Explore

Search
Close this search box.

Search

19 January 2025 7:38 pm

लेटेस्ट न्यूज़

श्रीमद्भागवत कथा के दूसरे दिन केरल से पधारे आचार्य राघवेन्द्र शास्त्री ने आज की कथा ज्ञान से सबका मन मोह लिया

40 पाठकों ने अब तक पढा

सर्वेश द्विवेदी की रिपोर्ट 

देवरिया। सलेमपुर के संस्कृत पाठशाला पर चल रहे श्रीमद्भागवत कथा के दूसरे दिन केरल से पधारे आचार्य राघवेन्द्र शास्त्री ने कहा कि सत्य सबको प्रिय है और ईश्वर ही सत्य है।

कथा प्रारम्भ करते हुए कथा वाचक राघवेंद्र शास्त्री ने बताया युधिष्ठिर ने अपने जीवन में सिर्फ एक गलती की थी, जिसके लिए उनको थोड़ी देर के लिए नरक जाना पड़ा था। देवराज इंद्र ने युधिष्ठिर को बताया कि तुमने अश्वत्थामा के मरने की बात कहकर छल से द्रोणाचार्य को उनके पुत्र की मृत्यु का विश्वास दिलाया था। द्रोणाचार्य के पूछने पर तुमने कहा था “अश्वत्थामा मारा गया “। इसी के परिणाम स्वरूप तुम्हें भी छल से ही कुछ देर तक नरक के दर्शन पड़े।

कथा के मध्य ‘धर मन दोसर सत्य समाना। आगम निगम पुराण बखाना। ‘गीत के माध्यम से श्रद्धालुओं को झूमने को मजबूर कर दिया।

उन्होंने कहा कि महाराज उत्तानपाद की दो रानियाँ थी, उनकी बड़ी रानी का नाम सुनीति तथा छोटी रानी का नाम सुरुचि था। सुनीति से ध्रुव तथा सुरुचि से उत्तम नाम के पुत्र पैदा हुए। महाराज उत्तानपाद अपनी छोटी रानी सुरुचि से अधिक प्रेम करते थे और सुनीति प्राय: उपेक्षित रहती थी।

“निकुंज में विराजे घनश्याम राधे – राधे।
श्याम राधे-राधे घनश्याम से मिलादे।”

कथा के साथ संगीतमय गीतों का श्रोताओं ने लुत्फ उठाया।

उक्त अवसर पर मुख्य यजमान मनोज बरनवाल, मनोज श्रीवास्तव, राजेश जायसवाल, जिलामंत्री अभिषेक जायसवाल, भाजपा मीडिया प्रभारी अजय दुबे वत्स, बृजेश उपाध्याय, अर्जुन चौरसिया, दिनेश चंद्र बरनवाल, विकास मद्देशिया, शेषनाथ सिंह आदि श्रोता उपस्थित रहे।

samachar
Author: samachar

"कलम हमेशा लिखती हैं इतिहास क्रांति के नारों का, कलमकार की कलम ख़रीदे सत्ता की औकात नहीं.."

लेटेस्ट न्यूज़