ज़ीशान मेहदी की रिपोर्ट
एक तरफ जहरीली शराब पीने से गुजरात में लगातार मौतें हो रहीं हैं। वहीं दूसरी तरफ खुद के अनुशासित होने का दावा करने वाली बीजेपी के एक नेता शराब पीते दिखे। गुजरात के जहरीली शराब कांड के बाद सूरत के BJP बोर्ड प्रमुख शांतिलाल सुप्रिया का शराब पीते हुए वीडियो सामने आया तो लोग बिफर गए। सोशल मीडिया पर लोगों ने बीजेपी को जमकर खरी खोटी सुनाईं।
न्यूज 24 के एक वीडियो में साफ दिख रहा है कि एक कमरे में कुछ लोग बैठे हैं। उनमें से एक बीजेपी नेता शांतिलाल सुप्रिया भी हैं। वो दूसरे लोगों के साथ जाम पीते दिख रहे हैं। इस दौरान जमकर मस्ती भी होती दिखती है। कमरे में गाने बजते सुनाई दे रहे हैं। वहां मौजूद लोग आपस में गुफ्तगू करते भी दिख रहे हैं।
उनका वीडियो देखकर सोशल मीडिया पर लोग बिफर गए। एक यूजर ने लिखा कि अब एक ही देश में दो अलग अलग नियम हैं। ये वास्तविकता है कि देश की पैसे वाले और सत्ता वालों के लिये अलग देश और आम इंसान के लिए अलग। पीयूष ने बीजेपी पर बरसते हुए कहा कि दोगले नेता हैं सारे। चोर हैं कुछ काम नहीं करते हैं और जब जनता काम के बारे में पूछती है तो बोलते है झंडा फहराओ। आम जनता देश के नाम पर आप सब के कुकर्मों पर ध्यान न देकर आप जैसे दोगला को ही जिताते आई है।
नितिन ने लिखा कि भारतीय जनता पार्टी के नेता दूसरे स्टेट में ज्ञान दे रहे। भगाओ इन झूठों को। जहां जाएंगे जनता का जीना मुश्किल कर देंगे। एक ने तंज कस कहा कि अब बीजेपी का नेता पी रहा है तो देशहित में ही होगा।
नरेंद्र सिंह ने लिखा कि शराबबंदी वाले प्रदेश में जहरीली शराब पीने से 50 लोग अपनी जान गवां देते हैं और ये बीजेपी के लोग दारू पीकर उनकी मौत का शोक माना रहा है। महावीर मीणा ने लिखा कि अरे भाई यही तो है गुजरात मॉडल। जहरीली शराब, हजारों टन ड्रग्स,, देश को बर्बाद करने का ठेका जो ले रखा है बीजेपी वालों ने।
मनोज तिवारी ने केजरीवाल पर जड़ा आरोप
उधर दिल्ली के सांसद मनोज तिवारी का एक वीडियो भी खासा वायरल हो रहा है। इसमें वो सवाल पूछते दिखते हैं कि कहीं केजरीवाल ने तो गुजरात में जहरीली शराब नहीं पहुंचा दी। उनका कहना है कि बीते 20 सालों में इस तरह की घटना तब हुई जब अरविंद केजरीवाल के वहां पर चरण पड़े।
बीजेपी सांसद का कहना है कि एजेंसी जांच कर रही है। सारा सच सामने आन जाएगा। उनका कहना है कि एजेंसी को केजरीवाल एंगल की जांच भी करनी चाहिए। ये बात सामान्य नहीं कि केजरीवाल के गुजरात में पहुंचने के बाद ही इस तरह की घटना क्यों हुई। पहले ऐसा क्यों नहीं हुआ?
Author: samachar
"कलम हमेशा लिखती हैं इतिहास क्रांति के नारों का, कलमकार की कलम ख़रीदे सत्ता की औकात नहीं.."