विवेक चौबे की रिपोर्ट
झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने शुक्रवार को जुमे की नमाज के बाद राजधानी रांची में संप्रदाय विशेष की ओर से किए गए उपद्रव पर अफसोस जताया। संवाददाताओं से बातचीत के क्रम में उन्होंने कहा कि आज की घटना से जुड़े विषय पर भी चिंता की आवश्यकता है। कहीं न कहीं हम सब बहुत सुनियोजित तरीके से कुछ ऐसी शक्तियों का शिकार हो रहे हैं, जिसका परिणाम हम सबको भुगतना पड़ेगा।
हेमंत सोरेन ने कहा कि यह घटना निश्चित रूप से हमारे लिए चिंता का विषय है। राज्य के लोग धैर्य रखें और किसी भी जुर्म में शरीक न हों। उन्होंने कहा कि झारखंड की जनता संवेदनशील रही है और वर्तमान हालात में हम कड़ी परीक्षा की घड़ी से गुजर रहे हैं। हो सकता है कि आगे अभी कठिन परीक्षाएं भी हों, लेकिन हमें धैर्य खोने की आवश्यकता नहीं है।
रांची के मेन रोड में शुक्रवार को घटी घटना को दुखद बताते हुए राजनीतिक दलों ने लोगों से शांति की अपील की है। सत्ताधारी दल कांग्रेस ने घटना को दुखद बताया है और लोगों को धैर्य व संयम से काम लेने की नसीहत दी है। वहीं, मुख्य विपक्षी दल भाजपा ने घटना की निंदा करते हुए लोगों से शांति बनाए रखने की अपील की है। हालांकि घटना के संदर्भ में दोनों दलों के प्रदेश अध्यक्षों का रुख अलग-अलग देखने को मिला है। भाजपा ने इस घटना को प्रशासनिक विफलता से जोड़ा है।
भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष दीपक प्रकाश ने भी राजधानी रांची सहित राज्य के विभिन्न स्थानों पर हुई हिंसक वारदात, तोड़फोड़, पथराव की कड़ी निंदा करते करते हुए कहा कि यह राज्य सरकार की प्रशासनिक विफलता है। राज्य का खुफिया तंत्र पूरी तरह विफल रहा है। प्रकाश ने घटना में संलिप्त असामाजिक तत्वों और उपद्रवियों को चिह्नित कर कड़ी कार्रवाई की मांग करते हुए, लोगो से शांति बनाए रखने की अपील की है।
कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष राजेश ठाकुर ने कहा कि यह अत्यंत दुखद घटना है। ऐसी परिस्थिति में हमें धैर्य और संयम से काम लेना होगा। राजेश ठाकुर ने कहा कि हम सभी नेताओं को अनर्गल बयानबाजी से बचना चाहिए। हमें यह भी समझना होगा कि आखिर ऐसी स्थिति क्यों उत्पन्न हुई। इस घटना के तह तक जाना होगा और यह समझना होगा कि इस तरह की घटनाओं में वृद्धि क्यों हो रही है। एक दूसरे के धर्म का सम्मान करना हमारा कर्तव्य है। धैर्य के साथ सांप्रदायिक सद्भाव बनाए रखना हमारा कर्तव्य है।
Author: samachar
"कलम हमेशा लिखती हैं इतिहास क्रांति के नारों का, कलमकार की कलम ख़रीदे सत्ता की औकात नहीं.."