हरजिंदर सिंह की रिपोर्ट
सीकर, राजस्थान के सीकर जिले के महेन्द्र कुमार गुर्जर ने दो दोस्तों को सुपारी देकर अपनी पत्नी की हत्या करवा दी। अब तीनों की गिरफ्तारी के बाद पुलिस पूछताछ में उन्होंने कई राज उगले हैं, जिन्हें जानकार पुलिस भी चौंक गई। मामला राजस्थान के सीकर जिले के थोई पुलिस थाना इलाके प्रीतमपुरी की ढाणी दहकी का है।
यहां पर दो दिन पहले चाकू से गला रेतकर महिला की हत्या कर दी गई थी, जिसकी शिनाख्त महेन्द्र की पत्नी उगन्ता देवी के रूप में हुई थी। वारदात को महेंद्र ने अपने दो दोस्त यूपी के मेरठ जिले के परतापुर थाना इलाके के गेजा गांव के निवासी अमित कुमार उर्फ गोलू जाटव और अनुज उर्फ बोना की मदद से अंजाम दिया। फिर तीनों यूपी आ गए थे। अब तीनों ही सीकर जिले की थोई पुलिस की गिरफ्त में हैं।
मीडिया से बातचीत में सीकर जिले के नीमकाथाना के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक रतनलाल भार्गव ने बताया कि उगंता देवी के इस ब्लाइंड मर्डर की पहेली सुलझाने में महेन्द्र के घर में पालतू कुत्ते ने भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। दरअसल, महेन्द्र की पत्नी उगन्ता देवी की हत्या रात करीब 12 बजे घर से दूर ले जाकर सुनसान क्षेत्र में की गई थी। वारदात को महेंद्र व उसके दोस्तों ने यूपी से रात को आकर अंजाम दिया और फिर यूपी लौट गए।
सामान्य सी बात थी कि रात 12 बजे कोई दूसरा व्यक्ति घर में आता है तो पालतू कुत्ता भौंकता जरूर, लेकिन महेंद्र के घर पर किसी ने रात को कुत्ते के भौंकने की आवाज नहीं सुनी। ऐसे में पुलिस को शक हुआ कि वारदात में घर के किसी सदस्य का हाथ है।
उधर, दाह संस्कार के समय पति महेन्द्र आया था, लेकिन उसके चेहरे पर पत्नी की मौत का किसी तरह का दुख नहीं दिखाई दिया। पुलिस ने महेन्द्र को थाने बुलाकर पूछताछ की। शुरुआत में वह पुलिस को गुमराह करता रहा। फिर सख्ती बरतने पर उसने सच उगल दिया और बताया कि उसने उत्तर प्रदेश के अपने साथी अमित कुमार और अनुज के साथ मिलकर पत्नी की हत्या की है।
पत्नी के चरित्र पर करता था शक
थोई एसएचओ आलोक पूनिया के अनुसार महेन्द्र गुर्जर शादी के बाद से ही यूपी में रहता है। यूपी के मेरठ में ट्रैक्टर चलाने का काम करता है। महेन्द्र को अपनी पत्नी उगंता देवी के चरित्र पर शक था। इसलिए उसने पत्नी की हत्या की साजिश रची। महेंद्र ने अपने साथी अमित व अनुज को झूठ बोला कि उगंता उसकी प्रेमिका है। वह उसकी शादी में बाधा बन रही है। इसलिए उसे रास्ते से हटाने है। इसके लिए महेन्द्र ने साथियों को 12 हजार रुपए की सुपारी भी दी।
Author: samachar
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