दुर्गा प्रसाद शुक्ला की रिपोर्ट
लखनऊः उत्तर प्रदेश में रामचरितमानस पर विवादित बयान देने वाले सपा नेता स्वामी प्रसाद मौर्य को लेकर विरोध की राजनीति गरमाने लगी है। मुद्दे को लेकर राजधानी लखनऊ में सपा मुखिया अखिलेश यादव को हिंदू संगठनों ने काले झंडे दिखाए और उनके खिलाफ नारेबाजी की। अब इसे लेकर अखिलेश यादव ने योगी आदित्यनाथ सरकार पर हमला बोला है। अखिलेश ने कहा कि मैं मुख्यमंत्री जी (योगी आदित्यनाथ) से सदन में पूछूंगा कि मैं शूद्र हूं कि नहीं हूं। इससे पहले भी उन्होंने कहा था कि बीजेपी और आरएसएस के लोग दलितों और पिछड़ों को शूद्र समझते हैं।
लखनऊ में विरोध को लेकर अखिलेश ने बीजेपी और आरएसएस पर करारा हमला किया। उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा, ‘कल मैं मंदिर में दर्शन करने जा रहा था। क्या बीजेपी और आरएसएस के लोगों ने वहां गुंडागर्दी नहीं की? अगर हमें पता होता कि चार-छः गुंडे आएंगे तो हम भी अपनी तैयारी से जाते। कार्यकर्ताओं के साथ। उन्होंने कहा, ‘(बीजेपी-आरएसएस ने) 5-6 गुंडे भेज दिए और ये जब काला झंडा समाजवादी लोग दिखाते हैं तो एक-एक साल जेल भेजते हो कार्यकर्ताओं को? एक-एक साल जेल गए हैं समाजवादी कार्यकर्ता। दो-दो साल जेल में रहे हैं। केवल सिद्धांत पर विरोध करने के लिए।’
अखिलेश ने इस घटना को रामचरितमानस विवाद से जोड़ते हुए कहा, ‘मुख्यमंत्री जी अगर योगी न होते, धार्मिक स्थान से न आए होते, तो शायद यह सवाल मैं उनसे न पूछता लेकिन चूंकि वह योगी भी हैं और धार्मिक स्थान से उठकर सदन में आए हैं, तो मैं ये कहूंगा कि वो चौपाई एक बार हमें पढ़कर सुना दो। क्या आप पढ़कर सुना सकते हो मुझे बताओ? मैं मुख्यमंत्री जी से पूछने जा रहा हूं कि मैं शूद्र हूं कि नहीं हूं?
उन्होंने पत्रकारों से कहा कि अगर चौपाई याद हो तो भगवान राम की कसम खाकर पढ़ दो। अगर अच्छी है तो अच्छी है, खराब है तो खराब है।
अखिलेश ने स्पष्ट किया कि (रामचरितमानस) ग्रंथ की कोई खिलाफत नहीं कर रहा है। न भगवान के खिलाफ हैं और न आमजनमानस के खिलाफ हैं लेकिन ये बीजेपी वाले बताएं कि उनके नेता क्या-क्या कहते हैं? मुख्यमंत्री जी से मैं सदन में पूछूंगा कि मैं शूद्र हूं कि नहीं हूं?
Author: samachar
"कलम हमेशा लिखती हैं इतिहास क्रांति के नारों का, कलमकार की कलम ख़रीदे सत्ता की औकात नहीं.."