चुन्नीलाल प्रधान और नौशाद अली की रिपोर्ट
अमावस मतलब जब चन्द्रमा धरती से नहीं दिखाई देता। अमावस की रात को सबसे काली रात माना जाता है। तंत्र-मंत्र और साधना के लिए इस रात का सबसे ज्यादा उपयोग किया जाता है। वजह चाहे जो भी हो, लेकिन अमावस की रात में इस तरह की मान्यताएं काफी ज्यादा हैं और यही मान्यताएं देती है अपराध को जन्म। उत्तर प्रदेश पुलिस के मुताबिक अमावस और उसकी आसपास की रातों में बढ़ जाते हैं अपराध। पुलिस के मुताबिक इन काली रातों में क्राइम की संख्या में इतना ज्यादा इजाफा हो जाता है कि अब पुलिस इन रातों के लिए खास तैयारी कर रही है।
अमावस की काली रात में बढ़ जाते हैं अपराध!
शायद ये सही भी है। ये खौफनाक वारदात भी अमावस की रात को ही घटी थी। उत्तर प्रदेश का ही एक शहर इस घटना से हिल गया था। अमावस्या की रात को एक मासूम बच्चे की बलि दी गई थी। ये केस चार साल पुराना है। साल 2019 के अप्रैल महीने में उन्नाव चकलवंशी इलाके से एक बच्चे की लाश मिलती है। ये लाश इतनी खराब हालत में होती है कि पुलिस भी देखकर हैरान रह जाती है।
काली रात को दी गई थी बच्चे की बलि
बच्चे की लाश को तालाब किनारे मिट्टी में दफन किया होता है। मासूम बच्चे के गले में कीलें चुभोई होती हैं। बच्चे के शरीर पर गर्म सलाखों से दागने के निशान होते हैं। मासूम के गले में कीलें चुभाेई गईं। उसकी पीठ पर गर्म सलाखों से दागा गया था। बच्चे के शरीर से मांस को नोंच लिया गया था। स्किन हर जगह से हटी हुई थी। ये साफ था कि बच्चे के साथ कुछ तंत्र साधना की गई है। उसके शरीर को देखकर लग रहा था कि किसी ने काला जादू करने की कोशिश की है।
तंत्र के नाम पर बच्चे को तड़पाया गया था
तफ्तीश शुरू हुई तो पता चला कि ये बच्चा पास ही चकलवंशी माखी इलाके का है। दो दिन से ये बच्चा गायब था। माता-पिता ने शिकायत दर्ज की थी। जब माता-पिता ने अपने बच्चे की लाश को इस हालत में देखा तो वो फूट-फूट कर रोने लगे। बच्चे के बाल भी काट दिए गए थे। पूरे शरीर में जबरदस्त यातनाएं दी गई थी। ये सब हुआ था अमावस की काली रात को। माता-पिता से पूछताछ हुई तो उन्होंने अपने घर के सामने ही रहने वाले एक पति-पत्नी पर शक जाहिर किया। वो महिला काला जादू जानती थी।
खजाने के लालच में दी थी मासूम की बलि
पुलिस ने दोनो पति-पत्नी को गिरफ्तार कर लिया। पूछताछ हुई तो उन्होंने चौंकाने वाले खुलासे किए। उन्होंने बताया कि वो लंबे समय से अमावस की रात को एक बच्चे की बलि देना चाहते थे। इस महिला को लगता था कि अगर अमावस्या की रात को नदी किनारे ये किसी बच्चे की बलि देगी तो इसे छुपा हुआ खजाना मिल जाएगा। खजाने के लालच में इसने पड़ोस में ही रहने वाले 8 साल के मासूम को अपना निशाना बनाया। अपने पड़ोसी के बच्चे को ही अगवा कर लिया।
अमावस्या की इस घटना ने खौफ पैदा कर दिया था
रात को ये बच्चे को तालाब किनारे ले गए। वहां काली रात में इस महिला और इसके पति साधना शुरू की और शुरू हुआ बच्चे के ऊपर अत्याचार। ये बच्चे को तड़पाते रहे। उसके साथ वो किया जिसकी कल्पना से भी रुह कांप जाए। 8 साल के मासूम की बलि दे दी गई थी। इस घटना ने लंबे समय तक पूरे इलाके में डर का माहौल पैदा कर दिया था। दोनों पति-पत्नी को गिरफ्तार कर लिया गया, लेकिन उस अमावस की रात को बच्चे के साथ जो हुई वो शायद ही कभी कोई भूल पाए।
Author: samachar
"कलम हमेशा लिखती हैं इतिहास क्रांति के नारों का, कलमकार की कलम ख़रीदे सत्ता की औकात नहीं.."