चुन्नीलाल प्रधान की रिपोर्ट
जोड़ियां भगवान बनाते हैं, मगर भगवान न करे कि किसी के शादी समारोह में आगजनी जैसी कोई अनहोनी हो। क्योंकि चैत्र नवरात्र के साथ शादी समारोह की शुरुआत होने जा रही है, मगर शहर का एक भी रेस्टोरेंट, होटल, बैंक्वेट हाल, रिसोर्ट ऐसा नहीं है जिसके पास अग्निशमन विभाग का अनापत्ति प्रमाण पत्र हो। यानी बात साफ है कि अगर आप कोई आयोजन करने जा रहे हैं तो अपनी तैयारी या स्वयं की जिम्मेदारी पर आगे बढ़ें। ये सभी अवैध रूप से बिना अनापत्ति प्रमाण पत्र के चल रहे हैं। यह बात डराने के लिए नहीं, बल्कि सतर्क करने के लिए बताई जा रही है। क्योंकि स्वयं अग्निशमन विभाग ने यह स्वीकार किया है।
आरटीआइ कार्यकर्ता मनोज चौधरी ने मेरठ के मुख्य अग्निशमन अधिकारी से सूचना का अधिकार अधिनियम के तहत सूचना मांगी। उन प्रश्नों के उत्तर देने में पूरी व्यवस्था की पोल खुल गई है। शहर में करीब 270 होटल, रेस्टोरेंट, बैंक्वेट हाल आदि हैं, मगर इनमें से सिर्फ चार को ही विभाग की ओर से नोटिस दिया गया है। इनके नाम हैं होटल क्रोम, होटल सुभद्रा, होटल संगरिया व होटल मुकुट महल।
नाम है अग्निशमन विभाग, काम है ठंडा
तापमान 37 के पार पहुंच गया है। आसमान से आग बरस रही है। अग्निशमन विभाग को कम से कम इस मौसम में तो अपने गठन के उद्देश्य के तहत कार्रवाई के मोड में आ जाना चाहिए था। जिस भवन में मानक पूरे न हों, उसे फौरन पूरा कराया जाना चाहिए था। ताकि कोई घटना भी न हो और समारोह के आयोजन में रुकावट भी न आए। कार्यशैली का हाल देखिए, मानकों का पालन कराना तो दूर, अभी तक नोटिस देने की तैयारी तक नहीं की गई है।
Author: samachar
"कलम हमेशा लिखती हैं इतिहास क्रांति के नारों का, कलमकार की कलम ख़रीदे सत्ता की औकात नहीं.."