सुरेन्द्र प्रताप सिंह की रिपोर्ट
नागौर। राजस्थान के नागौर जिले सांसद हनुमान बेनीवाल ने कहा कि पीआईबी भारत सरकार से जुड़ी जानकारी देने के लिए अधिकृत संस्था है और पीआईबी इंडिया के अधिकृत ट्वीट हैंडल से मानगढ़ धाम को राष्ट्रीय स्मारक का दर्जा देने की बात लिखकर उसे पुन: हटा देना मानगढ़ धाम में आस्था रखने वाले करोड़ों लोगो के साथ भद्दा मजाक है।
मानगढ़ धाम को राष्ट्रीय स्मारक घोषित करने की मांग लगातार सरकार से की जा रही थी और आज प्रधानमंत्री की सभा में तीन राज्यों के लोगो जिसमे अधिकतर आदिवासी आंचल के लोगो को इसी भरोसे के साथ वहां लाया गया था की मानगढ़ धाम को पीएम राष्ट्रीय स्मारक घोषित करेंगे और भाजपा के नेता लगातार इस बात का प्रचार भी कर रहे थे ,मगर प्रधानमंत्री द्वारा ऐसा नही किया गया जिससे आम जन के साथ आदिवासी आंचल के लोगो में भारी निराशा है,यह बात राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी के संयोजक व नागौर सांसद हनुमान बेनीवाल ने जारी प्रेस बयानों में कही।
पीएम केवल भाषण देकर चले गए
रोलोपा संयोजक ने कहा की चुंकि यह स्थान ब्रिटिश शासनकाल के जघन्य नरसंहार का गवाह है जहां 17 नवंबर 1913 को अंग्रेजों ने अचानक निहत्थे आदिवासी समाज के लोगो पर फायरिंग कर दी थी और उस वक्त, हजारों आदिवासी मानगढ़ पहाड़ी पर गुरु गोविंद की सभा में जुटे थे और उस नरसंहार में करीब 1500 आदिवासियों भाई शहीद हो गए थे ऐसे में देश के लिए जहां हजारों लोगो ने एक साथ शहादत दी उसको राष्ट्रीय स्मारक का दर्जा देने के लिए पीएम को तत्काल घोषणा करने की जरूरत थी मगर वो हमेशा की तरह केवल भाषण देकर चले गए !
बेनीवाल ने कांग्रेस पर साधा निशाना
सांसद बेनीवाल ने कहा मुख्यमंत्री गहलोत मानगढ़ धाम को राष्ट्रीय स्मारक का दर्जा देने की मांग कर रहे है मगर वो यह क्यों भुल रहे है की केंद्र में 50 सालो से अधिक समय तक उनकी पार्टी सत्ता में रही तब उन्होंने ऐसा कदम क्यों नही उठाया?
बेनीवाल ने कांग्रेस पर तंज कसते हुए कहा की कांग्रेस ने आदिवासी आंचल के लोगो को गुमराह करके हमेशा वोट बैंक की राजनीति की है वही कहां की मंच पर प्रधानमंत्री और गहलोत का गठजोड़ इस तरह नजर आ रहा था जैसे दोनो एक ही दल के हो।

Author: samachar
"कलम हमेशा लिखती हैं इतिहास क्रांति के नारों का, कलमकार की कलम ख़रीदे सत्ता की औकात नहीं.."