दुर्गा प्रसाद शुक्ला की रिपोर्ट
बांदा। चुनाव में भाजपा व सपा की जीत को लेकर सौ रुपये के स्टांप पेपर में दो पड़ोसियों ने शर्त लगाई थी। उनमें सपा के पक्षधर को सरकार न बन पाने में अपनी मोटर साइकिल दूसरे के नाम करानी पड़ी है। मामला क्षेत्र में चर्चा का विषय बना है।
मटौंध क्षेत्र के ग्राम बसहरी निवासी बिलेटा सैनी टेंपो चलाते हैं। उनके पड़ोसी अवधेश कुशवाहा इलेक्ट्रानिक और प्लास्टिक सामान की फेरी लगाते हैं। दोनों ने बीती छह फरवरी को चुनाव में हार-जीत को लेकर शर्त लगा ली थी। बिलेटा ने भाजपा तो अवधेश ने सपा के जीतने की बात कही थी। सात फरवरी को दोनों ने सौ रुपये के स्टांप पेपर पर इसकी लिखा-पढ़ी भी कराई थी, जिसमें छह गवाहों के हस्ताक्षर थे। शर्त के तहत लिखा कि भाजपा सरकार बनी तो अवधेश अपनी मोटरसाइकिल बिलेटा को देगा।
सपा सरकार बनती है तो बिलेटा अपनी टेंपो अवधेश को दे देगा। दोनों वाहनों के बकायदा स्टांप पेपर में नंबर भी अंकित किए गए थे। स्टांप पर लिखा-पढ़ी होने के बाद दोनों ने वाहन गांव के दूसरे व्यक्ति के घर में खड़ा करा दिए थे। गुरुवार को मतगणना में चुनाव का परिणाम सामने आया तो अवधेश सपा शर्त हार गया। शुक्रवार को उसने मोटरसाइकिल बिलेटा के नाम कर दी है। उसे शर्त हारने का कोई गम नहीं है। उधर, बिलेटा शर्त जीतने के बाद बेहद खुश है।
ग्रामीणों के मुताबिक, बिलेटा शर्त लगाने के बाद पछताया भी था। अवधेश ने बताया कि बिलेटा की टेंपो से ही उसके घर का खर्च चलता है, इसलिए उसने शर्त वापस लेने की बात कही थी। मगर, बात कई लोगों के बीच तय हुई थी, इसलिए शर्त तोड़ी नहीं गई।
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Author: samachar
"कलम हमेशा लिखती हैं इतिहास क्रांति के नारों का, कलमकार की कलम ख़रीदे सत्ता की औकात नहीं.."