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23 February 2025 7:16 pm

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ऐसी है अत्याधुनिक शिक्षा व्यवस्था ; गाय भैंसों के साथ बच्चे ले रहे हैं शिक्षा 

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दुर्गा प्रसाद शुक्ला की रिपोर्ट 

मथुरा। उत्तर प्रदेश में सरकार शिक्षा को हाईटेक बनाने के लाख दावे करती हो, लेकिन यहां की तस्वीरें शिक्षा की पोल खोल कर रख रही हैं। यहां गायों और भैसों के साथ बच्चे शिक्षा ग्रहण करने को मजबूर हैं। कैबिनेट मंत्री चौधरी लक्ष्मी नारायण के विधानसभा क्षेत्र की यह तस्वीरें आपकी आंखें खोलकर रख देंगी। गाय और बछड़े के बीच बैठे यह बच्चे पूर्व माध्यमिक विद्यालय अजनोठी के हैं। यह देश के वह भविष्य हैं जो अपनी तकदीर कलम की स्याही से लिखेंगे। बता दें कि नीम के पेड़ के नीचे बैठे यह बच्चे उस देश का भविष्य हैं। जिस देश की नींव इनके कंधों पर रखी है। ये देखकर यही ख्याल आता है कि आखिर ऐसे पढ़ेगा इंडिया तो कैसे आगे बढ़ेगा इंडिया। यहां न जनप्रतिनिधि सुनते हैं और न ही शिक्षा विभाग के अधिकारी। यहां तो सिर्फ सभी को अपने की पड़ी है। सरकारी स्कूलों की खस्ता व्यवस्था पर किसी की नजर नहीं जा रही।

स्कूल की बिल्डिंग पूरी तरह से जर्जर

जाहिर है कि यह तस्वीर साफ बयां कर रही हैं कि शिक्षा का स्तर कितना नीचे गिर चुका है। शिक्षा विभाग के अधिकारी और नेताओं की यह बच्चे उदासीनता के भेंट चढ़े हुए हैं। जमीन पर चटाई बिछाकर गाय और भैसों के बीच बैठे यह बच्चे देश का भविष्य तो हैं, लेकिन अगर इसी तरह से यह बच्चे पढ़ेगे तो देश का भविष्य क्या होगा यह आप खुद ही देख सकते हैं। स्कूल में पढ़ने वाले बच्चों से जब बात की गई तो उन्होंने बताया कि करीब एक माह हो गया है इसी तरह से हम पढ़ रहे हैं। उनका कहना है कि जिस स्कूल में हम पढ़ते हैं, उस स्कूल की बिल्डिंग पूरी तरह से जर्जर हो चुकी है। गाय और बछड़े और नीम का पेड़ अब हमारे स्कूल का एक हिस्सा है। मजबूरी में हम लोग यहां पढ़ रहे हैं। पढ़ेगे नहीं तो हम लोग कैसे आगे बढ़ेगे।

कोई भी अधिकारी सुनने को तैयार नहीं

वहीं पूर्व माध्यमिक विद्यालय अजनोठी के प्रधानाध्यापक योगेंद्र पाल सिंह ने बताया कि नामांकित स्कूल में 37 बच्चे हैं। 2005 में स्कूल का निर्माण हुआ था। तब से लेकर आज तक यहां का कोई मेंटेनेंस बिल्डिंग के ऊपर नहीं कराया गया है। उन्होंने बताया कि 25 जून को हमने रामदत्त पंडित के यहां बच्चों को लाकर शिफ्ट कर दिया। नीम के पेड़ के नीचे बच्चे शिक्षा ग्रहण करते हैं। प्रधानाध्यापक का यह भी कहना है कि अधिकारियों को कई बार अवगत कराने के बाद भी कोई अधिकारी सुनने को तैयार नहीं है। नीम के पेड़ के नीचे 6, 7, 8 कक्षाएं चलती है। गाय, भैंस और कृषि यंत्रों के बीच बच्चे क्लास ले रहे हैं। बच्चों को पढ़ाने में बड़ा मुश्किल हो रही है।

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Author: samachar

"कलम हमेशा लिखती हैं इतिहास क्रांति के नारों का, कलमकार की कलम ख़रीदे सत्ता की औकात नहीं.."

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