जीशान मेंहदी के साथ दुर्गा प्रसाद शुक्ला की रिपोर्ट
यूपी एटीएस ने गुरुवार की रात सहारनपुर स्थित देवबंद से संदिग्ध बांग्लादेशी तलहा को गिरफ्तार किया। तलहा के पास से एटीएस को कई तरह की आपत्तिजनक वस्तुएं मिलीं। इसके साथ ही भारत और बांग्लादेश के पते पर बनी आईडी और अन्य दस्तावेज भी बरामद किए गए। तलहा ने भारतीय पते पर आधार कार्ड और पैन कार्ड भी बनवा लिए थे।
कथित आतंकी हों या बांग्लादेशी, यह हमेशा से ही सहारनपुर को सुरक्षित ठिकाना समझते रहे हैं। सहारनपुर के अलग अलग स्थानों पूर्व में पकड़ गए आतंकी इस बात के गवाह हैं।
अधिकांश मामलों में बाहर की पुलिस या फिर अन्य एजेंसी ही कार्रवाई करती रही है। स्थानीय खुफिया विभाग हो या फिर पुलिस इन लोगों को आतंकी रहने की भनक तक नहीं लगती है।
फरवरी 2021 में पकड़े गए बांग्लादेशी पिता-पुत्र को भी एटीएस लखनऊ ने गिरफ्तार किया था। यह दोनों पिता-पुत्र 1994 से सहारनपुर में रह रहे थे और भारत के आधार, पेन कार्ड आदि बनवाया हुआ था। आरोपितों की काल डिटेल से साफ हो गया था कि वह कई देशों में रहने वाले लोगों के संपर्क में थे।
एटीएस की टीम की गिरफ्त में आया तलहा बांग्लादेश का बताया जा रहा है जो फर्जी दस्तावेजों के आधार पर देवबंद में रहकर दारुल उलूम के मदरसे में ही आठवीं में पढ़ रहा था।
एटीएस ने मिली सूचना पर छापामारी कर कमरा नंबर 61 से तलहा को गिरफ्तार किया है। तलहा बीते पांच वर्ष से देवबंद में फर्जी आइडी बनाकर रह रहा था। इस प्रकरण पर दारुल उलूम प्रबंधन संस्था में किसी तरह की कार्रवाई से इन्कार कर रहा है।
दारुल उलूम के कार्यवाहक मोहतमिम मौलाना अब्दुल खालिक मद्रासी का कहना है कि किसी तरह की कोई गिरफ्तारी संस्था से नहीं हुई है। बहरहाल, तलहा की गिरफ्तारी की पुष्टि एटीएस ने प्रेस नोट जारी कर की है।
यह पहला मौका नहीं है। इससे पहले भी देवबंद में संदिग्ध बांग्लादेशी पकड़े जाते रहे हैं। जो फर्जी दस्तावेज तैयार कर देवबंद में रहते है।
अभी 14 मार्च को ही एटीएस ने एक संदिग्ध बांग्लादेशी को गिरफ्तार किया था। एटीएस ने तलहा के कमरे की तलाशी ली, जिसके बाद उसके पास से भारतीय पते पर बने आधार कार्ड, पैन कार्ड भी बरामद किए गए। साथ ही मदरसे की आईडी और आजीवन सदस्यता का कार्ड भी मिला। इसके साथ ही बांग्लादेशी पासपोर्ट भी बरामद किया गया।
तलहा की गिरफ्तारी के बाद एटीएस और तमाम खुफिया एजेंसियां चौकन्नी हो गई हैं। देवबंद से संदिग्ध बांग्लादेशियों के तार पहले भी कई बार जुड् चुके हैं। हाल ही में एक बांग्लादेशी संदिग्ध युवक को गिरफ्तार किया गया था। जिसका संबंध पाकिस्तान के आतंकी संगठन से थे।
इससे पहले भी फरवरी 2019 में पांच बांग्लादेशियों को देवबंद से पकड़ा गया था। मार्च 21 में भी बांग्लादेशी पिता-पुत्रों को सहारनपुर से गिरफ्तार किया गया था। वहीं, गतवर्ष थाना मंडी क्षेत्र से भी दो बांग्लादेशी भाइयों को गिरफ्तार किया गया था। जिन्हें हाल ही में अदालत सजा सुनाई थी।
यूपी एटीएस बांग्लादेशी छात्र गिरफ्तार किए जाने पर शिक्षण संस्था के पदाधिकारी का कहना हैं कि भारतीय दस्तावेजों के आधार पर ही दाखिला लिया होगा। ईद की छुट्टियों होने के चलते संस्था के सभी कार्यालय बंद हैं। जिसके चलते गिरफ्तार छात्र के बारे में अभी कुछ बताया नहीं जा सकता है। गिरफ्त में आया छात्र अगर संस्था में पढ़ता था तो उसने भारतीय दस्तावेजो पर ही दाखिला लिया होगा। अब छात्र द्वारा जमा कराए जाने वाले प्रमाण पत्रों को सत्यापित करने के लिए खुफिया विभाग से सत्यापन कराया जाएगा।
सहारनपुर में कब-कब पकड़े गए आतंकी
– दो वर्ष पूर्व देवबंद से जैश-ए-मोहम्मद के आतंकी शाहनवाज तेली निवासी कुलगाम (जम्मू-कश्मीर) और आकिब अहमद मलिक निवासी पुलवामा की गिरफ्तारी हुई।
– थाना कुतुबशेर क्षेत्र की एकता कॉलोनी में अवैध रूप से रह रहे बांग्लादेशी पिता-पुत्र फरवरी 2021 में एटीएस ने दबोचा। 20 साल से रह रहे थे।
– 2019 में एटीएस ने देवबंद से पांच बांग्लादेशियों को गिरफ्तार करने के बाद जेल भेजा था।
– 2016 में दिल्ली पुलिस की स्पेशल टीमों ने सहारनपुर रेलवे स्टेशन के बाहर से हिजबुल मुजाहिदीन के आतंकी एजाज शेख को पकड़ा।
– 2010 में पाकिस्तानी जासूस शाहिद उर्फ इकबाल भट्टी को पटियाला पुलिस ने हकीकतनगर से गिरफ्तार किया, जो देवराज सहगल के नाम से रह रहा था।
– अयोध्या में हुए बम विस्फोट में तीतरो निवासी डाक्टर इरफान को पकड़ा।
– 2001 में आतंकी गतिविधियों के चलते मुफ्ती इसरार को पकड़ा।
– 1994 में तीन ब्रिटिश नागरिकों को बंधक बनाकर आतंकियों ने खाताखेड़ी रखा था। इन्हें छुड़ाने के लिए हुई मुठभेड़ में इंस्पेक्टर ध्रुवलाल शहीद हुए थे।
– 1991 में लक्ष्मी सिनेमा में बम फटा था, जिसमें करीब दस लोग मरे थे, उस समय घटना में आतंकियों का हाथ बताया गया था।
– किफायत उल्लाह उर्फ जाफर अहमद उर्फ अताउर्रहमान उर्फ अल उल्लाह मोहल्ला कस्साबान सरसावा का रहने वाला था, जो बाद में जम्मू-कश्मीर जाकर आतंकी बना।
Author: samachar
"कलम हमेशा लिखती हैं इतिहास क्रांति के नारों का, कलमकार की कलम ख़रीदे सत्ता की औकात नहीं.."