इरफान अली की रिपोर्ट
देवरिया। स्वामी विवेकानंद ने कहा था की घर मे बैठ कर गीता पढ़ने से अच्छा है युवा मैदान में जाकर फुटबॉल खेले। योगाचार्य धर्मेंद्र प्रजापति ने बताया कि आधुनिक दौर में जहां एक तरफ रोटी कपड़ा मकान की तरफ मनुष्य प्राणी भागते जा रहे हैं तो वही दीन दयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय के दर्शन शास्त्र विभाग में स्वामी विवेकानंद जयंती एवं युवा दिवस पर योग से पीजी व डिप्लोमा कर रहे छात्र छात्राओं व अन्य सभी सदस्यों को 1 जनवरी से 12 जनवरी तक 21,000 (2,56,000 आसन ) सूर्य नमस्कार कराकर सभी देशवासियों को पूर्ण स्वास्थ्य के लिए योग को जीवन मे अपनाने का संदेश दिया। जिस तरह स्वामी जी शिकागों में जाकर भारतीय संस्कृती की परचम लहराए वैसे ही हम सभी युवाओ को योग से जुड़कर स्वयं में बदलाव लाकर एक दूसरे के अंदर स्वामी विवेकानंद के दिये विचारों को पहुचाये।
दर्शनशास्त्र विभाग के अध्यक्ष प्रो. गोपाल प्रसाद जी ने सभी छात्रों को बधाई देते हुए कहा कि स्वामी विवेकानंद जी के मार्ग पर चलना मानव जीवन का परम् लक्ष्य होना चाहिए। 39 वर्ष की अवस्था में उन्होंने जो भारत व विश्व को ज्ञान दिया वो आज भी अतुलनीय है। वही कॉलेज के कुलपति महोदय ने युवा दिवस पर सभी छात्र छात्राओं को बधाई प्रेसित किये।
योग कक्षा में मुख्य रूप से ज्योति, श्रेया, पूजा, निधि, साधना, मधु, सीखा, सुनीता, सीमा, नीलू, सिमरन, सरोज देवी, शोभा, विनोद शुक्ला, कृष्ण कुमार, धनंजय मुकेश, निक्की मद्धेशिया,तारा दुबे, कंचन पांडेय, मंजू, किरण इत्यादि सभी सूर्य नमस्कार कर योग सन्देश को घर घर पहुचाने का निर्णय लिया।
दर्शन विभाग के प्रो. संजय जी, प्रफुल्ल जी, सुनील जी इत्यादि सभी ने सराहना किये।
Author: samachar
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