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November 2, 2024 12:45 pm

21 वर्ष बाद सतीश चंद्र पांडे को मिला न्याय, जानिए क्या है मामला

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अब्दुल मोबीन सिद्दीकी की रिपोर्ट

बलरामपुर: आपको बता दें कि ग्राम रमवापुर निवासी सतीश चंद्र पांडे के ऊपर गांव के ही एक व्यक्ति द्वारा 21 वर्ष पहले एससी एसटी का मुकदमा उतरौला कोतवाली में दर्ज कराया गया था जिसमें 21 वर्षों के बाद सतीश चंद्र पांडे को न्यायालय द्वारा आरोप से बरी कर दिया गया है।

आपको बता दें कि गंगा राम पुत्र कल्लू कोरी द्वारा पुलिस अधीक्षक बलरामपुर को लिखित तहरीर 17 जुलाई सन 2000 में दी गई थी प्रार्थना पत्र में लिखा गया था कि गांव के निवासी सतीश चंद्र पांडे पुत्र अभय पांडे द्वारा ट्रैक्टर से काटकर उसका परसेल गिरा दिया गया था। प्रार्थी के मना करने पर सतीश चंद पांडे के द्वारा गांव के अन्य लोग तथा प्रकाश पुत्र राम लखन एवं बुधराम पुत्र राम दुलारे के सामने गाली गुप्ता देते हुए बुरी तरीके से मार मारते रहे। जातिसूचक गालियां दी। जिसको लेकर वादी सतीश चंद्र पांडे के खिलाफ थाना उतरौला में अपराध संख्या 454/2000 धारा 323,504,506 के तहत मुकदमा पंजीकृत हो गया था, इसी को लेकर 21 वर्षों तक मुकदमा चलता रहा।

इस मामले में जनपद एवं सत्र न्यायालय बलरामपुर के द्वारा मुकदमा निरस्त करते हुए कहा गया कि प्रार्थी गंगाराम के द्वारा गलत बयान दिए गए हैं और साजिशन मुकदमा पंजीकृत कराया गया है और अभियुक्त सतीश चंद्र पांडे निर्दोष हैं। न्यायालय के द्वारा कहा गया कि विश्वनाथ पांडे से उनका राजनीतिक रंजिश थी जिसके कारण वादी ने यह मुकदमा लिखवाया है।

वादी विश्वनाथ पांडे के यहां काम करता था तथा पीडब्ल्यू0-2 में विश्वनाथ पांडे के कहने पर साक्ष्य दिया है। वह विश्वनाथ पांडे का आदमी है ऐसा कोई घटना नहीं घटी है।

वहीं न्यायालय द्वारा यह भी कहा गया है कि 313 द.प्र.सं. यह भी कथन किया है कि पीडब्ल्यू0-3 रमेश प्रसाद गुप्ता अपर पुलिस अधीक्षक मेरठ ने काल्पनिक नक्शा नजरी दर्शित करके घटनास्थल दर्शाया है। आरोपपत्र वादी से प्रभावित होकर राजनीतिक दबाव में साबित किया है,पीडब्ल्यू0-4 हेड कांस्टेबल दान बहादुर गलत का एफ आई आर दर्ज करके चीक बनाया हुआ और गलत साथ दिया है। 

न्यायालय द्वारा आदेश दिया गया कि सतीश चंद्र पांडे पुत्र स्वर्गीय अभय दत्त पांडे को धारा 323,504,506 भारतीय दंड संहिता धारा 3/1 (x) अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति अधिनियम 1989 के आरोप से दोषमुक्त किया जाता है।

सतीश चंद्र पांडे का कहना है कि ईश्वर के घर देर है अंधेर नहीं है 21 साल बाद हमको इस आरोप से न्यायालय के द्वारा बरी किया गया है जिससे आप सतीश चंद पांडे के घर में खुशी का माहौल है उन्होंने न्यायालय का आभार जताते हुए कहा कि न्यायालय के द्वारा हम को दोषमुक्त किया गया है।

samachar
Author: samachar

"कलम हमेशा लिखती हैं इतिहास क्रांति के नारों का, कलमकार की कलम ख़रीदे सत्ता की औकात नहीं.."