आत्माराम त्रिपाठी की रिपोर्ट
जब तीन तलाक पर कानून बना था तो हर मुस्लिम महिला ने दिल खोलकर इस फैसले का स्वागत किया था। सलमा ने मिठाई बांटी थी, नीलोफर ने शुक्राने की नमाज अदा की थी, शाइस्ता ने अपनी दोस्त को फोन करके खुशी का इजहार किया था। ये हाल सिर्फ सलमा, निलोफर और शाइस्ता का नहीं था हर मुस्लिम महिला, हर मुस्लिम लड़की ने उस दिन को अपनी जीत के जश्न के रूप में मनाया था जब ट्रिपल तलाक के खिलाफ बिल आया था। जब ट्रिपल तलाक को अपराध घोषित किया गया था।
कब तक जारी रहेगा ट्रिपल तलाक
जी हां ट्रिपल तलाक अपराध है हमारे देश में लेकिन आज भी धड़ल्ले से इस अपराध को किया जाता है। बिना किसी डर के, बिना कानून की परवाह के मुस्लिम महिलाओं पर ये अत्याचार बदस्तूर जारी है। सिर्फ तीन शब्दों में एक महिला के विश्वास को उसके गुरूर को उसके जीने की आस को तोड़ दिया जाता है। पिछले 2 दिन के अंदर ट्रिपल तलाक के कई ऐसे मामले सामने आए हैं। सबसे पहले जान लीजिए इन मामलों को।
मुरादाबाद, उत्तर प्रदेश
मुरादाबाद के मझोला थाना इलाके में रहने वाली एक महिला की शादी पिछले साल नवंबर में हुई। पिता ने अपनी सामर्थ्य से पूरा खर्च किया। धूमधाम से शादी हुई, लेकिन पति को दहेज चाहिए था। शादी के बाद से ही वो पत्नी पर दहेज के नाम पर टॉर्चर करने लगा। ससुराल वाले भी इसमें शामिल थे। ये लोग लड़की से पांच लाख रुपये और कुछ सामान की मांग कर रहे थे। लड़की ने दहेज लाने से मना किया तो उसके साथ मारपीट की जाने लगी। इस लड़की के मुताबिक इसके देवर ने इसके साथ बदतमीजी करने की भी कोशिश की। कई महीनों तक लड़की सब कुछ सहती रही, लेकिन एक दिन इसके पति ने इसे ऐसा दर्द दिया जिसकी इसने कल्पना भी नहीं की थी। तलाक, तलाक, तलाक… ये तीन शब्द बोलकर इसे घर से निकाल दिया गया।
कौशांबी, उत्तर प्रदेश
यहां भरी पंचायत के बीच एक शख्स ने अपनी पत्नी को ट्रिपल तलाक दे दिया। सबा नाम की लड़की की तीन साल पहले अतीक अहम से शादी हुई थी। अतीक का परिवार सबा को दिए गए दहेज से नाखुश था। वो लगातार सबा को परेशान कर रहे थे। यहां तक कि उन्होंने सबा को घर से भी निकाल दिया था। वो अपने मायके आई, लेकिन पिता के समझाने के बाद एक बार फिर वापस ससुराल लौटी, लेकिन ससुरालवालों की ज्यादतियां खत्म नहीं हुई। सबा बानो के साथ मारपीट होने लगी। दोनों परिवारों के बीच सुलह के लिए पंचायत बिठाई गई, लेकिन भरी पंचायत में पति अतीक अहमद ने 3 तलाक बोलकर सबा को हमेशा के लिए अकेला कर दिया। सबा के पिता दामाद के सामने ऐसा न करने की गुहार लगाते रहे, लेकिन इस शख्स ने बिना किसी डर के ट्रिपल तलाक के अपराध को अंजाम दिया।
जयपुर, राजस्थान
तीसरा मामला तो और भी हैरान करने वाला है। एक शख्स ने पुलिस स्टेशन में ही अपनी पत्नी को तलाक, तलाक, तलाक कहकर छुटकारा पा लिया। दरअसल एक महिला ने अपने पति और ससुरालवालों के खिलाफ दहेज प्रताड़ना को लेकर केस दर्ज करवाया था। पुलिस ने महिला और उसके पति को थाने में बुलाया। पति थाने में आया भी। उसने बताया कि उसने दूसरी शादी कर ली है। थाने में ही वो बहस करने लगा और फिर वही पुलिस के सामने उसने महिला को तलाक दे दिया। दोनों की शादी साल 2018 में हुई थी। शादी के बाद से ही ससुराल वाले लगातार दहेज की मांग कर रहे थे। दोनों पक्षों के बीच कई बार सुलह भी हुई, लेकिन अब लड़के ने दूसरी शादी कर ली और फिर थाने में ही पहली पत्नी को तलाक भी दे दिया।
3 साल की सजा के हैं प्रावधान
सोचिए ये तीनों ही मामले बेहद हैरान करने वाले हैं। एक जगह भरी पंचायत में तलाक दे दिया गया, दूसरी जगह पुलिस के सामने लड़की को तलाक दिया गया। सुप्रीम कोर्ट के पांच जजों की संविधान पीठ ने 22 अगस्त 2017 को अपने फैसले में ट्रिपल तलाक को असंवैधानिक घोषित कर दिया था। ट्रिपल तलाक को लेकर कानून बन चुका है। तीन साल की सजा के प्रावधान भी हैं, लेकिन ऐसे लोगों को देखकर तो यहीं लगता है कि इन्हें न कानून का डर है और न ही सजा की परवाह। कानून तो बन गया, लेकिन ऐसे लोगों का क्या किया जाए?
Author: samachar
"कलम हमेशा लिखती हैं इतिहास क्रांति के नारों का, कलमकार की कलम ख़रीदे सत्ता की औकात नहीं.."