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November 1, 2024 11:49 pm

लूट पाट का ऐसा फैला रखा था साम्राज्य कि सुनकर लोग हक्के-बक्के रह गए, पुलिस भी हो रही थी परेशान

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राकेश तिवारी की रिपोर्ट 

गोरखपुर: गोरखपुर और वाराणसी एसटीएफ को एक बड़ी सफलता हासिल हुई है। एसटीएफ ने 2010 के दशक में अपनी अपराधिक गतिविधियों से ताबड़तोड़ कई हत्याओं और लूट की वारदात को अंजाम देकर सनसनी फैला देने वाले 50 हजार के अंतरराज्यीय इनामी शूटर और लुटेरे को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया। पुलिस को 13 वर्षों से इस अपराधी की तलाश थी। राजू अंसारी उर्फ आफताब की गिरफ्तार को पुलिस बड़ी कामयाबी मान रही है।

बनारस एसटीएफ को मुखबिरों से सूचना मिली कि बड़हलगंज बस स्टैंड के पास एक दुर्दांत और 50 हजार का इनामी राजू अंसारी उर्फ आफताब देखा गया है। बनारस एसटीएफ इंचार्ज पुनीत सिंह परिहार ने सूचना मिलते ही तुरंत बड़हलगंज पुलिस और गोरखपुर एसटीएफ से संपर्क साधा। मौके पर पहुंचकर अंतरराज्यीय शूटर को गिरफ्तार कर लिया। पूछताछ में आफताब ने कई बड़ी घटनाओं में शामिल होने की बात स्वीकार की है।

गोरखपुर में मचा दी थी सनसनी

पुलिस की पूछताछ में आफताब ने बताया कि वह बिहार के सीतामढ़ी का रहने वाला है। अपराध की दुनिया में आने से पहले वह पंजाब के लुधियाना में सिलाई का काम करता था। जहां उसकी मुलाकात आजमगढ़ के निवासी राजेश गुप्ता और गोरखपुर के बड़हलगंज निवासी अरमान से हुई। तीनों गोरखपुर में राजेश गुप्ता की बहन की शादी में शामिल होने गोरखपुर आए थे,जहां उसकी मुलाकात दीपक मिश्रा से हुई। जिसने राजू अंसारी उर्फ आफताब को उस दौर के गोरखपुर के कुख्यात अपराधी बृजेश यादव से मुलाकात कराई। यहीं से आफताब की अपराधिक और जयराम की दुनिया की शुरआत हुई। धीरे-धीरे आफताब ने कई वारदातों को अंजाम दिया। इन वारदातों के बाद वह दुर्दांत और पेशेवर शूटर बन गया।

कई वारदातों को दिया अंजाम

गोरखपुर के बड़हलगंज थाना क्षेत्र का रहने वाला कुख्यात बदमाश बृजेश यादव जिसे एसटीएफ द्वारा एक मुठभेड़ के दौरान मार गिराया गया। बृजेश यादव के संपर्क में आने के बाद आफताब बृजेश गैंग का सक्रिय सदस्य हो गया। बृजेश द्वारा इसे असलहा, गाड़ी और पैसा उपलब्ध कराया। इसके बाद आफताब की दुनिया बदल गई। हाथ में कैंची की जगह पिस्टल ने ले ली और न जाने कब वह टेलर मास्टर से पेशेवर शूटर बन गया। इसके बाद से उसने ताबड़तोड़ कई घटनाओं को अंजाम देना शुरू किया, जिसमें हत्या से लेकर लूट की कई घटनाएं शामिल है।

लूट की कई वारदात अंजाम दी

आफताब ने अपने क्राइम की दुनिया की शुरुआत 2008 में बृजेश यादव के ही गांव से ही की। जहां मार्कंडेय सिंह जिसकी पुरानी रंजिश बृजेश यादव से थी। आफताब ने मारकंडेय पर घातक हमला किया था, हमले में मारकंडे बाल बाल बच गए थे। इस मामले में आफताब को पुलिस ने गिरफ्तार कर जेल भेजा था। तीन साल बाद रिहा होने के पर गैंग के साथियों के साथ मिलकर आफताब ने ताबड़तोड़ कई अपराधिक घटना और हत्याओं को अंजाम दिया। 2010 में अमृतसर के एक व्यवसायी को बड़हलगंज में गोली मारकर उससे 55 लाख के जेवरात लूट लिए थे। एक महीने बाद ही चिलुआताल थाना क्षेत्र के पंकज कुमार को गोली मारकर उनकी लाइसेंसी पिस्टल और 2 लाख रुपए की लूट की थी। 2010 में ही शाहपुर थाना क्षेत्र के आकाश दत्त पाण्डेय को गोली मारकर उनका मोबाइल और रुपए लूट लिए थे।

साथी को छुड़ाने के लिए पुलिस पर किया था हमला

आफताब ने अपने गैंग के साथी रणविजय यादव को जेल से छुड़ाने के लिए उसकी पेशी के दौरान एक रणनीति बनाई और पुलिस वैन पर ताबड़तोड़ हमला कर उसे छुड़ा ले गया था। इस दौरान हुई मुठभेड़ में आरक्षी मैनेजर सिंह की मौत भी हुई थी। राजू अंसारी उर्फ आफताब ने इस दौरान कई अपराधिक घटनाओं को अंजाम देकर गोरखपुर में सनसनी फैला दी थी। पुलिस को तभी से उसकी तलाश थी।

क्या कहना है एसटीएफ का

गोरखपुर एसटीएफ इंचार्ज सत्यप्रकाश सिंह और बनारस एसटीएफ इंचार्ज पुनीत सिंह परिहार के संयुक्त नेतृत्व में हुई। इस कार्रवाई की जानकारी देते हुए पुनीत सिंह परिहार ने बताया कि राजू अंसारी और आफताब की तलाश गोरखपुर और बनारस पुलिस को सन 2010 से ही थी। मुखबिरों से सूचना मिली की बड़हलगंज बस स्टेशन पर आफताब दिखाई दिया है। सूचना मिलते ही गोरखपुर एसटीएफ और बनारस एसटीएफ की संयुक्त टीम ने बड़हलगंज पुलिस के साथ इसे वहां से धर दबोचा। पूछताछ में आफताब ने अपने कई अपराधिक वारदातों का खुलासा किया है।

samachar
Author: samachar

"कलम हमेशा लिखती हैं इतिहास क्रांति के नारों का, कलमकार की कलम ख़रीदे सत्ता की औकात नहीं.."