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November 23, 2024 8:35 am

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….इस इलाके में छुपी है जुर्म के मिल्कियत की बेखौफ रानी “शाइस्ता”, पढिए कैसे पुलिस वाले की बेटी बन गई इनामी गैंगस्टर

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दुर्गा प्रसाद शुक्ला और अंजनी कुमार त्रिपाठी की रिपोर्ट 

अतीक अहमद (Atiq Ahmed) की पत्नी शाइस्ता परवीन (Shaista Praveen) को लेकर प्रयागराज पुलिस (Prayagraj Police) को अहम सुराग मिले हैं। शाइस्ता के प्रयागराज-कौशांबी बॉर्डर (Prayagraj Kaushambi Border) पर किसी जगह में छिपे होने की सूचना मिली है। जिसके बाद पुलिस लगातार बॉर्डर पर कचहरी इलाके के कई गांव में छापेमारी कर रही है। इसके साथ ही कई लोगों से पूछताछ भी की गई है। पुलिस ने बरेठी, पूरामुफ्ती, मरियाडीह समेत कई इलाकों में छापेमारी की है। हालांकि अभी तक पुलिस को कोई कामयाबी नहीं मिल पाई है। 

वही शाइस्ता जिस पर अब 50 हजार रुपये का इनाम है। वो पुलिस को चकमा दे रही है। पूरी यूपी पुलिस और एसटीएफ लगातार शाइस्ता के पीछे लगी है। लेकिन वो है कि गिरफ्तार नहीं हो रही है। आखिर इतनी शातिर कैसे बनी शाइस्ता। जानिए शाइस्ता परवीन की पूरी कहानी (Shaista Parveen History)

1996 में शादी, पिता पुलिस विभाग में सिपाही

अब अतीक का अंत हो चुका है। 50 साल से जिस अपराध के किले को उसने बनाया वो अब ध्वस्त हो चुका है। जब जेल में था तो उसकी जगह बीवी शाइस्ता परवीन अपने पति के जुर्म की दुनिया को संभालने लगी थी। जिस वजह से शाइस्ता परवीन भी लेडी डॉन कही जाने लगी। किस शख्स से क्या रंगदारी मांगनी है। उसे कैसे धमकी दिलानी है। ये सबकुछ वही शाइस्ता तय करती है। शाइस्ता और अतीक की शादी अगस्त 1996 में हुई थी। शाइस्ता पुलिस को चकमा देने में इतनी माहिर इसलिए है क्योंकि वो खुद खाकी वर्दी के परिवार से ताल्लुक रखती है। उसका बचपन पुलिस थाने और चौकियों में ही रहा है। शाइस्ता परवीन के पिता का नाम फारूख है। वो पुलिस विभाग में सिपाही थे। थाना परिसर में ही उसका परिवार रहा। बचपन में ही उसने देखा था कि कैसे पुलिस किसी का पीछा करती है। कैसे कोई पुलिस को चकमा देता है। उसे ये सबकुछ बचपन में ही देखने को मिल चुका था और निकाह के बाद उसकी जिंदगी में जुर्म की नींव रखी शौहर अतीक अहमद ने।

शाइस्ता परवीन का परिवार इलाहाबाद यानी प्रयागराज के दामुपुर गांव में रहा करता था। बचपन में पिता के साथ वो कई थानों में बने सरकारी पुलिस क्वॉर्टर में रही थी। शाइस्ता का बचपन और उसके बाद के कई साल प्रतापगढ़ में बीता था। शाइस्ता परवीन के परिवार में 4 बहनें और 2 भाई हैं। सभी भाई बहनों में शाइस्ता ही बड़ी है। इसके दो भाइयों में से एक मदरसे में प्रिंसिपल है।

शाइस्ता का मतलब शिष्टाचार वाली लड़की

शाइस्ता का मतलब क्या है। असल में शाइस्ता अरबी भाषा का नाम है। जिसका मतलब होता है शिष्टाचार। इसका मतलब योग्य, काबिल और शरारत नहीं करने वाली भी होता है। लेकिन इस शाइस्ता अपने नाम से बिल्कुल उलट निकली। शिष्टाचार के बजाय ये खुद लोगों को बडे रौब से धमकाती थी। अतीक के जेल जाने के बाद उसके जुर्म के सारे काले कारनामों को वो खुद संभालती थी। वो खुद धमकी देती थी। 

कितनी पढ़ी लिखी है शाइस्ता परवीन

शाइस्ता परवीन की पढ़ाई लिखाई प्रयागराज में हुई है। उसने ग्रेजुएशन किया है. 12वीं तक की पढ़ाई किदवई गर्ल्स इंटरकॉलेज से की है। ये कॉलेज प्रयागराज के हिम्मतगंज में है। पढ़ाई के बाद वो घर का कामकाज ही देखती थी। 1996 में जब अतीक अहमद का राजनीति से लेकर जुर्म की दुनिया में बड़ा नाम हो चुका था तब उससे शाइस्ता का परिवार रिश्ता लेकर गया था। दोनों का परिवार पहले से जान पहचान थी। शाइस्ता बोलने में तेज तर्रार थी। अतीक अहमद से ज्यादा पढ़ी लिखी थी। इसलिए उसने भी रिश्ता मंजूर कर लिया। अगस्त 1996 में दोनों की शादी हुई थी। अतीक और शाइस्ता के कुल 5 बच्चे हैं। इनमें से अब असद की मौत हो चुकी है। उसके बेटों के नाम अली, उमर अहमद, असद, अहजान और अबान हैं।

शाइस्ता कैसे उमेशपाल हत्याकांड में शामिल थी

थीयहां बड़ा सवाल उठता है कि आखिर उमेशपाल हत्याकांड में अतीक की बीवी शाइस्ता का नाम कैसे आया? असल में उमेशपाल की हत्या की शुरुआत शाइस्ता ने ही कराई थी। वो साबरमती जेल में मिलने अतीक से गई थी। वहीं पर अतीक और शाइस्ता के बीच उमेशपाल को मारने की चर्चा हुई थी। इसके लिए अतीक ने शाइस्ता से जेल में ही फोन पहुंचाने की बात कही थी। जेल में फोन पहुंचाने के लिए उसने एक पुलिसकर्मी का नाम भी बताया था। जिसके जरिए कुछ दिनों बाद ही शाइस्ता ने अतीक को फोन पहुंचाया था। अब उसी फोन के जरिए अतीक ने सभी शूटर्स से बात की। फिर शूटर्स ने अशरफ से मुलाकात की। इसके बाद फाइनल साजिश तैयार हुई। हालांकि, बाद में अतीक और शाइस्ता ने जब फोन पर बात की तब बीवी ने कहा था कि इस पूरी घटना में असद को शामिल नहीं कराना चाहिए था। उसी समय अतीक ने कहा था कि असद शेर का बेटा है।

शाइस्ता कैसे देती थी धमकी, जानिए एक पीड़ित की जुबानी 

parveenअतीक की पत्नी शाइस्ता कैसे को धमकी देती थी। उसे लेकर एक प्रॉपर्टी डीलर जीशान ने बड़ा खुलासा किया है। उसने बताया कि पहले रंगदारी मांगने के लिए अतीक फोन करता था। लेकिन उसके जेल में जाने के बाद शाइस्ता खुद कमान संभाल चुकी थी। वो खुद ही फोन पर धमकाती थी। जीशान ने बताया कि उसे खुद शाइस्ता फोन पर कई बार धमकी दे चुकी है।

मुश्किल में आया अतीक तो शाइस्ता ने ज्वाइन की बसपा

इसी साल जनवरी 2023 में शाइस्ता ने बसपा ज्वाइन की थी। मीडिया रिपोर्ट में दावा है कि प्रयागराज में मेयर चुनाव के दौरान शाइस्ता को टिकट देने की बात सामने आई थी। लेकिन 24 फरवरी को उमेशपाल की हत्या में अतीक का नाम आने के बाद से मामला बिगड़ने लगा था। अब शाइस्ता खुद फरार हो गई। उस पर 50 हजार का इनाम घोषित हो गया। अतीक की हत्या हो गई्। लिहाजा, अब बसपा ने शाइस्ता का नाम मेयर प्रत्याशी से हटा दिया है।

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Author: samachar

"कलम हमेशा लिखती हैं इतिहास क्रांति के नारों का, कलमकार की कलम ख़रीदे सत्ता की औकात नहीं.."

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