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November 1, 2024 8:07 pm

वह चट्टान की दीवार पर ऐसे चढ़ता है जैसे हम-आप जमीन पर पैदल चलते हैं, ये बंदर नहीं इंसान है, वीडियो ? देखिए

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सीमा किरण की रिपोर्ट 

नई दिल्ली: लपककर एक हाथ ऊपर फेंकते हुए वह सीधी खड़ी चढ़ाई सेकेंडों में पूरी कर लेता है। शायद आप सोच रहे हों कि किसी जानवर की बात हो रही है। जी नहीं, यह एक इंसान है। कोई इसे ‘मंकी मैन’ कहता है तो कोई मंकी किंग, कुछ लोग इसे भारत का स्पाइडरमैन भी कहते हैं। यकीन मानिए अगर आप इस शख्स के करतब को देखेंगे तो आंखें खुली की खुली रह जाएंगी। सीधा चढ़ने पर मुश्किल होती है तो वह उल्टा भी लटक जाते हैं। कुछ वैसा ही जैसा फिल्मों में स्पाइडरमैन या बंदर को करते हम देखते हैं। ‘अजूबे इंसान’ सीरीज में आज हम बात करने वाले हैं कर्नाटक से ताल्लुक रखने वाले ज्योति राज की।

किले की दीवार पर चढ़ने वाला इंसान

चित्रदुर्ग के प्रसिद्ध स्पाइडरमैन ज्योति राज को ‘Kothi Raj’ के नाम से पुकारा जाता है। उनके पैरों और हाथों में गजब की पकड़ है। उनके लिए तो चढ़ाई ‘हलुआ’ है। वह बताते हैं, ‘दीवार को लेकर मेरे दिमाग में अच्छी पकड़ बन गई है। मुझे पता होता है कि अपने पैर कहां रखने हैं।’ बेंगलुरु से 200 किमी दूर चित्रदुर्ग किले की दीवार पर वह अपना करतब दिखा चुके हैं। 35 साल के राज रोज चित्रदुर्ग किले में आने वाले सैकड़ों लोगों का मनोरंजन करते रहते हैं। मजे की बात यह है कि चढ़ाई के दौरान बीच में कुछ पल के लिए वह बंदर जैसी हरकत करते हैं, जिससे दर्शकों के चेहरे खिल उठते हैं। पीठ को खुजला लेते हैं, बंदर की आवाज निकालते हैं या फिर उल्टा लटक जाते हैं। बच्चे ही नहीं, बड़ों को भी उनका कौशल हैरत में डाल देता है। आगे पढ़ने से पहले यह वीडियो देखिए।

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जैसे ही राज चढ़ना शुरू करते हैं तालियां बजने लगती हैं। तभी उनका हाथ ऊपर से फिसलता है और वह नीचे गिरने लगते हैं। फिर संभलते हैं, लोग घबरा जाते हैं। राज अपने हाथों को सुखाते हैं और फिर अगले कुछ पल खामोशी में बीतते हैं। लोग टकटकी लगाए दीवार पर चढ़ रहे राज को देख रहे होते हैं। राज खुद को एकाग्र करते हैं, ईश्वर को याद करते हैं और ऊपर चढ़ने की जगह दीवार पर उल्टा लटक जाते हैं। दीवार पर पैर फैलाए नीचे की तरफ लटके इंसान को देख लोगों के रोंगटे खड़े हो जाते हैं। तालियों की आवाज तेज होने लगती है। कुछ सेकेंड के बाद वह फिर से ऊपर की तरफ चढ़ने लगते हैं। वह दीवार पर झूलते हैं। एक कोने में बैठकर बंदर की तरफ शरीर को खुजलाते हैं। यह देख लोग हंसने लगते हैं।

सोशल मीडिया पर आपको उनके इस करतब के कई वीडियो देखने को मिल जाएंगे। लेकिन इस स्किल के पीछे एक खतरनाक घटना छिपी है जो होते-होते बची। एक समय ऐसा आया था जब ज्योति राज किले से अपना जीवन खत्म करना चाह रहे थे। लेकिन तभी उन्हें अहसास हुआ कि वह दीवार पर चढ़ सकते हैं, इससे उन्हें जीवन में एक नई उम्मीद जगी और आजीविका का साधन भी मिल गया। कई बार उनकी हड्डियां टूटीं लेकिन हौसला नहीं। उन्हें अपने हाथों की पकड़ पर भरोसा है। वह 800 फीट से ऊंचे वाटर फॉल पर चढ़ाई का रेकॉर्ड बना चुके हैं।

राज अब फ्री में लड़के और लड़कियों को दीवार पर चढ़ने की ट्रेनिंग दे रहे हैं। उनका सपना है कि वह दीवार पर चढ़ने की प्रतियोगिताओं और ओलंपिक के लिए युवाओं को तैयार कर सकें। कुछ समय पहले एक इंटरव्यू में उन्होंने बताया था कि ट्रेनिंग के लिए एक आर्टिफिशल दीवार की जरूरत है जिस पर करीब 50 लाख रुपये का खर्च आएगा। अंतरराष्ट्रीय मानक की दीवार पर 1 करोड़ से ज्यादा खर्च हो सकता है। वह चित्रदुर्ग में ऐसी दीवार बनाने के लिए फंड इकट्ठा कर रहे हैं।

राज बताते हैं कि वह 16 साल से किले की दीवारों पर चढ़ रहे हैं और देशभर से आने वाले लोगों का मनोरंजन करते हैं। उन्होंने कहा कि अगर दीवार चित्रदुर्ग में बनाई जाए तो जिले का नाम होगा और युवा प्रशिक्षित भी हो सकेंगे। उनके कई स्टूडेंट्स राष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में शामिल हो चुके हैं। कुछ राज से प्रशिक्षण लेकर सशस्त्र बलों में भी जा चुके हैं।

ज्योति राज का जीवन बेहद मुश्किल भरा रहा है। तमिलनाडु में वह एक मेले में अपने परिवार से बिछड़ गए। उस समय वह केवल तीन साल के थे। एक तमिल परिवार ने उन्हें अपने साथ रखा। वह 13 साल की उम्र में वहां से भाग गए क्योंकि उन्हें काफी प्रताड़ित किया जा रहा था। वह चित्रदुर्ग की तरफ जा रहे थे जब एक किसान से मुलाकात हुई। बाद में पड़ोसियों के किसान को दिए जाने वाले ताने सुनने के बाद उन्होंने ऊंचाई से कूदकर आत्महत्या करने का मन बना लिया। लेकिन तभी तकदीर ने रास्ता दिखाया। The Incredible Monkey Man के नाम से उन पर बायोपिक भी बन चुकी है। वह फिल्म में देखे जा चुके हैं। कई बार बचाव अभियान में उनकी मदद ली जा चुकी है।

samachar
Author: samachar

"कलम हमेशा लिखती हैं इतिहास क्रांति के नारों का, कलमकार की कलम ख़रीदे सत्ता की औकात नहीं.."