राकेश तिवारी की रिपोर्ट
अवागढ़-एटा। स्वीडन की छोरी का अवागढ़ के छोरे पर दिल आ गया। 10 साल पहले शुरू हुई फेसबुक पर दोस्ती परवान चढ़ गई और युवती अकेली ही अवागढ़ तक चली आई, जो अब दुल्हन बन चुकी है। दूल्हा के घर पर विवाह की रस्में हुई हैं। हिंदू रीति रिवाज से युवती की शादी हुई। इस शादी को लेकर युवक का परिवार खूब खुश है। बताया यह भी गया है कि लड़की के परिवार की भी रजामंदी है। दोनों अपने-अपने धर्म को मानेंगे। किसी पर भी धर्म परिवर्तन के लिए कोई दवाब नहीं है।
दस वर्ष पहले हुई दोस्ती
स्वीडन के बारवर्ग शहर निवासी 23 वर्षीय क्रिस्टल रेवर्व ने होटल मैनेजमेंट और टूरिज्म में डिप्लोमा किया है, लेकिन वह कहीं जाब नहीं करती। किस्टल के पिता रेलवे में टेक्नीशियन हैं और मां भी जाब करती हैं। क्रिस्टल के पांच भाई-बहन है। 10 साल पहले फेसबुक पर अवागढ़ निवासी गीतम सिंह के पुत्र पवन ने क्रिस्टल को फ्रेंड रिक्युस्ट भेजी, जो उसने स्वीकार कर ली। इसके बाद दोनों में बातचीत होने लगी और फेसबुक पर मेलजोल बढ़ गया। प्रेम दिवानी सात समंदर पार से 10 साल में आठ बार भारत आई। इस दौरान पवन से मिलती रही। यह प्रेम बढ़ता गया और वह अपने प्रेमी के घर वालों से भी मिली। युवक-युवती ने शादी करना तय कर लिया।
नौकरी की तलाश में है पवन
पवन डीआरडीओ में जाब करते थे, जो किसी कारणवश छूट गया और अब वे जाब की तलाश कर रहे हैं, लेकिन किस्टल पर इसका कोई असर नहीं पड़ा और वह 27 जनवरी को स्वीडन से आगरा पहुंची, जहां से पवन का परिवार उन्हें यहां ले आया। पवन के घर में सुबह से ही शादी की रस्में चल रहीं थीं। मंडप सजाया गया, जहां शादी हुई। क्रिस्टल शादी के बाद कुछ दिन यहां रहेगी और इसके बाद पवन भी उसके साथ स्वीडन जाएंगे, जहां क्रिश्चियन रीति रिवाज से भी शादी होगी।
अपने – अपने धर्म को मानेंगे
पवन ने बताया कि हम दोनों अपने-अपने धर्म को मानेंगे। किसी पर कोई बंदिश नहीं है। न मेरे ऊपर क्रिश्चिन बनने के लिए कोई दवाब बनाया जा रहा। यह शादी चर्चा का विषय बन गई है।
Author: samachar
"कलम हमेशा लिखती हैं इतिहास क्रांति के नारों का, कलमकार की कलम ख़रीदे सत्ता की औकात नहीं.."