विवेक चौबे की रिपोर्ट
रांची। अखिल भारतीय सेवाओं में काम करने का मौका मेधावी विद्यार्थियों को मिलता है, जो दिन-रात कड़ी मेहनत कर संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) की कठिन परीक्षाओं की तैयारी करते हैं। नई पीढ़ी के लिए ये आदर्श की भूमिका में होते हैं। देशभर में ऐसे ढेरों उदाहरण हैं, जब मुश्किल परिस्थितियों से जूझकर अधिकारियों ने अपने कर्तव्य को अंजाम दिया है। कार्य संस्कृति की बुराइयों में फंसने की बजाय उसे यथासंभव ठीक करने की कोशिश की है, लेकिन सिस्टम की बुराइयों में फंसकर पूरा करियर और प्रतिष्ठा दांव पर लगाने वाले अफसरों की भी लंबी फेहरिश्त है।
इसी कड़ी में नया नाम है वर्ष 2000 बैच की झारखंड कैडर की भारतीय प्रशासनिक सेवा की अधिकारी पूजा सिंघल का।
वह कभी मसूरी स्थित लाल बहादुर शास्त्री नेशनल एकेडमी आफ एडमिनिस्ट्रेशन में अपने बैचमैट के बीच फ्यूचर कैबिनेट सेक्रेट्री के नाम से मशहूर थीं। गर्व के साथ उनके साथी उनकी प्रतिभा को सराहते थे। उनकी बैचमेट कर्नाटक कैडर की सीनियर आइपीएस अधिकारी डी रूपा ने ट्वीट कर अपनी भावनाएं साझा की है। वह लिखती हैं- ‘ये वाकई दर्दनाक है। इधर-उधर की एक चूक और सभी औरतों को कोसने में लग जाते हैं। इसे सामान्य करना खराब है।
लेकिन इससे भी अधिक दर्दनाक यह है कि इसमें एक शानदार बैचमेट शामिल हैं, जिसे हम प्रशिक्षण के दौरान मसूरी अकादमी में भविष्य के कैबिनेट सचिव के रूप में बुलाते थे। डी रूपा ने इस प्रकरण पर उन यूजर्स को जवाब देने की कोशिश की जो पूजा सिंघल प्रकरण की आड़ में सभी महिलाओं को कटघरे में खड़ा करने की कोशिश कर रहे थे।
महज 21 वर्ष की उम्र में बन गई थी आइएएस
पूजा सिंघल को देश में सबसे कम उम्र में भारतीय प्रशासनिक सेवा में चयनित होने का गौरव प्राप्त है। उन्होंने पहली बार में ही इस कठिन परीक्षा में पास होने में सफलता पाई। आइएएस अफसरों की एक्जीक्यूटिव रिकार्ड शीट के अनुसार पूजा सिंघल बिजनेस प्रबंधन में स्नातक हैं। उन्होंने प्रथम श्रेणी में यह परीक्षा पास की थी।
लाल बहादुर शास्त्री नेशनल एकेडमी आफ एडमिनिस्ट्रेशन, मसूरी में तब उनके बैचमेट उनपर गुमान करते थे। उनके बीच सबसे कम उम्र में आइएएस बनकर आईं पूजा सिंघल की अपनी अलग पहचान थी। वे वहां सबसे विशिष्ट और खास मानी जाती रहीं। हालांकि, आज स्थिति ठीक इसके उलट है, कार्य संस्कृति की बुराइयों में फंसकर उन्होंने पूरे देश को बदनाम कर दिया है। ईमानदार अफसरों की साख दांव पर लगाने वाली पूजा सिंघल का नाम लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में भी लंबी दर्ज है।
2000 बैच की झारखंड कैडर की भारतीय प्रशासनिक सेवा की अधिकारी पूजा सिंघल ने दो शादियां की हैं। उन्होंने अपने पहले पति राहुल पुरवार IAS को तलाक देकर अभिषेक झा से दूसरी शादी रचाई है। जो एक सुपर स्पेशलियटी हॉस्पिटल के एमडी हैं। ईडी के मुताबिक अभिषेक झा ही पूजा सिंघल के काले धन को व्हाइट बनाते हैं। इनका सारा पैसा मार्केट में इनवेस्ट करते हैं। फिलहाल अभिषेक झा पर गिरफ्तारी की तलवार लटक रही है। वे कभी भी गिरफ्तार हो सकते हैं।
भाजपा, झामुमो और कांग्रेस भ्रष्टाचार के खिलाफ खड़ी तो दिख रही हैं, लेकिन इस छापेमारी को अपने-अपने तरीके से परिभाषित कर रही हैं। भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष दीपक प्रकाश ने जहां इसे राज्य सरकार का सत्तापोषित भ्रष्टाचार बताया है। वहीं झामुमो पूजा सिंघल के भ्रष्टाचार को पूर्ववर्ती रघुवर दास सरकार से जोड़ रही है। कांग्रेस ने ईडी के रेड को संवैधानिक संस्थाओं का दुरुपयोग बताया है।
बहरहाल, पूजा सिंघल के खिलाफ ईडी की छापेमारी खत्म हो गई है। उनके पास से 150 करोड़ की अवैध संपत्ति के दस्तावेज बरामद किए गए हैं। जबकि उनके सीए सुमन कुमार सिंह को करीब 20 करोड़ रुपये के साथ रंगे हाथ गिरफ्तार किया गया है। पूजा सिंघल के दूसरे पति अभिषेक झा की अकूत प्रॉपर्टी और 20 शेल कंपनियों के जरिये काला धन को खपाने की बात भी सामने आई है।
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Author: samachar
"कलम हमेशा लिखती हैं इतिहास क्रांति के नारों का, कलमकार की कलम ख़रीदे सत्ता की औकात नहीं.."