सुरेन्द्र प्रताप सिंह की रिपोर्ट
चुरू (Rajasthan)। राजस्थान के चुरू जिले से एक अजीबोगरीब मामला सामने आया है। यहां की पुलिस 2 महीने से एक नाबालिग को ढूंढने में लगी हुई थी। पुलिस को भले ही नाबालिग नहीं मिली हो। लेकिन इस नाबालिग को ढूंढने के चक्कर में पुलिस के कई शौक पूरे हो गए। पुलिसकर्मी इस नाबालिग को ढूंढने के लिए लग्जरी गाड़ियों में सफर करते और पनीर पकोड़े खाते। न्याय न मिलने से परेशान नाबालिग लड़की के चाचा ने जहर पीकर आत्महत्या कर ली। घटना के बाद इलाके में पुलिस कर्मियों के खिलाफ लगातार विरोध बढ़ता जा रहा है।
मामले को लेकर चूरू के रतन नगर इलाके के रहने वाले ग्रामीणों ने एसपी को शिकायत देकर बताया है कि नाबालिग को ढूंढने के नाम पर पुलिस थाने के एएसआई श्यामलाल, हेड कांस्टेबल भंवरलाल और सिपाही मदनलाल लग्जरी गाड़ियों में सफर करते थे। इतना ही नहीं श्यामलाल होटलों पर पनीर के पकोड़े खिलाने की मांग करता था। तीनों पुलिसकर्मी मिलकर अब तक करीब 2.80 लाख रुपए नाबालिग के परिवार से खर्च करवा चुके हैं। वही इस मामले में एसपी का कहना है कि पूरे मामले की जांच होगी। यदि पुलिसकर्मी भी दोषी हैं तो उन्हें भी नहीं बख्शा जाएगा।
नाबालिग को किडनैप करने का था आरोप
चूरू के रतन नगर के रहने वाले सुरजाराम ने तहरीर देकर बताया था कि उसका छोटा भाई विदेश में रहता था। ऐसे में उसकी भतीजी उसके पास ही रहती थी। जिसे 29 अक्टूबर को रिश्तेदारी के ही दो युवक नवीन और नरेश किडनैप कर ले गए थे। पुलिस ने तुरंत मामला दर्ज कर जांच शुरू की।
2 महीने घूमने के बाद भी खाली रहे पुलिस के हाथ
पुलिस पूरे दो महीने तक घूमती रही लेकिन नाबालिग का कोई क्लू तक नहीं मिल पाया। ग्रामीणों का कहना है कि पुलिस ने इस मामले में केवल अपने शौक पूरे किए हैं। उन्हें कोई मतलब नहीं कि किसी की बेटी किस हाल में होगी।
Author: samachar
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