इरफान अली लारी की रिपोर्ट
देवरिया: उत्तर प्रदेश के देवरिया जिले में उस समय अफरा-तफरी मच गई जब एक ईंट भट्ठे पर काम करने वाले दो मजदूरों की ईंट का ढेर गिरने से उसमें दबकर मौत हो गई, जबकि 3 अन्य महिला मजदूर घायल हो गयीं। पुलिस ने शनिवार को यह जानकारी दी।
नगर क्षेत्र के पुलिस क्षेत्राधिकारी (सीओ) श्रीयश त्रिपाठी ने बताया कि रामपुर कारखाना थाना क्षेत्र के बभनौली गांव में स्थित एक ईंट भट्ठे में शनिवार सुबह करीब 9:30 बजे ईंटों का ढेर गिर गया जिसमें दबने से वहां काम करने वाले छत्तीसगढ़ के यशवंत उर्फ छोटू यादव (36) तथा हरीनाथ (35) की मौके पर ही उनकी मौत हो गई। सीओ ने बताया कि हादसे में छत्तीसगढ़ की रहने वाली महिला मजदूरों सीमा (45), सरोजिनी (50) एवं जमोतरी (52) गंभीर रूप से घायल हो गईं।
उन्होंने बताया कि घायलों को देवरहा बाबा मेडिकल कालेज, देवरिया में भर्ती कराया गया है जहां उनकी हालत स्थिर बताई जा रही है। त्रिपाठी ने बताया कि इस संबंध में पुलिस विधिक कार्रवाई कर रही है।
देर रात मृतक यशवंत उर्फ छोटू के पिता मोहित राम यादव निवासी लखन थाना कसडौल जिला बलदौर बाजार छत्तीसगढ़ ने रामपुर कारखाना थाने पर तहरीर दिया।
तहरीर के मुताबिक मजदूर का आरोप है कि भट्ठा मालिक मुक्ति नाथ तिवारी, उनके पुत्र अजीत नाथ त्रिपाठी और संजू, मुनीम मुस्तफा समेत चार पांच अन्य लोगों ने पुरानी चट्टा लगाई गई ईंट जबरन निकालने को कहा। जबकि मजदूरों में दीवार गिरने की आशंका जताई थी। बावजूद इसके भट्ठा मालिक ने जबरन ईंट निकलवाया और यह दुर्घटना हो गई। मामले में पुलिस ने मोहित राम यादव की तहरीर पर मुक्तिनाथ त्रिपाठी, अजीत त्रिपाठी, संजू, मुस्तफा और 3-4 अन्य लोगों के खिलाफ गैर इरादतन हत्या और बालश्रम का मुकदमा दर्ज कर लिया है।
एसडीएम और सीओ ने दर्ज किया मजदूरों का बयान
हादसे के बाद शनिवार की देर रात एसडीएम सदर सौरभ सिंह और सीओ सदर श्रीयस त्रिपाठी ईट भट्टे पर पहुंचे। दोनों अधिकारियों ने भट्ठा पर कार्यरत मजदूरों से हादसे की जानकारी ली। घटनास्थल का जायजा लेने के बाद अधिकारियों ने मजदूरों का बयान दर्ज किया। दोनों के साथ श्रम प्रवर्तन अधिकारी शशि सिंह भी मौजूद रहीं।
14 बाल श्रमिक मुक्त कराए गए
रामपुर कारखाना थानाक्षेत्र के बभनौली स्थित एमएन टी मार्का ईंट भट्ठा स्थल की श्रम प्रवर्तन अधिकारी शशि सिंह ने जांच कराई। जहां पर कुल 83 श्रमिक नियोजित पाए गए। जिनमें 14 बाल श्रमिक मिले। इसमें 10 लड़के व 4 लड़कियां थी। बाल श्रम प्रतिषेध एवं विनियमन अधिनियम 1986 के अंतर्गत भट्ठे पर कार्यरत 14 किशोर श्रमिकों को मौके से उप जिलाधिकारी सदर, सीओ नगर एवं जिला प्रोबेशन अधिकारी की उपस्थिति में अवमुक्त कराया गया। इसके बाद बच्चों को चाइल्ड लाइन, वन स्टॉप सेंटर के सहयोग से सभी का रविवार को महर्षि देवरहा बाबा मेडिकल कॉलेज के नियंत्रणाधीन जिला अस्पताल में आयु परीक्षण कराया गया। आयु परीक्षण के बाद सभी को चाइल्ड वेलफेयर कमेटी (सीडब्ल्यूसी) के सुपुर्द कर दिया गया।
Author: samachar
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