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19 January 2025 12:03 pm

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मुलायम का बेटा गांधी परिवार का नौकर…केशव प्रसाद मौर्य की बातों ने अखिलेश को तिलमिला दिया

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अंजनी कुमार त्रिपाठी की रिपोर्ट

उत्तर प्रदेश की राजनीति में आगामी उपचुनावों से पहले सियासी गहमागहमी तेज हो गई है। इस राजनीतिक उठापटक का केंद्रबिंदु राज्य के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य और समाजवादी पार्टी (सपा) के अध्यक्ष अखिलेश यादव के बीच जारी वाकयुद्ध बन गया है।

हाल ही में केशव प्रसाद मौर्य ने एक बयान में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को देश का सबसे बेहतरीन मुख्यमंत्री बताया, जो राजनीति के गलियारों में चर्चा का विषय बन गया। मौर्य के इस बयान को राजनीतिक पलटी के रूप में देखा जा रहा है, क्योंकि इससे पहले वह सरकार की कुछ नीतियों पर सवाल उठाते नजर आए थे। इस बयान के बाद अखिलेश यादव ने मौर्य पर कटाक्ष करते हुए उन्हें आड़े हाथों लिया। उन्होंने कहा कि “डबल हार के बाद भी कोई ‘उप’ मुख्यमंत्री सरकार की तारीफ के प्रमाणपत्र बांट रहा है।”

इसके बाद, केशव प्रसाद मौर्य ने अखिलेश यादव पर तीखा हमला बोलते हुए उन्हें गांधी परिवार का नौकर करार दिया। मौर्य ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘X’ पर लिखा कि “धरती पुत्र मुलायम सिंह यादव ने सपने में भी नहीं सोचा होगा कि उनके बाद उनका बेटा अखिलेश यादव गांधी परिवार का दरबारी बन जाएगा।” उन्होंने यह भी कहा कि इससे समाजवादी पार्टी के समर्थक आहत हैं, क्योंकि मुलायम सिंह यादव ने हमेशा गांधी परिवार के खिलाफ राजनीतिक लड़ाई लड़ी थी।

केशव प्रसाद मौर्य का यह बयान उस समय आया जब उन्होंने लालू यादव और मुलायम सिंह यादव के परिवारों पर भी निशाना साधा। उन्होंने कहा कि जो नेता कभी कांग्रेस को उखाड़ फेंकने का दम भरते थे, वे आज कांग्रेस के सहारे राजनीति कर रहे हैं। मौर्य ने लालू और मुलायम परिवार को गांधी परिवार का पिछलग्गू करार दिया।

अखिलेश यादव ने इसके जवाब में मौर्य पर कटाक्ष करते हुए कहा कि “अगर सरकार सही काम कर रही होती, तो दो उपमुख्यमंत्रियों की जरूरत नहीं पड़ती। इसका मतलब है कि या तो वे सही काम नहीं कर रहे हैं, या फिर बाकी लोग नाकाम साबित हो रहे हैं।” अखिलेश ने यह भी कहा कि मौर्य का काम अब सिर्फ दरबारी चारण की तरह स्तुति गान करना रह गया है।

इस प्रकार, उत्तर प्रदेश के उपचुनावों के पहले केशव प्रसाद मौर्य और अखिलेश यादव के बीच यह तीखी बयानबाजी राज्य की राजनीतिक स्थिति को और गर्म कर रही है। दोनों नेताओं के बीच इस जुबानी जंग से यह स्पष्ट है कि आगामी चुनावों में राज्य की राजनीति और भी दिलचस्प मोड़ ले सकती है।

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Author: samachar

"कलम हमेशा लिखती हैं इतिहास क्रांति के नारों का, कलमकार की कलम ख़रीदे सत्ता की औकात नहीं.."

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