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November 23, 2024 4:48 am

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गोशाला में न है और भूसा न पानी, दिख रहा है तो सिर्फ सचिवों प्रधानों की मनमानी

16 पाठकों ने अब तक पढा

संजय सिंह राणा की रिपोर्ट

चित्रकूट- शासन के निर्देशों का खुला उलंघन करते हुए ग्राम प्रधान व सचिव अपनी मनमानी करते हुए नजर आ रहे हैं जिसके कारण गौवंशो को कोई सुविधाएं नहीं मिल पा रही हैं गौशालाएं खाली पड़ी हैं गौशालाओं में एक भी गौवंश नजर नहीं आ रहे हैं फिर भी गौवंशो के भरण पोषण के लिए चारे भूसे के नाम पर लाखों रुपए निकाले जा रहे हैं लेकिन चारे भूसे का इंतजाम नहीं किया जा रहा है सिर्फ कागजों में ही गौवंशो के भरण पोषण हेतु चारे भूसे का इंतजाम किया जा रहा है जबकि जमीनी हकीकत कुछ और ही बयां कर रही है l

गौशालाओं में गौवंशो के संरक्षण की जमीनी हकीकत जानने के लिए “समाचार दर्पण 24” न्यूज की टीम कई गौशालाओं का निरीक्षण किया जिसमें पाया कि गौशालाओं में एक भी गौवंश नजर नहीं आए और न ही चारे भूसे का कोई इंतजाम नजर आया l

सदर ब्लाक कर्वी के ग्राम पंचायत कालूपुर (पाही) की गौशाला में एक भी गौवंश नजर नहीं आए जब गौवंशो के विषय में जांच पड़ताल की गई तो पता चला कि गौशाला के गौवंश खुला छोड़ दिए गए हैं जिसके कारण यह गौवंश राष्ट्रीय राजमार्ग में डेरा जमाए हुए हैं जिसके कारण आए दिन दिन गौवंशो की मौतें हो रहीं हैं l

वहीं मानिकपुर विकास खण्ड के ग्राम पंचायत करका पडरिया की गौशाला के हालात देखते ही बनते हैं जहां पर चारे भूसे का कोई इंतजाम नहीं है गौशाला में गौवंश नहीं हैं लेकिन फिर भी गौवंशो के भरण पोषण हेतु चारे भूसे का पैसा निकाला जा रहा है l

वहीं रामनगर विकास खण्ड के ग्राम पंचायत देऊंधा की गौशाला के हालात देखते ही बनते हैं जहां पर गौशाला निर्माण, बाउंड्री वॉल, इंटरलॉकिंग, तार फिंसिग व टीन शेड, चरही निर्माण व हैंडपंप री बोर के नाम पर लाखों रुपए खर्च किए गए लेकिन हालात आज भी जस के तस बनें हुए हैं गौशाला में एक भी गौवंश नजर नहीं आ रहे हैं लेकिन हर बार लाखों रुपए का चारा भूसा दिखाकर सरकारी धन का गबन किया जा रहा है जिसमें ग्राम प्रधान व सचिव की मिलीभगत से बिना भूसा क्रय किए ही भरण पोषण दिखाया जा रहा है जबकि जमीनी हकीकत यह है कि गौवंशो के भरण पोषण के लिए चारे भूसे का भुगतान कागजी कोरम पूरा कर फर्जी तरीके से फर्मो के नाम पर भुगतान कर लाखों रुपए का भुगतान कर फर्जीवाड़ा किया जा रहा है l

वहीं मऊ विकास खण्ड के ग्राम पंचायत कोटवा माफी की गौशाला शराबियों की ऐशगाह बनी हुई है जहां पर गौवंश तो नजर नहीं आए लेकिन शराबियों का जमावड़ा जरूर देखने को मिला है वहीं ग्राम पंचायत सिकरौं की गौशाला, सखौंहा की गौशाला, मवई कला की गौशाला व मंडौर की गौशाला में एक भी गौवंश नजर नहीं आए लेकिन गौवंशो के भरण पोषण हेतु चारे भूसे का पैसा जरूर निकाला गया है इन गौशालाओं के निर्माण कार्य में सचिवों व ग्राम प्रधानों की मनमानी खूब देखने को मिली है जिसमें मानक विहीन कार्य कराकर सरकारी धन का मनमाने तरीके से बंदरबाट किया गया है l

“समाचार दर्पण 24 न्यूज” की टीम जल्द ही पहाड़ी विकास खण्ड के विभिन्न ग्राम पंचायतों में बनी गौशालाओं की हकीकत जानने के लिए निरीक्षण करेगी और उसकी ग्राउंड रिपोर्ट जल्द से जल्द से शासन प्रशासन व आम जनमानस को खबरों के माध्यम से अवगत कराने का काम करेंगी l

सबसे बड़ा सवाल यह उठता है कि माननीय मुख्यमंत्री योगी जी द्वारा गौवंशो को संरक्षित करने के लिए पूरे प्रदेश में बड़ी मात्रा में अस्थाई व स्थाई गौशालाओं का निर्माण कराये गए हैं लेकिन गौशालाओं के निर्माण कार्य में ग्राम प्रधानों व सचिवों सहित जिम्मेदार अधिकारियों की मनमानी खूब देखने को मिली है जहां पर निर्माण कार्यों में मानक विहीन कार्य कराकर सरकारी धन का जमकर बंदरबाट किया गया है वहीं गौवंशो के भरण पोषण हेतु सरकार द्वारा काफी धनराशि दी जा रही है लेकिन यह धनराशि भी भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ रही है जिसमें ग्राम प्रधानों व सचिवों की मिलीभगत से चारे भूसे के नाम पर फर्जी तरीके से उन फर्मों के नाम पर भुगतान किए जा रहे हैं जिनके घर में खुद के गौवंशो को खिलाने के लिए एक भी भूसा नहीं है लेकिन फिर भी कागजी कोरम पूरा कर फर्जी तरीके से भुगतान किए जा रहे हैं व सरकारी धन का जमकर बंदरबाट किया जा रहा है l

जिलाधिकारी महोदय द्वारा गौवंशो को गौशालाओं में ही रखने के आदेश दिए गए हैं लेकिन जिलाधिकारी महोदय के सख्त निर्देश के बावजूद गौशालाओं में एक भी गौवंश नजर नहीं आ रहे हैं गौशालाओं के गौवंश राष्ट्रीय राजमार्ग व अन्य जिला मार्गों पर डेरा डाले हुए हैं जिसके चलते आए दिन दुर्घटनाओं के शिकार हो रहे हैं l

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Author: samachar

"कलम हमेशा लिखती हैं इतिहास क्रांति के नारों का, कलमकार की कलम ख़रीदे सत्ता की औकात नहीं.."

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