नौशाद अली की रिपोर्ट
बलरामपुर। सोमवार को राप्ती नदी ने खतरे के निशान को पार कर लिया। नदी के तटवर्ती करीब आधा दर्जन गांवों में पानी घुस गया है जबकि करीब एक दर्जन गांव नदी की बाढ़ से घिर गए हैं।
पहाड़ी नाले से आई बाढ़ तीसरे दिन कम तो हुई पर कई मार्गों पर आवागमन सोमवार को भी बाधित रहा। सुरक्षा के मद्देनजर तीसरे दिन भी ललिया हरिहरगंज मार्ग पर जनमेजय सिंह ईंट भट्ठा के निकट जहदी डिप पर प्रशासन ने बैरिकेटिंग लगाए रखी, जिससे तराई व आस पास के क्षेत्र वासियों को करीब 20 किलोमीटर अधिक दूरी तय करके जिला मुख्यालय पहुंचना पड़ रहा है।
जिन गांवों से पहाड़ी नाले का पानी निकल गया है वहां खेतों में रेत भर गई है तथा गांवों में कीचड़ की अंबार लगा है। तुलसीपुर बिजली घर में जल भराव है जिसके चलते पांच दिनों से साढ़े तीन सौ गांवों की बिजली आपूर्ति बाधित है।
सोमवार को शाम चार बजे सिसई घाट पर राप्ती का जल स्तर 104.83 मीटर दर्ज किया गया। खतरे के निशान 104.62 मीटर से करीब 20 सेंटीमीटर अधिक है। राप्ती की जल स्तर लगातार बढ़ रहा है। जल स्तर खतरे का निशान पार करते ही नदी के तटवर्ती गांवों में बाढ़ आ गई।
बरगदही, हिम्मतपुरवा, पटोहाकोट के मजरे चिकनौटा, बुढ़ंतपुर, सुखदेवपुरवा, कल्याणपुर आदि में बाढ़ का पानी घुस गया है। जबकि साखीरेत व अम्मरपुर समेत करीब आधा दर्जन गांव बाढ़ के पानी से घिर गए हैं। राप्ती नदी में पानी इसी तरह बढ़ता रहा तो बाढ़ प्रभावित ग्रामों की संख्या तेजी से बढ़ सकती है। वहीं दूसरी ओर राप्ती नदी का जल स्तर बढ़ते ही नदी ने तेजी से कटान शुरू कर दी है।
राप्ती तटवर्ती ग्रामों कल्याणपुर, टेंगनहिया मानकोट, बेलवा सुल्तानजोत, जमालीजोत, मदारा, डकही, रामनगर मिर्जापुर आदि में नदी कटान कर रही है। तीन दिन पूर्व नेपाल से निकलने वाले नालों में भी जबरदस्त बाढ़ आई थी। जिसका असर सोमवार को भी देखने को मिला।
ललिया हरिहरगंज मार्ग पहाड़ी नाले से आए पानी के चलते तीसरे दिन भी बंद रहा। तराई क्षेत्र के लोगों को जिला मुख्यालय पहुंचने के लिए 20 किलोमीटर के स्थान पर 40 किलोमीटर तय करके पहुंचना पड़ रहा है। तराई क्षेत्र से जिला मुख्यालय पहुंचने के लिए तुलसीपुर होकर अथवा महराजगंज तराई से कौआपुर होकर आया जा सकता है।
भवनियापुर, मकुनहवा, बनघुसरी, मदारगढ़, परसहवा, भौराही, पिट्ठा, नरायनपुर, प्रतापपुर, सुगानगर, कहराडीह, ओदरहिया, खैरपुरवा, लखनीपुर, किला, भुसैलिया से पहाड़ी नाले का पानी सोमवार को निकल तो गया लेकिन इन करीब दर्जन भर गांवों के खेतों में रेत भर गई है तथा गांव के भीतर कीचड़ जमा हो गया है।
इसी प्रकार महराजगंज तराई थाना क्षेत्र के मैटहवा विजईडीह सुगानगर बनकटवा आदि गांवों का भी यही हाल है।
Author: samachar
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