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November 22, 2024 11:05 am

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शराब का कर्ज उतारने के लिए पिता ने बेटी से मंगवाई भीख, मासूम भाई ने बचाया, आपको रूला देगी ये कहानी

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आनंद शर्मा की रिपोर्ट 

कोटा। राजस्थान की राजधानी जयपुर से दिल को दहला देने वाली (Heart Wrenching) खबर सामने आई है। यहां एक शराबी पिता ने शराब का कर्ज चुकाने के लिए 4 साल की मासूम बेटी को भीख (Beggary) मांगने के लिए सड़कों पर छोड़ दिया।

मासूम बेटी रोजाना 80 से 100 रुपख मांगकर लाती और कर्जदार को देती। इस तरह से बेटी ने कर्जदार को 4500 रुपये चुका दिए। बाद में मासूम बच्ची को उससे दो साल बड़े छह वर्षीय भाई ने उसे अपने पिता और कर्जदार से बचाया। भाई अपनी बहन को लेकर जयपुर से कोटा चला गया।

कोटा में दोनों भाई-बहन को निराश्रित घूमते देखकर वार्ड पार्षद की सूचना पर पुलिस ने उनको दस्तयाब किया। बाद में दोनों को बाल कल्याण समिति के समक्ष पेश किया गया। भाई बहन की व्यथा सुनकर पुलिस और बाल कल्याण समिति के सदस्यों के पैरों तले से जमीन खिसक गई। बाल कल्याण समिति ने दोनों बच्चों को अपने संरक्षण में ले लिया है। दोनों से काउंसलिंग की जा रही है। उसके बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी।

पिता ने कर्जदार को सौंप दिया मासूम बेटी को

बाल कल्याण समिति अध्यक्ष कनीज फातिमा ने बताया कि मासूम बच्ची जयपुर की रहने वाली है। उसका पिता शराबी है और कबाड़ का काम करता है। पीड़िता की मां अपाहिज है। बच्ची के भाई ने बताया कि शराब पीने के फेर में उसके पिता पर कर्ज चढ़ गया। पिता ने शराब पीने के लिए एक व्यक्ति से रुपये उधार लिए थे। लेकिन वह उन रुपयों को चुका नहीं पाया। इस बात को लेकर उसके पिता और कर्जदार के बीच रोज कहासुनी होती थी। इस पर कर्जदार पिता ने चार साल की बेटी को उसे सौंप कर कह दिया कि इससे भीख मंगवाकर अपना कर्जा वसूल ले।

मासूम भाई ने दिखाई हिम्मत और बहन को लेकर कोटा आ गया

उसके बाद कर्जदार बालिका को लेकर चला गया. उसने भीख मांगने के लिए बच्ची को सड़क पर उतार दिया। बच्ची रोज 80 से 100 रुपए मांग कर लाती थी और कर्जदार को देती थी। जानकारी के मुताबिक कर्जदार बच्ची से भीख मंगवाकर अब करीब साढ़े चार हजार रुपये वसूल चुका है। लेकिन बाद में बच्ची के मासूम भाई ने हिम्मत दिखाते हुए अपनी बहन को भिक्षावृत्ति से मुक्त करवाया। वह उसे लेकर जयपुर से कोटा आ गया।

तीन चार दिन से दोनों भाई-बहन कोटा में घूम रहे थे

दोनों भाई बहन तीन चार दिन से कोटा में घूम रहे थे। शुक्रवार को रेलवे कॉलोनी इलाके में उनको निराश्रित घूमते हुए देखकर वार्ड पार्षद ने पुलिस को सूचना दी। इस पर पुलिस उनको लेकर बाल कल्याण समिति पहुंची। बाल कल्याण समिति के सदस्य अरुण भार्गव ने बताया कि जब बच्चों से काउंसलिंग की तो यह शर्मनाक खुलासा हुआ। अब आगे की कार्रवाई की जा रही है।

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Author: samachar

"कलम हमेशा लिखती हैं इतिहास क्रांति के नारों का, कलमकार की कलम ख़रीदे सत्ता की औकात नहीं.."

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