दुर्गा प्रसाद शुक्ला और नौशाद अली की रिपोर्ट
बलरामपुर। उत्तर प्रदेश की योगी सरकार के मंशा के विपरीत खनन विभाग और पुलिस विभाग के अधिकारी मिलकर खनन माफियाओं को न केवल संरक्षण दे रहे हैं। बल्कि पहाड़ी नालों में बेहतर आने वाली अकूत प्राकृतिक संपदा का दोहन करवाकर, उत्तर प्रदेश सरकार को राजस्व का नुकसान भी पहुंचा रहे हैं।
रात का अंधेरा होते ही खनन माफियाओं के हौसले बुलंद हो जाते हैं। जिले के ललिया और हरैया थाना क्षेत्र से बहकर निकलने वाले जमधरा, धोबिनिया, हेंगहा व अन्य पहाड़ी नालों में अंधेरा होते ही ट्रैक्टर ट्रॉलीयों की लाइट जगमगाने लगती है। नालों में लोगों की चहल-पहल बढ़ जाती है और नालों में अवैध खनन का काला कारोबार शुरू हो जाता है।
ललिया और हरैया थाना क्षेत्र में पड़ने वाले हेंगहा नाले में खनन की एक्सक्लूसिव तस्वीरें सामने आई हैं, जिसमें ट्रैक्टर ट्रॉली से खनन होता दिखाई दे रहा है। खनन माफियाओं के लोग ट्रैक्टर ट्रॉली लेकर नालों में उतर जाते हैं और मजदूरों के ज़रिए बालू को ट्रॉली में भरवा लिया जाता है। फिर ट्रैक्टर ट्रॉली को निकालकर एक अलग जगह लाकर पलट दिया जाता है और यह प्रक्रिया तब तक दोराई जाती है, जब तक सवेरा नहीं हो जाता।
बताया जाता है कि अवैध खनन के धंधे में तकरीबन दो दर्जन खनन माफिया सम्मिलित हैं। ग्रामीण बताते हैं कि जैसे ही बरसात का सीज़न खत्म होता है। लगातार नालों में अवैध खनन को अंजाम देना शुरू कर दिया जाता है। अगर खनन रुकता है तो केवल बारिश के दिन, जब पहाड़ी नालों में बाढ़ आ जाती है और ट्रैक्टर ट्रॉली को निकलना मुश्किल हो जाता है।
ग्रामीण कहते हैं, अवैध खनन के कारण ना केवल ग्रामीण इलाकों की सड़कें और पुल टूट या क्षतिग्रस्त हो जाती है। ग्रामीण बताते हैं कि जिले के स्थानीय नालों में चल रहे अवैध खनन को हमने रोकने के लिए थानों में तैनात अधिकारियों से लेकर खनन विभाग के अधिकारियों तक को सूचना दी, लेकिन उन पर कोई कार्रवाई नहीं हुई।
ग्रामीण आरोप लगाते हैं कि पुलिस, राजस्व और खनन विभाग के लोग मिलकर जिले के नालों में अवैध रूप से खनन करवाते हैं। अवैध खनन चलता रहे, इसके लिए पुलिस और खनन विभाग के अधिकारियों द्वारा खनन माफियाओं को बाकायदा ‘लाइन’ (पैसे लेकर अवैध खनन की सुविधा देना) उपलब्ध करवाई जाती है। जब जब किसी उच्च अधिकारी या नेता का दौरा होता है तो खनन और पुलिस विभाग के अधिकारियों द्वारा ही खनन माफियाओं को सतर्क कर दिया जाता है।
ग्रामीणों के आरोप पर जब जिलाधिकारी डॉ महेंद्र कुमार से बात की तो उन्होंने कहा गोलमोल जवाब देते हुए कहा कि मामले को आपके द्वारा संज्ञान में लाया गया है। जांच करवाकर अवैध खनन को रोकने की कार्रवाई की जाएगी।
बताते चलें कि बलरामपुर जिले में महज 5 पॉइंट या नाले ऐसे हैं, जहां पर सरकार द्वारा खनन का ठेका दिया गया है। जहां से अवैध रूप से बालू का खनन किया जा सकता है।
वही, बलरामपुर जिले में हरैया सतघरवा, ललिया, महाराजगंज तराई, बलरामपुर देहात, तुलसीपुर, गैसड़ी, पचपेड़वा, गौरा चौराहा, उतरौला और जरवा थाना क्षेत्रों में पहाड़ी नाले बहते हैं या राप्ती नदी बहती है। यहां पर लगातार रात के अन्धेरे में अवैध रूप से रेत का खनन किया जाता है।
Author: samachar
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