Explore

Search

November 2, 2024 1:14 am

कातिल चाची ; ऐसी चालाकी और बेरहमी से डेढ़ साल के मासूम को मारने वाली चाची के कारनामे सुन आप भी दहल जाएंगे

1 Views

सुमन नागवंशी की रिपोर्ट

कोटा। लाडपुरा में डेढ़ साल के मासूम अबीर की हत्या का राज खुल गया है। इस साजिश के पीछे चाची सोबिया का ही हाथ था। सोबिया अपने जेठ की नौकरी और जेठानी के बर्ताव को लेकर परेशान रहती थी। उसे लगता था कि परिवार में उसकी कद्र नहीं है। उसके दो बच्चों को भी परिवार के लोग प्यार नहीं करते। इस कारण से वह परेशान होने लगी। इसी का बदला लेने के लिए उसने अबीर को मारने का प्लान बनाया। बुधवार को पुलिस ने सोबिया को गिरफ्तार किया तो कई खुलासे हुए।

अबीर की हत्या का शक उस पर नहीं हो इसलिए उसने 11 से 13 साल के परिवार के तीन नाबालिग बच्चों को अपने प्लान में शामिल किया। उन्हीं से हत्या करवाई। हत्या वाले दिन वह दूसरी बिल्डिंग पर खड़ी होकर इशारों से बता रही थी कि अबीर को कैसे टंकी में डालकर मारना है। इससे पहले भी सोबिया अबीर को मारने का प्लान बना चुकी थी। इधर, जब मामला समाने आया तो पुलिस के लिए यह चुनौती बन गया था। शक परिवार के किसी सदस्य पर ही था, इसलिए पुलिस ने सादी वर्दी में रेकी करना शुरू की। पहला शक तीन नाबालिग बच्चों पर गया। उनसे पूछताछ की तो बताया कि सोबिया ने यह पूरा प्लान बनाया था।

पुलिस ने बताया कि 9 भाइयों के परिवार में हत्या के आरोपी की पहचान कर पाना मुश्किल लग रहा था, क्योंकि घटना के वक्त घर में पुरुष नहीं थे। महिलाएं व बच्चे मौजूद थे। इतने बड़े परिवार में बाहरी व्यक्ति का आकर घटना को अंजाम देना समझ से परे था। ऐसे में पुलिस ने हत्या की गुत्थी सुलझाने के लिए महिला व पुलिसकर्मी सादा वर्दी में घर के आसपास तैनात किया। अड़ोस-पड़ोस के लोगों से बातचीत कर रहे थे। इधर, अबीर के परिवार वाले भी अपने स्तर से आरोपी का पता लगाने में जुटे थे।

सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार परिवार के तीन नाबालिग बच्चे बार-बार सामने वाले मकान में जाकर सोबिया से बातचीत करते थे। सोबिया उन बच्चों से परिवार में चल रहे घटनाक्रम के बारे में पूछती थी। इन्हीं हरकतों की वजह से सोबिया पर शक गहराता जा रहा था। इस बारे में नाबालिगों से बार-बार सोबिया के पास जाने का कारण पूछा तो उन्होंने कारण बताया। कड़ाई से पूछने पर बच्चों ने सारी बात बता दी।

तीन नाबालिग से मासूम को टंकी में डलवाया

परिवार के सूत्रों ने बताया कि सोबिया ने तीनों बच्चों को धमका रखा था। घटना वाले दिन उसने सुबह ही प्लानिंग कर ली थी। उसने दोपहर से लेकर शाम के बीच का वक्त चुना। उस समय पुरुष घर पर नहीं होते। 25 अप्रैल को अबीर की मां अंजुम खाना बनाने सामने वाले बड़े मकान में आई। वो किचन में खाना बना रही थी। अबीर मकान में खेल रहा था। उसी दौरान तीन बच्चों में एक अबीर को लेकर दूसरी मंजिल पर गया। वहां से दो बच्चे भी साथ हो लिए। उन्होंने छत पर जाकर 500 लीटर की पानी की टंकी का ढक्कन खोल दिया। फिर डेढ़ साल के अबीर को टंकी में डाल दिया। वारदात के समय सोबिया सामने वाली छत पर खड़ी होकर इशारों से गाइड कर रही थी।

ढक्कन लगाने छत पर पहुंची

अबीर को पानी की टंकी में डालने के बाद बच्चे घबरा गए। एक बार तो उन्होंने अबीर को बाहर निकाल लिया, लेकिन सोबिया ने सामने वाली छत से इशारों में धमकाया। जिससे बच्चे डर गए और अबीर को फिर से पानी की टंकी में डाल दिया। इसके बाद बच्चे नीचे आ गए। सोबिया ने सामने वाले मकान से बड़े मकान में आकर टंकी का ढक्कन चेक किया। वो पूरी तरह से नही लगा था। सोबिया ढंग से टंकी का ढक्कन लगाकर चली गई। इस बीच जब मां अंजुम को अबीर नजर नहीं आया तो उसने परिवार की महिलाओं के साथ उसे तलाशना शुरू किया। छत की दो टंकियों में चेक किया। अबीर शाम को साढ़े 5 बजे करीब गायब हुआ था। रात साढ़े सात बजे के आसपास पानी की टंकी में उसका शव मिला।

जांच में सामने आया कि इमरान की उसके पिता की जगह नगर निगम में अनुकंपा नौकरी लगी थी। सभी भाइयों ने इमरान के लिए नौकरी की सहमति दी थी, लेकिन इमरान का सबसे छोटा भाई जीशान, खुद नौकरी करना चाहता था। उस समय सभी परिजनों ने इमरान को नौकरी लगाने के लिए जीशान को राजी कर लिया था। यह कहा था कि इमरान भविष्य में जीशान की आर्थिक मदद कर देगा। इमरान ने नौकरी लगने के बाद जीशान की कोई आर्थिक मदद नहीं की। इस वजह से जीशान की पत्नी सोबिया, इमरान के लिए कहती थी कि वह मेरे पति की नौकरी हजम कर गया। सोबिया मन ही मन में इमरान और उसके परिवार से रंजिश रखने लगी।वारदात से कुछ दिनों पहले उसने इमरान के बच्चे अबीर के चेहरे पर नोंचा था। उस समय परिवार के लोगों ने सोबिया को फटकारा था।

अबीर को परिवार के सभी सदस्य प्यार करते थे। सोबिया के मन में ये बात बैठ गई कि उसके दो बच्चों को कोई प्यार नहीं करता। इस कारण सोबिया ने अंजुम व इमरान को सबक सिखाने के लिए अबीर को मारने का प्लान बनाया। उसने एक बार परिवार के 1 बच्चे को अबीर को नदी में डालने को कहा था,परंतु बच्चे ने मना कर दिया।

मामले का खुलासा करते हुए एडिशनल एसपी प्रवीण जैन ने बताया कि सोबिया लम्बे वक्त से रंजिश पाले हुए बैठी थी। मौके के इंतजार में थी। 25 अप्रैल को उसे मौका मिल गया। उसने वारदात को अंजाम दिया। मृतक अबीर के पिता इमरान, अपने पिता के मरने के बाद उनकी जगह नगर निगम में नौकरी पर लगा था। इमरान की नौकरी लगने के बाद से ही इस परिवार ने रंजिश थी। भाई होने के नाते वह सोबिया के पति जीशान की आर्थिक मदद नहीं करता। इसी बात पर सोबिया, इमरान व उसकी पत्नी अंजुम से रंजिश रखने लगी।

samachar
Author: samachar

"कलम हमेशा लिखती हैं इतिहास क्रांति के नारों का, कलमकार की कलम ख़रीदे सत्ता की औकात नहीं.."