दुर्गा प्रसाद शुक्ला की रिपोर्ट
पश्चिमी उत्तर प्रदेश के रामपुर मनिहारान थाने के अंतर्गत एक गांव में एक युवक और युवती की मौत 10 घंटे के अंतराल में हुई। बताया जाता है कि एक दूसरे के टकराव के कारण दोनों की मृत्यु हुई है और दोनों पक्षों ने एक दूसरे के खिलाफ मुकदमा दर्ज करवाया है। 19 वर्षीय जिया-उर-रहमान की उसके पड़ोसी तनु सैनी के घर पर पीट-पीटकर हत्या कर दी गई थी। कुछ घंटे बाद 19 वर्षीय युवती तनु भी कथित रूप से आत्महत्या के कारण मृत पाई गई थी।
दोनों मृतक अलग-अलग धर्म के हैं इसलिए गांव में बड़ी संख्या में पुलिस बलों और पीएसी की तैनाती की गई है। मुस्लिम बहुल गांव में किराने की दुकान के मालिक मृत युवक जिया के पिता मोहम्मद अयूब ने कहा कि उन्हें नहीं पता कि उनके बेटे पर हमला क्यों किया गया। उन्होंने कहा, “लगभग 2 बजे (बुधवार को) मुझे अपने बेटे के मोबाइल फोन पर एक स्थानीय पुलिसकर्मी का फोन आया कि वह बुरी तरह घायल और बेहोश है। मैं तुरंत उस जगह (सैनी हाउस) गया और जिया को एक स्थानीय अस्पताल ले गया। उन्होंने कहा कि उनकी गंभीर स्थिति के कारण वे उनका इलाज नहीं कर सकते और इसलिए हम उन्हें देहरादून के एक अस्पताल ले गए। चिकित्सा सहायता दिए जाने से पहले ही उनकी मृत्यु हो गई।”
वहीं तनु सैनी की मां सुनेश देवी सैनी ने कहा कि वे नहीं जानती कि उसे किसने पीटा था। उन्होंने कहा, “मंगलवार की आधी रात को हमने अपने आंगन से तेज आवाजें सुनीं। मैं और मेरे पति बाहर भागे और देखा कि एक आदमी को चार-पांच बाहरी लोगों द्वारा लाठियों और लोहे की छड़ों से पीटा जा रहा है। हमने उसे बचाने की कोशिश की, लेकिन वे उसे पीटते रहे। हमने पुलिस को फोन किया और वे उसे ले गए। कुछ घंटों बाद महिला कांस्टेबलों के साथ छह पुलिसकर्मी आए और हम पर उस व्यक्ति की हत्या का आरोप लगाया।”
तनु के भाई (जो दिल्ली में काम करता है) का दावा है कि हमलावरों ने सोचा था कि ज़िया चोर है। उसने कहा, “उन्हें सीसीटीवी में हमारे घर में प्रवेश करते हुए लगभग छह छात्रों ने देखा, जो हमारे घर से सटे एक पुस्तकालय में पढ़ रहे थे। वे हमारे घर में घुस आए और उसे चोर समझकर पीटा। हमने वास्तव में उसे (जिया) बचाया और पुलिस को सूचित किया।”
वहीं तनु के परिवार के अनुसार वह बुधवार सुबह करीब 11 बजे फांसी पर लटकी मिली। उसकी मां सुनेश देवी का दावा है कि ज़िया की मौत के बाद पुलिस द्वारा उसके पति को ले जाने के बाद सदमे से तनु ने आत्महत्या कर ली। उन्होंने कहा, “वह यह कहते हुए अपने कमरे में गई कि वह अपने कपड़े बदलने जा रही है और कुछ मिनट बाद उसकी बड़ी बहन ने उसे छत से दुपट्टे से लटका हुआ पाया। महिला कांस्टेबलों ने उसके शरीर को नीचे उतारा।”
पूरे मामले पर एसपी (सिटी) अभिमन्यु मांगलिक ने कहा कि अयूब ने रामपुर मनिहारन पुलिस स्टेशन में दर्ज प्राथमिकी में तनु के परिवार के चार लोगों का नाम लिया था। उन्होंने कहा, “तनु के पिता जनेश्वर (52), उनके बड़े भाई मानेश्वर (55), और दो चचेरे भाई, प्रियांशु (22) और शिवम सैनी (20) जिया की हत्या के दोषी हैं।”
दोनों परिवारों का दावा है कि पड़ोसी होने के बावजूद जिया और तनु एक-दूसरे को नहीं जानते थे। दोनों ने पहले कॉलेज में इंटरमीडिएट (कक्षा 12) तक पढ़ाई की थी। जिया ने स्कूल के बाद बीएससी, नर्सिंग में दाखिला लिया था, जबकि तनु ने पढ़ाई छोड़ दी थी। तनु के भाई ने पुलिस से सुरक्षा की गुहार लगाई है।
Author: samachar
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