दुर्गा प्रसाद शुक्ला की रिपोर्ट
बाराबंकी : उन्नाव सड़क हादसे में हुई मौतों के बाद बाराबंकी के बसौली गांव में कोहराम मच गया। शनिवार को एक ही परिवार की चार अर्थियां उठी तो गांव थर्रा गया। वहीं परिवार के 3 सदस्यों का बहराइच में अंतिम संस्कार किया गया। चीख पुकार के बीच गांव में मौत का मातम छाया रहा। बूढ़े पिता ने लड़खड़ाते कदमों के बीच जवान बेटे-बहू और पोते-पोती को मुखअग्नि दी।
बाराबंकी सूरतगंज निवासी बसौली गांव निवासी राम खेलावन राजपूत के चार बेटे हैं। उत्तम सबसे बड़ें तो दिनेश दूसरे नंबर पर थे। तीसरे नंबर पर मनोज, चौथे पर अतुल है। रामखेलावन परिवार के सभी लोगों के साथ नगर कोतवाली क्षेत्र के चित्रगुप्त नगर में बीस वर्षों से रहते है। दिनेश राजपूत भी लखपेड़ाबाग में हार्डवेयर की एक प्रतिष्ठान संचालित करतें थे।
दिनेश सोमवार को पत्नी अनीता, बेटी गौरी के संग दो बेटा लक्ष्यवीर और आर्यन के साथ आगरा एवं मथुरा घूमने के लिए अपनी डिजायर कार से सोमवार को निकले थे। दिनेश के साथ उनकी दो साली प्रिया, प्रीति अपनी मां कांति के साथ भी गई हुई थी, जो कि बहराइच जिलें के जरवल कस्बा थाना क्षेत्र के भयापुरवा निवासी हैं। सभी आठ लोग शुक्रवार की दोपहर आगरा और लखनऊ एक्सप्रेस वे पर लोधाटीकुर के पास पहुंचे थे।
50 मीटर ने 10 बार पलटी कार
जानकारों के मुताबिक कार को दिनेश चला रहे थे, तभी आगे चल रही ट्रक ने अचानक ब्रेक मार दी तो दिनेश ने कार को काट लिया। लेकिन कार अनियंत्रित हो गई और वो संभाल नहीं सके और कार लगभग पचास मीटर की दूरी में दस बार पलट गई और डिवाइडर पार करते हुए दूसरे ओर जा पहुंची और दूसरी कार एक्स यू वी से जा टकराईं। भीषण हादसे में दिनेश पत्नी अनीता बेटी गौरी के संग सास कांति एवं साली प्रीति की घटनास्थल पर मौत हो गई। जबकि बेटे आर्यन व साली प्रिया राजपूत को ट्रामा सेंटर लखनऊ रेफर कर दिया गया, जहां देर रात्रि में दोनों ने दम तोड़ दिया।
मुख्यमंत्री ने तत्काल प्रशासन को दिए निर्देश
सीएम योगी आदित्यनाथ के ट्वीट के बाद हरकत में आए उन्नाव शासन व प्रसाशन ने देर रात्रि में पांच शवों का पोस्टमार्टम करवा के तत्काल ही शव को भेज दिया।शनिवार भोर चार बजे दिनेश व पत्नी अनीता व बेटी गौरी के शव बसौली गांव पहुंचे तो कोहराम मच गया। वहीं बेटे आर्यन का शव पीएम के बाद दोपहर करीब दो बजे पहुंचा। यहां पर इन शव के एक नजर देखने के लिए भारी संख्या में लोग और रिश्तेदार उमड़ पडे़। दिनेश राजपूत के मृद स्वभाव की चर्चा करते हुए नहीं थक रहे थे। परिजनों की चीत्कार पत्थर दिल को भी पिघलाने के लिए पर्याप्त थी।
हृदय विदारक घटना में मृतकों के अंतिम संस्कार में सांसद उपेन्द्र सिंह रावत के समेत वकील और व्यापारी सहित सैकड़ों लोग मौजूद रहे। वहीं उनके सास और सालियों के शव बहराइच भेजे गए जहां उनका अंतिम संस्कार हुआ।
Author: samachar
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