चित्र सांकेतिक है)
Author: samachar
"कलम हमेशा लिखती हैं इतिहास क्रांति के नारों का, कलमकार की कलम ख़रीदे सत्ता की औकात नहीं.."