राकेश तिवारी की रिपोर्ट
देवरिया। सदर विकास खंड के अगया प्राथमिक विद्यालय की प्रधानाध्यापिका रीता यादव को बुधवार को बर्खास्त के दिया गया। रीता यादव फर्जी प्रमाण पत्र पर नौकरी कर रही थीं। जांच के बाद एसटीएफ लखनऊ ने रिपोर्ट देवरिया बीएसए कार्यालय को दी थी। विभागीय जांच में इस बात की पुष्टि भी हो गई।
बीएसए कार्यालय से रीता यादव को नोटिस देकर अपना पक्ष रखने को कहा था लेकिन, तीन बार नोटिस दिए जाने के बाद भी प्रधानाध्यापिका नहीं उपस्थित हुईं और न ही किसी नोटिस का जवाब दिया। ऐसी स्थिति में जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी संतोष कुमार राय ने उन्हें सेवा से बर्खास्त कर दिया।
बीएसए ने बताया कि सदर विकास खंड के प्राथमिक विद्यालय अगया की प्रधानाध्यपिका रीता यादव का बीएड और स्नातक के अंक पत्र के सत्यापन के लिए लखनऊ विश्वविद्यालय से संपर्क किया गया है। सत्यापन में चौंकाने वाले खुलासे हुए हैं। लखनऊ विश्वविद्यालय के परीक्षा नियंत्रक ने बताया कि रीता यादव का बीए वर्ष 2000 में रोल नंबर 8530277 के स्थान पर अशोक गुप्ता पुत्र केपी शाह का नाम दर्ज है। बीएड की वर्ष 2003 में रोल नंबर 346045 की जगह रीता कुमारी पुत्री बीएन गुप्ता का नाम दर्ज है।
एसटीएफ ने दी थी विभाग को सूचना
एसटीएफ की लखनऊ यूनिट ने फर्जी शिक्षिका की जानकारी देवरिया बीएसए कार्यालय को दी थी। बीएसए कार्यालय ने स्नातक और बीएड के प्रमाण पत्रों के फर्जी पाए जाने पर प्रधानाध्यापिका से स्पष्टीकरण मांगा था। 3 जून को भेजे गए आखिरी नोटिस का जवाब नहीं मिलने पर बीएसए संतोष कुमार राय ने प्रधानाध्यापिका को सेवा से बर्खास्त कर दिया।
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Author: samachar
"कलम हमेशा लिखती हैं इतिहास क्रांति के नारों का, कलमकार की कलम ख़रीदे सत्ता की औकात नहीं.."