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1 January 2025 10:15 pm

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आग सी झुलसाती गर्मी में बच्चों को स्कूल टाइम परिवर्तित किए जाने की मांग

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संवाददाता- विवेक चौबे

गढ़वा : इन दिनों भीषण गर्मी में तपती लहरें हिलोर मार रही हैं। लोग सुबह के 8 बजे से पहले ही अपने घरों में दुबक जा रहे हैं। बड़े-बड़ों की हालत खराब होती नजर आ रही है। वहीं राज्य सरकार बच्चों के भविष्य की थोड़ी-मोड़ी भी चिंता नहीं जता पा रही है।

सरकारी विद्यालयों में पढ़ाई हो रही है या नहीं, यह चिंता सरकार को तनिक भी नहीं है। साथ ही बच्चों के स्वास्थ्य को लेकर राज्य सरकार तो बिल्कुल भी गम्भीर नहीं हो पा रही है।

उक्त सभी बातें भाजपा किसान मोर्चा के जिलाध्यक्ष सह कांडी प्रखण्ड के शिक्षा विभाग के विधायक प्रतिनिधि रामलला दुबे ने कही। उन्होंने कहा कि इस तपती धूप व लहर में कई सरकारी विद्यालयों में फंखा तक कि भी व्यवस्था उपलब्ध नहीं है। यदि कहीं है भी तो पंखा केवल नाम के लिए ही लटकाया हुआ है। यदि फंखा चलाया भी जाता है तो उससे गर्म हवा ही आती है, जो बच्चों को बीमार करके के ही मानेगी। इसके बावजूद भी सभी विद्यालयों का समय सुबह के 6 बजे से दोपहर के 12 बजे तक रखा गया है। मौसम के अनुसार एकदम अनुचित है।

उन्होंने कहा कि गढ़वा जिला का तापमान लगभग 57 डिग्री चढ़ा है। ऐसे में बच्चो को 12 बजे तक विद्यालय में रहना खतरे से खाली नहीं है। उन्होंने कहा कि सुबह के तकरीबन आठ बजे से ही तपती धूप में जन-जीवन अस्त-व्यस्त सा नजर आने लग रहा है। लोग घरों में दुबके रह रहे हैं। बड़ों की हालत जब ऐसी है तो बच्चों की स्थिति कैसी होगी, यह सरकार व शिक्षा विभाग से सम्बंधित पदाधिकारियों को सोचना होगा।

उन्होंने कहा कि कई बच्चे बीमार भी हो रहे हैं। बच्चे व शिक्षक सरकार की फरमान के डर से इस तपती गर्मी व लहर को सहन करके भी स्कूल में डटे रह रहे हैं। यह तो काबिले तारीफ है, किन्तु जान है तो जहां है।

उन्होंने कहा कि जब बच्चों की जिंदगी रहेगी तभी तो वे पढ़ाई व अपने मां-बाप के सपनों को साकार कर सकेंगे। श्री दुबे ने सरकार व शिक्षा विभाग के पदाधिकारियों से आग्रह करते हुए समय में सुधार कर सुबह के 6 बजे से साढ़े 10 बजे तक ही स्कूल का परिचालन करने की मांग की है।

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Author: samachar

"कलम हमेशा लिखती हैं इतिहास क्रांति के नारों का, कलमकार की कलम ख़रीदे सत्ता की औकात नहीं.."

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