दुर्गा प्रसाद शुक्ला की रिपोर्ट
बाराबंकी। आपने बिजली बिल कम कराने, मीटर में सेटिंग कराने और तरह-तरह के जुगाड़ के बारे में अक्सर सुना होगा। लेकिन बाराबंकी पुलिस की साइबर सेल ने एक ऐसे गिरोह का खुलासा किया है जो बिजली का लाखों रुपये का बिल जीरो कराने के नाम पर ठगी कर रहा था। गिरोह के सदस्य बाकायदा धमका कर लोगों से वसूली कर रहे थे। आरोपी बिजली उपभोक्ताओं की बिल रसीद को बिजली विभाग के काउंटर पर जाकर अंकित धनराशि के साथ फर्जी चेक लगाकर जमा कर देते थे। बिल जमा करने पर बैंक द्वारा चेक क्लीयर होने से पहले ही बिजली विभाग से बिल शून्य वाली रसीद मिल जाती थी। इसका फायदा उठाकर ही अभियुक्त पूरा फर्जीवाड़ा करते थे. वहीं इस खुलासे से अब बिजली विभाग में हड़कंप मच गया है।
4 गिरफ्तार, 3 की तलाश जारी
दरअसल इस मामले की शिकायत लवलेश कुमार वर्मा पुत्र अवधराम वर्मा निवासी बड़ा लालपुर थाना कोठी जनपद बाराबंकी ने थाना कोठी पर की थी। इसमें अब्दुल हसन निवासी लखनऊ और उनके साथियों द्वारा लाखों रुपये का बिजली का बिल जीरो कराने के नाम पर ठगी के सम्बन्ध में आरोप लगाए गए थे। सूचना के आधार पर थाना कोठी पुलिस ने सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम के तहत बनाम अब्दुल हसन आदि 7 लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया था। पुलिस को अभी भी इस मामले में चार आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है। जबकि तीन अन्य लोगों की अभी भी तलाश जारी है।
ये हैं चारों आरोपियों के नाम
साइबर सेल बाराबंकी और थाना कोठी पुलिस की संयुक्त टीम ने इस मामले में अब्दुल हसन उर्फ मुन्ना निवासी हमिरापुर थाना मलिहाबाद जनपद लखनऊ, पंकज उर्फ गाजी उर्फ राकी निवासी मधेयगंज खदरा थाना हसनगंज जनपद लखनऊ, गुफरान उर्फ जुल्फिकार निवासी सिकरोरी थाना काकोरी जनपद लखनऊ और रिंकू पंडित उर्फ अमित शुक्ला निवासी गढ़ी पीरखां ठाकुरगंज थाना ठाकुरगंज जनपद लखनऊ को गिरफ्तार किया है।
फर्जी चेक और फर्जी रसीद से करते थे फर्जीवाड़ा
इनके पास से पुलिस ने मोबाइल, मोटरसाइकिल और कार बरामद की गई है। पुलिस के खुलासे के मुताबिक पूछताछ करने पर पता चला कि अभियुक्त अब्दुल हसन उर्फ मुन्ना द्वारा लोगों से सम्पर्क कर बिजली बिल जीरो कराने का लालच दिया जाता था। उसके बाद अभियुक्त के झांसे में आये बिजली उपभोक्ताओं से अब्दुल हसन द्वारा बिजली बिल रसीद लेकर अपने साथी पंकज उर्फ गाजी को भेज दिया जाता था। अभियुक्त पंकज उर्फ गाजी द्वारा बिल रसीद को बिजली विभाग के काउंटर पर जाकर अंकित धनराशि के साथ फर्जी चेक लगाकर जमा किया जाता था।
अभियुक्तों ने बताया गया कि चेक से बिजली बिल जमा करने पर बैंक द्वारा चेक क्लीयर होने से पहले ही बिजली विभाग द्वारा बिल शून्य वाली रसीद मिल जाती थी। इसका फायदा उठाकर ही सब फर्जीवाड़ा किया गया। इसके बाद आरोपी बिजली उपभोक्ता से सम्पर्क कर बिजली बिल शून्य होने पर अलग-अलग खाताधारकों के बैंक खातों में रूपया धमका कर ट्रांसफर करा लेते थे। खाताधारकों द्वारा धनराशि का 10 प्रतिशत लेकर शेष धनराशि पंकज उर्फ गाजी को दे दी जाती थी। अभियुक्तों द्वारा अभी तक लगभग 60 बिलों (धनराशि लगभग 30 लाख रुपये) को शून्य करा कर कमीशन के रूप में लगभग 07-08 लाख रुपये लिया जा चुका था। पुलिस विभाग इस संबंध में अब बिजली विभाग से सम्पर्क कर बाकी जानकारी ले रहा है।
Author: samachar
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