अंजनी कुमार त्रिपाठी की रिपोर्ट
लोकसभा चुनाव में उत्तर प्रदेश में “भाई-भाई” का नारा लगाकर चुनाव लड़ने वाली समाजवादी पार्टी (सपा) और कांग्रेस के बीच अब मतभेद उभरने लगे हैं।
हाल ही में राज्य में 10 विधानसभा सीटों पर होने वाले उपचुनावों को लेकर दोनों दलों के बीच तनातनी की स्थिति बन गई है। पहले जहां सपा ने इन उपचुनावों के लिए 6 सीटों पर अपने प्रभारियों की घोषणा की थी, वहीं अब कांग्रेस ने सभी 10 सीटों पर अपने पर्यवेक्षकों के नाम की घोषणा कर दी है।
कांग्रेस के इस कदम से समाजवादी पार्टी में नाराजगी का माहौल है। सपा नेता रविदास मेहरोत्रा ने अपने बयानों से यह स्पष्ट कर दिया है कि सपा कांग्रेस के इस कदम का जवाब अपने तरीके से देने के मूड में है।
मेहरोत्रा ने कहा कि सपा ने जिन सीटों की मांग की थी, वे कांग्रेस हमें नहीं दे रही है। जिन 10 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव होने वाले हैं, उनमें से 5 पर पहले सपा के विधायक थे। इस आधार पर सपा का मानना है कि इन सीटों पर उसके प्रत्याशी ही चुनाव लड़ेंगे।
इस घटनाक्रम के बाद सपा और कांग्रेस के रिश्तों में दरार आने की चर्चाएं तेज हो गई हैं। लोकसभा चुनाव में साथ आकर उत्तर प्रदेश में भाजपा को चुनौती देने वाली सपा और कांग्रेस के बीच अब खटपट खुलकर सामने आ रही है।
राजनीतिक गलियारों में यह चर्चा है कि लोकसभा चुनाव में उत्तर प्रदेश में 6 सीटें जीतने के बाद कांग्रेस अपनी स्थिति को और मजबूत करने में जुटी हुई है।
कांग्रेस एक बार फिर उत्तर प्रदेश को अपना मजबूत गढ़ बनाना चाहती है, इसलिए वह आगामी उपचुनावों में ज्यादा से ज्यादा सीटों पर चुनाव लड़ने की रणनीति बना रही है। हालांकि, सपा को कांग्रेस की यह रणनीति मंजूर नहीं है, और यही वजह है कि दोनों दलों के बीच टकराव की स्थिति बन गई है।
Author: samachar
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