जीशान मेंहदी की रिपोर्ट
लखनऊ। कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू के कार्यकाल का ढाई साल भी पूरा न हो पाया, उनसे इस्तीफा ले लिया गया।
विधानसभा चुनाव में पार्टी ने अब तक का सबसे खराब प्रदर्शन किया ही, साथ ही प्रदेश अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू विधायक भी नहीं चुने जा सके। तमकुहीराज में वह तीसरे नंबर पर खिसक गए।
अब कांग्रेस नए कांग्रेस अध्यक्ष के साथ लोकसभा चुनाव में उतरेगी। पार्टी किसी सवर्ण को प्रदेश अध्यक्ष बना सकती है क्योंकि पार्टी के अंदर से लम्बे समय से सवर्ण को प्रदेश की कमान देने की मांग उठती रही है।
विधानसभा चुनाव के पहले भी ब्राह्मण प्रदेश अध्यक्ष बनाने की मांग उठी थी लेकिन सुनवाई नहीं हुई थी।
अजय कुमार लल्लू अक्तूबर, 2019 में प्रदेश अध्यक्ष बनाए गए थे लेकिन नेतृत्व क्षमता के अभाव के चलते पार्टी संगठन में वह विशेष प्रभाव नहीं छोड़ पाए। संगठन चलाने का भी उनके पास कोई खास अनुभव नहीं था।
पूर्व प्रदेश अध्यक्ष निर्मल खत्री के कार्यकाल में वह जिलाध्यक्ष थे। प्रदेश के नेताओं के साथ भी उनका तालमेल कुछ खास नहीं था। पार्टी के अंदर उन पर आरोप लगते हैं कि उन्होंने जिला कार्यकारिणी का गठन करते समय पिछड़ों की राजनीति की और सवर्णों को तवज्जो न देते हुए उन्हें पीछे किया।
Author: samachar
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