इरफान अली लारी की रिपोर्ट
देवरिया भाटपाररानी। मदन मोहन मालवीय संस्थान के प्रबंधक व वरिष्ठ भाजपा नेता राघवेंद्र वीर विक्रम सिंह ने कहा कि समानता राष्ट्र व समाज निर्माण की आधारशिला है, जिस पर चल कर चिर अस्थाई गगनचुंबी इमारत खड़ा किया जा सकता है।
उक्त बातें श्री सिंह शुक्रवार को महाविद्यालय सभागार में समानता विषयक संगोष्ठी में बोल रहे थे, उन्होंने शिक्षा,नागरिक, राजनीतिक, सामाजिक, प्राकृतिक एवं आर्थिक समानता पर विस्तारपूर्वक प्रकाश डालते हुए कहा कि शिक्षा में समानता का अर्थ है कि सभी विद्यार्थियों को जाति, वर्ग, प्रदेश, धर्म, लिंग आदि के भेदभाव के बिना समान अवसरों की प्राप्ति हो । समता का मतलब बराबरी होता है , जबकि समानता का मतलब एक दूसरे लोगो को समान अवसर उपलब्ध कराने संबंधित है। नागरिक व राजनितिक समानता जाति, रंग, वर्ण, धर्म, जन्म स्थान,लिंग के आधार पर किसी को किसी अधिकार से वंचित न किया जाए।सामाजिक समानता का अर्थ किसी समाज में धनी निर्धन, छूआछूत, ऊँच-नीच के भेदभाव न हो। समाज को रंग, जाति, वर्ग या वंश के आधार पर किसी प्रकार न बाटा जाय। प्राकृतिक समानता से अर्थ प्रत्येक व्यक्ति के व्यक्तित्व को समझा जाना चाहिए और एक व्यक्ति के व्यक्तित्व का प्रयोग दूसरे व्यक्ति के व्यक्तित्व के साधन के रूप में नहीं किया जाना चाहिए। आर्थिक समानता का अर्थ कोई भी व्यक्ति भूखा न मरे और कोई भी व्यक्ति इतना अधिक धन न जमा कर सके कि वह दूसरों का शोषण करने लगे।संपूर्ण संस्थानिक एक परिवार है टीम भावना से कम करने का संकल्प लें। हमारा कर्म हमारे साथ रहेगा, आपका क्रम आप के साथ रहेगा।
गोष्ठी की अध्यक्षता कर रहे संस्थान के प्राचार्य प्रोफ़ेसर सतीश चंद्र गौड़ ने गोष्ठी के सभी बिंदुओं पर विस्तार पूर्वक चर्चा किया।
गोष्ठी में प्रोफेसर देवेंद्र प्रताप मिश्र, प्रोफेसर कमलेश नारायण मिश्र, प्रोफेसर मनोज कुमार, प्रोफेसर राम अवतार वर्मा, पूर्व प्राचार्य डॉ राकेश कुमार, डॉ मनीष नाथ त्रिपाठी, डॉ अंशुमान सिंह ,डॉ रणजीत सिंह, डॉ सुशील कुमार पांडेय,डॉक्टर पूनम यादव, डॉक्टर श्रीनिवास मिश्र, डॉ अवनीत सिंह, डॉ महेंद्र मिश्र, डॉ एसके पाठक, डॉक्टर अमीर लाल, डॉक्टर कनक लता, डॉक्टर प्रवीण प्रजापति, डॉक्टर शिव शंकर प्रजापति, डॉक्टर सौरभ पाल, डॉक्टर ज्ञान प्रकाश ,डॉक्टर अरुण कुमार गुप्त, डॉ अभिमन्यु पांडेय,शिवप्रसाद ,प्रवीण शाही, शिवप्रताप सिंह आदि लोगों ने प्रतिभा लिया।
Author: samachar
"कलम हमेशा लिखती हैं इतिहास क्रांति के नारों का, कलमकार की कलम ख़रीदे सत्ता की औकात नहीं.."