दुर्गा प्रसाद शुक्ला की रिपोर्ट
देश की राजनीति में इस समय ‘काला जादू’ सुर्खियों में है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा कांग्रेस पर काला जादू फैलाने के तंज के बाद राहुल गांधी ने भी हमला बोल दिया है। उन्होंने कहा है कि प्रधानमंत्री मोदी को महंगाई और बेरोजगारी नहीं दिखती है और वह अंधविश्वासी बाते कर रहें हैं। साफ है कि काला जादू को लेकर राजनीति गरमा गई है। लेकिन क्या आपको मालूम है कि देश में काला जादू कितनी बड़ी समस्या है। हर साल डायन, टोनही, चुड़ैल और कहकर बड़ी संख्या महिलाएं इसका शिकार हो जाती हैं। साल 2020 में इसकी वजह से 88 लोगों को जान गंवानी पड़ी है। यही नहीं अगर पिछले 2013-2020 का रिकॉर्ड देखा जाय तो स्थिति और भयावह नजर आती है। इन 8 साल में पूरे देश में 900 से ज्यादा लोगों की हत्याएं जादू-टोने की वजह से हुई है। चिंता की यह है कि अंध विश्वास के कारण इसका शिकार बच्चे भी हुए हैं।
क्या है काला जादू
काला जादू कोई वैज्ञानिक अवधारणा नहीं है। लेकिन इसके बावजूद यह पूरी दुनिया में प्रचलित है और यह एक ऐसी धारणा है जिसमें तंत्र को प्रमुखता दी जाती है। यानी किसी दूसरे व्यक्ति के साथ तंत्र साधना के जरिए अपनी इच्छाओं की लोग पूर्ति करने की कोशिश करते हैं। झारखंड, छत्तीसगढ़, असम,बिहार, राजस्थान,महाराष्ट्र, उड़ीसा सहित देश के अन्य राज्यों में काला जादू और उससे होने वाली हत्याओं का मामले सामने आते रहते हैं। किसी को डायन, चुड़ैल,टोनही बताकर उसकी हत्या भी इसी का हिस्सा है। झारखंड में डायन बताकर किसी कमजोर महिला की हत्या के ऐसे कई मामले सामने आए हैं। इसे देखते हुए ही देश के कई राज्यों में कालू जादू के जरिए होने वाले अपराधों को रोकने के लिए कानून बनाए गए हैं।
साल काल जादू (Witch Craft) के नाम पर हत्याएं
2020 88
2019 102
2018 63
2017 73
2016 134
2015 135
2014 156
2013 160
कुल 911
मूल अधिकार से लेकर कई अंतरराष्ट्रीय कानून का होता है उल्लंघन
काला जादू के नाम पर किसी भी नागरिक के प्रति किया गया अपराध, उसके मूल अधिकार का उल्लंघन होता है। जो कि सीधे संविधान के अनुच्छेद 14,15 और 21 का उल्लंघन करता है। इसके अलावा अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार कानून-1948, सिविल एंव राजनैतिक अधिकारों की अन्तराष्ट्रीय प्रसंविदा कानून-1966 सहित दूसरे कानून का उल्लंघन करता है। नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो के आंकड़ों के अनुसार विच हंट के तहत हुई हत्या को अपराध की कैटेगरी में शामिल किया जाता है। हालांकि अगर किसी व्यक्ति की हत्या नहीं हुई है, तो यह उस कैटेगरी में नही आता है।
राज्य काला जादू के नाम पर हत्याएं (साल 2020 ) साल 2019 में हत्याएं
झारखंड 15 15
छत्तीसगढ़ 16 22
ओडीसा 14 13
मध्य प्रदेश 17 16
बिहार 4 15
Source: NCRB
इन राज्यों ने अलग से बनाए हैं कानून
भारत में काला जादू से होने वाले अपराध को रोकने के लिए सबसे पहले बिहार में कानून लाया गया। साल 1999 में राज्य में डायन प्रथा प्रतिषेध अधिनियम, 1999 कानून लागू किया गया। इसके तहत यदि कोई भी व्यक्ति किसी औरत को डायन के रूप में पहचान कर उसे शारीरिक या मानसिक यातना, जान-बूझकर देता है या प्रताड़ित करता है, तो उसे 6 महीने तक की अवधि के लिए कारावास की सजा या दो हजार रुपये का जुर्माने अथवा दोनों सजाओं से दंडित किया जाएगा।
इसी तरह झारखंड में साल 2001 में झारखंड राज्य डायन प्रथा प्रतिषेध कानून लागू किया गया। इसके अलावा साल 2005 में छत्तीसगढ़ टोनही प्रताड़ना निवारण अधिनियम लागू किया गया है। इसी तरह राजस्थान, महाराष्ट्र, असम, उड़ीसा और कर्नाटक में कानून लागू है।
हालांकि केंद्रीय स्तर पर अभी कोई कानून नहीं पारित हुआ है। लेकिन साल 2016 में सहारनपुर से सांसद रहे राघव लखन पाल ने द प्रिवेंशन ऑफ विच हंटिंग बिल 2016 को लोक सभा में पेश किया था।
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Author: samachar
"कलम हमेशा लिखती हैं इतिहास क्रांति के नारों का, कलमकार की कलम ख़रीदे सत्ता की औकात नहीं.."