कमलेश कुमार चौधरी की रिपोर्ट
मेरठ और आसपास के इलाकों में सियासत गरमाई हुई है, जहां कई माननीय नेताओं के खिलाफ गंभीर आरोप लगाए जा रहे हैं। इनमें मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के मंत्रिमंडल के दो सदस्य, सोमेंद्र तोमर और दिनेश खटीक, विशेष रूप से विवादों में फंसे हुए हैं। दोनों मंत्रियों पर जनता के बीच नाराजगी बढ़ती जा रही है, और उनके खिलाफ प्रदर्शन किए जा रहे हैं।
इसके अलावा, भारतीय जनता पार्टी के प्रदेशाध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी के खिलाफ भी मुरादाबाद में नाराजगी देखी गई है, जबकि कुछ अन्य विधायकों के भड़काऊ बयानों ने भी राजनीति को और गरमा दिया है।
सोमेंद्र तोमर पर लगे आरोप
मेरठ दक्षिण के विधायक और मंत्री सोमेंद्र तोमर पर एक सप्ताह के भीतर तीन गंभीर आरोप लगाए गए हैं। पहला आरोप पाबली खास में पूर्व सैनिकों द्वारा खरीदी गई आवासीय प्लॉटों की जमीन पर अवैध कब्जा करने का है, जिसके खिलाफ स्थानीय लोग सड़कों पर उतर आए हैं और प्रशासन द्वारा जांच के आदेश दिए गए हैं।
दूसरा आरोप एक छात्रा को आत्महत्या के लिए उकसाने के आरोपियों को संरक्षण देने का है, जिसे लेकर एडीजी के दफ्तर के बाहर प्रदर्शन भी हुआ।
तीसरा आरोप मोहिउद्दीनपुर सहकारी समिति के चुनाव में 100 से अधिक नामांकन रद्द कराने का है, जिसके चलते किसान चार दिनों से धरने पर बैठे हैं। हालांकि, मंत्री ने सभी आरोपों को खारिज कर दिया है और अपनी भूमिका से इनकार किया है।
दिनेश खटीक पर लगे आरोप
जल शक्ति राज्यमंत्री और हस्तिनापुर के विधायक दिनेश खटीक पर भी आरोप हैं कि उन्होंने अपने क्षेत्र की मवाना सहकारी गन्ना समिति के चुनाव में बड़े पैमाने पर नामांकन रद्द कराने में भूमिका निभाई है।
प्रदर्शनकारियों का कहना है कि मंत्री की शह पर यह सब हुआ है, और इसके खिलाफ पूर्व मंत्री जगवीर गुर्जर ने सार्वजनिक तौर पर मंत्री पर लोकतांत्रिक प्रक्रिया की हत्या करने और चुनाव लड़ने के अधिकार को छीनने का आरोप लगाया है।
विधायकों के विवादास्पद बयान
मेरठ की सरधना सीट से पूर्व विधायक संगीत सोम, जो पहले भी अपने विवादित बयानों के लिए चर्चित रहे हैं, ने हाल ही में एक सरकारी अधिकारी को धमकी दी थी कि अगर उसने सही काम नहीं किया, तो उसे जनता से जूते मारने को कहेंगे। इस बयान के बाद पूर्व आईपीएस अमिताभ ठाकुर ने यूपी के मुख्य सचिव और डीजीपी को पत्र लिखकर संगीत सोम के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने की मांग की है।
समाजवादी पार्टी के विधायकों के बयान
अमरोहा के सपा विधायक महबूब अली ने बिजनौर में एक कार्यक्रम के दौरान मुस्लिम आबादी के बढ़ने का जिक्र करते हुए भाजपा सरकार को चुनौती दी और कहा कि भाजपा का शासन खत्म हो जाएगा।
इस बयान से समाजवादी पार्टी ने दूरी बना ली, लेकिन भाजपा ने इस पर तीखी प्रतिक्रिया दी, और महबूब अली के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई गई।
इसी तरह, संभल के सपा विधायक इकबाल महमूद ने भी योगी सरकार की नीतियों की आलोचना करते हुए सांप्रदायिक खाई को बढ़ाने का आरोप लगाया।
भूपेंद्र चौधरी के खिलाफ विरोध
मुरादाबाद में गन्ना समिति के चुनावों में अनियमितताओं के आरोप लगाते हुए किसानों ने भाजपा के प्रदेशाध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी के खिलाफ नारेबाजी की। आरोप है कि भूपेंद्र चौधरी ने अपने समर्थक को गन्ना समिति का चेयरमैन बनाने के लिए चुनाव अधिकारी पर दबाव डालकर कई नामांकन खारिज करवाए।
इस प्रकार, पश्चिमी उत्तर प्रदेश में नेताओं के खिलाफ लगे इन आरोपों और विवादास्पद बयानों ने क्षेत्र की राजनीति को गरमा दिया है, जिससे सियासी माहौल तनावपूर्ण हो गया है।
Author: samachar
"कलम हमेशा लिखती हैं इतिहास क्रांति के नारों का, कलमकार की कलम ख़रीदे सत्ता की औकात नहीं.."