संजय सिंह राणा की रिपोर्ट
चित्रकूट- वन विभाग में ठेकेदारी प्रथा चरम सीमा पर है जहां पर मजदूरों का शोषण बड़ी मात्रा में किया जा रहा है ठेकेदारी प्रथा इस कदर हावी है कि श्रमिकों को नगद भुगतान करके उनका पैसा दिया जा रहा है जबकि शासन द्वारा ई पेमेंट के माध्यम से मजदूरों के खाते में भुगतान करने का नियम बनाया गया था लेकिन जिम्मेदार अधिकारियों की मनमानी के चलते मजदूरों को कम मजदूरी देकर भुगतान किया जा रहा है व उनका शोषण किया जा रहा है l
*ऐसा ही एक मामला सामने आया है चित्रकूट जिले के रैपुरा रेंज का l*
वन क्षेत्राधिकारी राधेश्याम दिवाकर की मिलीभगत से ठेकेदार द्वारा जमकर मनमानी करते हुए मजदूरों का शोषण किया जा रहा जिसमें ठेकेदार द्वारा अपने खाते में पैसा डलवा कर मजदूरों का भुगतान किया जा रहा है l
रैपुरा रेंज के अगरहुडा बीट, हनुवा बीट, गढचपा बीट, इटवा बीट, बान्धी बीट, राष्ट्रीय राजमार्ग बीट, राजापुर कमासिन संपर्क मार्ग बीट व राजापुर हटवा संपर्क मार्ग बीट पर हुए निर्माण कार्यों में जमकर सरकारी धन की लूट हुई है जहां पर बौना नाली खुदाई कार्य, गोलगड्डा खुदाई कार्य, गोबर खाद, मिट्टी पैकिंग व नर्सरी में थैला भरान के नाम पर जमकर धांधली की गई है वही मिट्टी बंधी के निर्माण में घोर धांधली करते हुए ठेकेदार के नाम भुगतान कर मजदूरी का पैसा दिया गया है l श्रमिकों को सरकारी रेट से कम पैसा देकर भुगतान किया गया है l सूत्रों के अनुसार पता चला है कि बौना नाली का रेट जहां ₹81 से लेकर ₹92 प्रति नाली है वहीं श्रमिकों को ₹30 प्रति नाली के रेट से भुगतान किया गया है वहीं गोल गड्ढे की खुदाई का रेट जहां ₹10 प्रति गड्ढा है वही ₹3 प्रति गड्ढे की दर से मजदूरों को भुगतान किया गया है l
वन क्षेत्राधिकारी राधेश्याम दिवाकर की मिलीभगत से ज्यादातर भुगतान देव कुमार सिंह पटेल के नाम किए गए हैं जिसके खाते में भुगतान करा कर वन विभाग द्वारा मजदूरों को नगद भुगतान किया जाता है जिसके कारण सरकारी धन का मनमाने तरीके से बंदरबांट किया जाता है l
सूत्रों के अनुसार पता चला है कि जब से उप प्रभागीय अधिकारी राजेश कुमार दीक्षित चित्रकूट जिले में तैनात होकर आए हैं तब से वन विभाग में ठेकेदारी प्रथा चरम सीमा पर होने लगी हैं जहां पर बड़ी मात्रा में कमीशन खोरी का खेल खेला जाता है l
रैपुरा रेंज सहित बरगढ़, मानिकपुर ,मारकुंडी व कर्वी रेंज में भी उप प्रभागीय वनाधिकारी की मनमानी खूब देखने को मिल रही हैं जहां पर ठेकेदारी प्रथा को बड़ी मात्रा में अंजाम दिया जा रहा है व मजदूरों का शोषण किया जा रहा है l
प्रांतीय वन सेवा संघ के प्रदेश अध्यक्ष होने के चलते राजेश कुमार दीक्षित द्वारा विभागीय अधिकारियों पर मनमाने तरीके से दबाव बनाकर ठेकेदारी प्रथा को आगे कर मजदूरों का शोषण किया जा रहा है जिसके कारण मजदूर करें भी तो क्या करें जितना भी भुगतान हो जाता है उसको खामोशी से लेकर बैठ जाते हैं कई जगहों पर तो ऐसे भुगतान किए गए हैं जहां पर बिना कार्य किए हुए मजदूरों के नाम पर फर्जीवाड़ा करके भुगतान करवाया गया है लेकिन संघ का प्रदेश अध्यक्ष होने के चलते राजेश कुमार दीक्षित द्वारा विभागीय अधिकारियों पर दबाव बनाकर कार्य करवाया जा रहा है जिसके कारण विभागीय अधिकारी भी खामोश बैठे तमाशाई बने नजर आते हैं l
वर्ष 2017 में केंद्र सरकार द्वारा ई पेमेंट के माध्यम से भुगतान किए जाने के निर्देश दिए गए थे जिसमें वन विभाग द्वारा घोर लापरवाही बरतते हुए निजी ठेकेदारों के नाम भुगतान कराकर मजदूरों का शोषण किया जा रहा है व केंद्र सरकार के नियमों का खुला उल्लंघन किया जा रहा है l
आखिर ऐसे लापरवाह उप प्रभागीय वनाधिकारी सहित विभागीय अधिकारियों के ऊपर सरकार कब शिकंजा कसने का काम करेगी l
Author: samachar
"कलम हमेशा लिखती हैं इतिहास क्रांति के नारों का, कलमकार की कलम ख़रीदे सत्ता की औकात नहीं.."