मन्नू भाई गुजराती की रिपोर्ट
ओडिशा के बालासोर जिले के बहनागा बाजार स्टेशन पर शुक्रवार शाम को तीन ट्रेनों के बीच हुई भीषण दुर्घटना हुई। इस घटना में अब तक 70 से ज्यादा यात्रियों की मौत हो गई और 350 से अधिक घायल हो गए हैं। कई यात्री अभी भी मलबे में फंसे हुए हैं। सर एम विश्वेश्वरैया टर्मिनल-हावड़ा सुपरफास्ट एक्सप्रेस की दो बोगियां पहले खड़गपुर से लगभग 140 किलोमीटर दूर दक्षिण पूर्व रेलवे के खड़गपुर डिवीजन के बहानगा बाजार स्टेशन के पास शाम करीब 7.10 बजे पटरी से उतर गईं। लगभग उसी समय, समानांतर ट्रैक पर विपरीत दिशा से आ रही चेन्नई जाने वाली शालीमार-चेन्नई कोरोमंडल एक्सप्रेस (12841) ने बहुत तेज गति से पटरी से उतरे बोगियों को टक्कर मार दी। टक्कर से कोरोमंडल एक्सप्रेस के 12 डिब्बे पटरी से उतर गए। ट्रेन के पटरी से उतरे कुछ डिब्बे समानांतर ट्रैक पर खड़ी मालगाड़ी से टकरा गए। इस हादसे के बाद यात्रियों में अफरा-तफरी मच गई। हर तरह सिर्फ चीख-पुकार और दर्द से कर्राह रहे लोगों की आवाज सुनाई दे रही थी।
यशवंतपुर-हावड़ा एक्सप्रेस के एक यात्री विधान जेना ने कहा, ‘यह एक गगनभेदी ध्वनि थी। मैंने महसूस किया कि मेरे पैरों के नीचे की जमीन हिल रही है। हमारी ट्रेन पीछे की ओर चली और रुक गई। जब मैंने बाहर देखा तो एक और एक्सप्रेस ट्रेन बहुत तेज गति से गुजर रही थी। मैंने देखा कि हमारी ट्रेन की चार बोगियां पटरी से उतर गईं और लोग उसके नीचे दब गए। बाहर बहुत अंधेरा था और मुझे सिर्फ लोगों का रोना-चिल्लाना सुनाई दे रहा था।’
‘हर तरफ लाशें ही नजर आ रही थीं’
यात्री ने कहा कि यशवंतपुर-हावड़ा एक्सप्रेस और कोरोमंडल एक्सप्रेस उस स्थान पर टकरा गए जहां उन्होंने पटरियां बदली थीं। उन्होंने कहा, ‘मैं इधर-उधर पड़ी लाशों को देखकर चौंक गया। बहुत भयानक सीन था। मेरा दिमाग सुन्न हो गया था।’
कटी लाशों ने दिमाग किया सुन्न’
हादसे के प्रत्यक्षदर्शी एक अन्य अधेड़ व्यक्ति ने कहा, ‘टक्कर की भयानक आवाज थी। हम मौके पर पहुंचे और हर जगह बिना हाथ और बिना पैरों के शव पड़े देखे। लोग बदहवास होकर अपने परिजनों को खोज रहे थे। यह दृश्य वर्णन करने के लिए बहुत भयानक है।’
ईस्ट कोस्ट रेलवे ने देर शाम एक बयान में कहा, ‘12864 (बेंगलुरु-हावड़ा) डाउन मेन लाइन से गुजर रही थी, जिसके दो डिब्बे पटरी से उतर गए। पटरी से उतरे ये डिब्बे 12841 कोरोमंडल एक्सप्रेस से टकरा गए और एक्सप्रेस के डिब्बे पलट गए। दुर्घटना स्थल पर दृश्य बेहद परेशान करने वाले थे। परिजन अपनों की तलाश कर रहे थे। हमने बचाव अधिकारियों को घायलों को अस्पतालों में ले जाने में मदद की।
Author: samachar
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