चुन्नीलाल प्रधान की रिपोर्ट
उत्तर भारत के रेगिस्तान वाले राजस्थान से लेकर पहाड़ी राज्य हिमाचल प्रदेश तक लगातार हो रही बारिश मंगलवार को भी जारी रही। इस कारण कई और लोगों की मौत हो गई जबकि सैकड़ों लोग अब भी इन क्षेत्रों में फंसे हुए हैं। प्रभावित राज्यों की सरकारों ने पिछले तीन दिन की लगातार बारिश के कारण हुई भारी तबाही के मद्देनजर प्रभावित जिलों में राहत और बचाव अभियान तेज कर दिए हैं। भारी बारिश के कारण हादसों में उत्तराखंड-उत्तर प्रदेश में चार-चार जबकि राजस्थान और पंजाब में एक-एक व्यक्ति की मौत हुई।
अगले हफ्ते से मॉनसून को कमजोर करेगा ‘अल नीनो’
मॉनसून अभी देश के कई हिस्सों में सक्रिय है। लेकिन, आने वाले दिनों में अल नीनो का असर मॉनसून पर दिखाई देगा। इसकी वजह से बारिश में कमी आएगी और तापमान बढ़ेगा। आईएमडी ने मई के आखिर में ही पूर्वानुमान जारी किया था कि अल नीनो का असर मॉनसून के अंतिम दो महीनों यानी अगस्त और सितंबर में दिखाई देगा। आईआईटीएम के मौसम वैज्ञानिक रॉक्सी मैथ्यु कॉल के अनुसार अल नीनो मौसम की घटनाओं को प्रभावित करता है। उन्होंने बताया कि अल नीनो की वजह से आने वाले दिनों में तापमान बढ़ेगा। यह सीधे तौर पर गर्मी और अनियमित बारिश के पैटर्न से जुड़ा है। वहीं स्काईमेट के अनुसार जुलाई के तीसरे हफ्ते से अल नीनो का असर दिखना शुरू हो सकता है। इसकी वजह से बारिश में कमी आना शुरू हो जाएगी। अगस्त और सितंबर में इसका ज्यादा असर रहेगा।
दो दिन की राहत, फिर होगी बारिश
राजधानी को मूसलाधार बारिश से फिलहाल राहत मिली है, लेकिन यह राहत दो दिनों के लिए है। 14 जुलाई से एक बार फिर बारिश बढ़ेगी। इसे लेकर मौसम विभाग ने येलो अर्ल्ट जारी किया है। बारिश का यह चरण भी दो से तीन दिन लंबा हो सकता है। इस दौरान मध्यम बारिश होगी। 14 जुलाई की रात से बारिश बढ़ने की संभावना है। 15 और 16 जुलाई को मध्यम बारिश रहेगी। वहीं अधिकतम तापमान 31 डिग्री और न्यूनतम तापमान 25 डिग्री रह सकता है। इसके बाद 17 जुलाई से एक बार फिर बारिश हल्की हो जाएगी। बादल छाए रहेंगे। अधिकतम तापमान 32 और न्यूनतम तापमान 26 डिग्री रह सकता है।
आगे कैसा रहेगा मौसम
15 जुलाई तक हिमाचल प्रदेश की कुछ जगहों, उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश, पूर्वी राजस्थान, मध्य प्रदेश, विदर्भ, पश्चिम बंगाल, सिक्किम, बिहार, ओडिशा, अरुणाचल प्रदेश, असम, मेघालय, कोकंण, गोवा, मध्य महाराष्ट्र, गुजरात, तटीय कर्नाटक, केरल में भारी बारिश का अर्लट है। इसके अलावा 15 जुलाई तक उत्तराखंड की कुछ जगहों, उत्तर प्रदेश, पूर्वी राजस्थान, मध्य प्रदेश, विदर्भ, छत्तीसगढ़, बिहार, पश्चिम बंगाल का गंगा क्षेत्र और मध्य महाराष्ट्र में गर्जना और बिजली गिरने की संभावना है। वहीं दक्षिण पश्चिम और निकटवर्ती पश्चिम मध्य बंगाल की खाड़ी, आंध्र प्रदेश के तट और मन्नार की खाड़ी में तेज हवाएं चलेंगी। तूफानी हवाओं को देखते हुए मौसम विभाग ने चेतावनी जारी की है कि इन इलाकों में मछली पकड़ने और किसी तरह के व्यापार से संबंधित काम के लिए न जाएं।
गर्मी बढ़ने के साथ समुद्र दे रहे हैं उत्तर भारत को नमी: एक्सपर्ट
साल 2023 मौसम के लिहाज से नई चुनौतियां लेकर आया है। पहले फरवरी में बढ़ती गर्मी ने 123 साल के रेकॉर्ड को तोड़ा, अप्रैल और जून में नमी भरी लू ने कई हिस्सों पर कहर बरपाया। अब उत्तर पश्चिमी भारत में अत्यधिक बारिश जानलेवा बनी हुई है। हिमाचल प्रदेश में जहां फ्लैश फ्लड और लैंडस्लाइड्स का दौर चल रहा है, तो दिल्ली में बारिश ने 40 साल के रेकॉर्ड को तोड़ दिया है। मौसम वैज्ञानिकों के अनुसार, मौसम की इन जानलेवा घटनाओं को जलवायु परिवर्तन ने ट्रिगर किया है। स्काईमेट के वाइस प्रेजिडेंट महेश पलावत ने बताया कि मौजूदा बारिश तीन सिस्टमों के एक साथ बनने की वजह से हो रही है। पश्चिमी हिमालय पर वेस्टर्न डिस्टरबेंस, उत्तर पश्चिमी मैदानी इलाकों में साइक्लोनिक सर्कुलेशन और मॉनसून ट्रफ के गंगा के मैदानी इलाकों के करीब बने रहने की वजह से यह बारिश हो रही है। इस तरह के तीन सिस्टम मॉनसून में असामान्य नहीं हैं लेकिन ग्लोबल वार्मिंग की वजह से मॉनसून के पैटर्न में बदलाव आ रहा है। इस समय जमीन और समुद्र दोनों के तापमान बढ़ रहे हैं। इसकी वजह से हवा में नमी सोखने की क्षमता अधिक है। यही बढ़ती नमी इस तरह की बारिश को हर साल बढ़ा रही है। आने वाले सालों में गर्मी के साथ बारिश की तीव्रता भी बढ़ेगी।
गाजियाबाद में कुछ दिनों तक हल्की बारिश के आसार
मौसम विभाग ने अगले कुछ दिनों तक हल्की बारिश के आसार जताए हैं। मंगलवार को सुबह करीब 9 बारिश शुरू हुई। 11 बजे तक रुक-रुक कर बौछारें पड़ती रहीं। इस दौरान 3 एमएम बारिश रेकॉर्ड की गई। मौसम विभाग का कहना है कि हवा में नमी ज्यादा है, जिससे उमस महसूस हो रही है। अधिकतम तापमान मंगलवार को 28 और न्यूनतम तापमान 24 डिग्री सेल्सियस रेकॉर्ड किया गया।
Author: samachar
"कलम हमेशा लिखती हैं इतिहास क्रांति के नारों का, कलमकार की कलम ख़रीदे सत्ता की औकात नहीं.."