मुरारी पासवान की रिपोर्ट
गढ़वा। इस मां ने उस ममता का गला घोंट दिया जिसके लिए मांएं जिंदगी भर तपस्या करती है। एक मां ने उसी बच्चे को हलाल कर दिया जिसके लिए उसने नौ महीने शारीरिक कष्ट झेलना।
यह वाकया कहीं सुदूर देहात का नहीं बल्कि जिला समाहरणालय के पीछे अवस्थित नवादा गांव का है, जहां मोड़ से आगे नदी पुल के नीचे एक गमछे में लपेट उक्त नवजात को फेंका गया है। उधर नज़र पड़ते ही बच्चा फेंके जाने की बात एक दूसरे से से होते हुए पूरे गांव में लोगों तक पहुंची और जैसे-जैसे लोगों को जानकारी हो रही है लोग वहां पहुंच जहां एक ओर उस नवजात को देख भावुक हो रहे हैं तो वहीं दूसरी ओर तत्क्षण गुस्से में आ कर उस मां को कोस रहे हैं जिसके द्वारा अपने नवजात को मौत दे दिया गया।
पूत तो हर युग में कपूत होते रहे हैं लेकिन वर्तमान गुज़रते युग में माता का कुमाता बन अजन्मे के साथ साथ जन्मे नवजात की जान लेना निश्चित रूप से एक बड़ा और गंभीर सवाल है।
Author: samachar
"कलम हमेशा लिखती हैं इतिहास क्रांति के नारों का, कलमकार की कलम ख़रीदे सत्ता की औकात नहीं.."