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November 23, 2024 10:25 am

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महिला शिक्षिका ने बांटी विवादित पुस्तक ; पढ़िए क्या है ये

13 पाठकों ने अब तक पढा

पुनीत नौटियाल की रिपोर्ट

भीलवाड़ा। राजस्थान के भीलवाड़ा जिले में एक सरकारी स्कूल में विवादित किताबें बांटने का मामला सामने आया है। जिले के राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय रूपपुर में छात्रों को एक महिला शिक्षिका ने ‘धर्म विरोधी’ किताबें बांटीं। मामले की जानकारी जब वहां पढ़ने वाले स्टूडेंट्स के पैरेंट्स को हुई तो वे स्कूल पहुंचे और वहां ताला जड़ दिया। बवाल बढ़ा तो शिक्षा विभाग ने शिक्षिका को एपीओ कर दिया।

जानकारी के मुताबिक, स्कूल में करीब पांच दिन पहले शिक्षिका निर्मला कामड़ ने कथित तौर पर धर्म विरोधी किताब बांटी थीं। ‘हिंदुइज्म’ नाम की इस किताब में काफी आपत्तिजनक बातें लिखी हुई थीं। इस किताब के कवर पेज पर भी जवाहरलाल नेहरू को उद्धृत करते हुए लिखा था, ‘दुनिया में हिंदू से ज्यादा संकीर्ण कोई नहीं है।’ इतना ही नहीं, हिंदुइज्म ‘धर्म या कलंक?’ जैसे सवाल भी इस किताब में उठाए गए थे। 

महिला शिक्षिका पर कार्रवाई

धर्म विरोधी किताब बांटने से नाराज ग्रामीणों ने प्रदर्शन करते हुए महिला शिक्षिका को सस्पेंड करने की मांग की। इतना ही नहीं, ग्रामीणों ने स्कूल पर ताला भी लगा दिया। इसके बाद मौके पर बुधवार को आसींद तहसीलदार बेनी प्रसाद सरगरा, आसींद थाना अधिकारी हरीश सांखला और अतिरिक्त ब्लॉक शिक्षा अधिकारी भंवर लाल सेन पहुंचे। इसके बाद मुख्य जिला शिक्षा अधिकारी ब्रह्मा राम चौधरी ने शिक्षिका को एपीओ करने का आदेश देने के साथ ही मामले की जांच के लिए एक टीम का गठन किया। महिला शिक्षिका को अब मांडल ब्लॉक शिक्षा अधिकारी के कार्यालय से अटैच कर दिया गया है।

महिला ने आरोपों से किया इनकार

मामले में गांव के सरपंच मनरूप गुर्जर ने कहा कि वह एक बार पहले भी महिला शिक्षिका से बात कर चुके हैं। स्टूडेंट्स ने शिकायत की थी कि शिक्षिका राम मंदिर, देवी देवताओं के बारे में आपत्तिजनक चीजें कहती हैं। उन्होंने कहा, ‘जब शिक्षिका से बात की गई तो उसने कहा कि मैं दलित हूं और एफआईआर करा दूंगी।’ दूसरी ओर महिला शिक्षिका का कहना है कि वह दलित हैं और आगे बढ़ रही हैं, इसलिए गांव के लोगों को दिक्कत है। उन्होंने कहा कि विवादित किताब के बारे में उन्हें कोई जानकारी नहीं है।

samachar
Author: samachar

"कलम हमेशा लिखती हैं इतिहास क्रांति के नारों का, कलमकार की कलम ख़रीदे सत्ता की औकात नहीं.."

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