विरेन्द्र कुमार खत्री की रिपोर्ट
हसपुरा/औरंगाबाद। जनवादी लेखक संघ औरंगाबाद के तत्वावधान में हसपुरा प्रखंड के फतेगंज गांव स्थित श्री श्रवण कुमार बीएड एंड डीएलएड कालेज हसपुरा-कनाप में बुधवार को शहीद-ए-आजम भगत सिंह सुखदेव और राजगुरु के शहादत दिवस पर’ आज़ादी के पचहत्तर साल और भगत सिंह’ विषय पर सेमिनार का आयोजन किया गया। जिसकी अध्यक्षता अध्यक्ष मंडल सदस्य पूर्व प्रखण्ड प्रमुख आरिफ़ रिजवी, साहित्यकार प्रो. अलखदेव प्रसाद’अचल’ एवं डायरेक्टर विपिन कुमार रंजन ने की। मंच का संचालन साहित्यकार शंभू शरण सत्यार्थी ने किया। कार्यक्रम की शुरुआत भगत सिंह, सुखदेव और राजगुरु के चित्र पर माल्यार्पण कर किया गया। कालेज की ओर से आए अतिथियों को मोमेंटो देकर स्वागत किया गया।
सेमिनार को संबोधित करते हुए मुख्य अतिथि पटना पालीगंज के पूर्व विधायक एनके नंदा ने कहा कि भगत सिंह सामाजिक क्रांति के पक्षधर थे। उनका कहना था जब तक पूंजीवाद वर्चस्व रहेगा, तब तक देश में खुशहाली आ ही नहीं सकती, क्योंकि पूंजीवादी व्यवस्था में कुछ लोग बहुसंख्यकों पर अपना वर्चस्व स्थापित रखना चाहते हैं। जब तक यहां की सत्ता किसानों और मजदूरों के हाथों में नहीं होगी, तब तक स्वच्छ समाज की स्थापना नहीं की सकती।
विशिष्ट अतिथि जन शिक्षा बिहार के पूर्व उपनिदेशक मो. गालिब ने कहा कि भगत सिंह की चेतना विज्ञान पर आधारित थी।भगत सिंह ने सिद्धांत समाजवाद पर आधारित था।
शिक्षक नागेश्वर प्रसाद, अंबुज कुमार, गोपेन्द्र सिन्हा गौतम, राजेश कुमार विचारक, कामाख्या नारायण सिंह, विजय सिंह सैनी, विनोद शाक्य, आनन्द कुमार, धनंजय कुमार, समुन्दर सिंह सहित कई गणमान्य लोगों ने शहीद भगत सिंह के विचारों की प्रासंगिकता पर प्रकाश डाला।
Author: samachar
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