सर्वेश द्विवेदी की रिपोर्ट
उत्तर प्रदेश में बाढ़ का कहर 40 जिलों में फैल चुका है, जिसके चलते जनजीवन बुरी तरह प्रभावित हुआ है। बाढ़ के कारण कई गांवों में जलभराव की स्थिति बन गई है और संपर्क मार्ग भी जलमग्न हो गए हैं। इस गंभीर स्थिति को देखते हुए यूपी सरकार ने राहत कार्यों के लिए 120 करोड़ रुपए की सहायता राशि जारी कर दी है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने राज्य आपदा मोचक निधि (State Disaster Relief Fund) से यह धनराशि मंजूर की है। इस राशि का उपयोग बाढ़ प्रभावित परिवारों को राहत सहायता देने, कृषि निवेश अनुदान और अन्य राहत कार्यों के लिए किया जाएगा। 40 जिलों में से 20 जिलों को 5-5 करोड़ रुपए और बाकी 20 जिलों को 1-1 करोड़ रुपए की धनराशि दी जाएगी।
समीक्षा बैठक के दौरान, मुख्यमंत्री ने बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों की स्थिति की गंभीरता को समझते हुए तत्काल सहायता के आदेश दिए। इन जिलों को संवेदनशील और अति संवेदनशील श्रेणी में रखा गया है। राहत के कार्यों में बाढ़ प्रभावित परिवारों की मदद के साथ-साथ कृषि को हुए नुकसान की भरपाई भी शामिल है।
बाढ़ से प्रभावित प्रमुख जिलों में लखीमपुर खीरी, बलरामपुर, कुशीनगर, शाहजहांपुर, बाराबंकी, सीतापुर, गोंडा, बहराइच, सिद्धार्थनगर, बलिया, गोरखपुर, बरेली, आजमगढ़, हरदोई, अयोध्या, बदायूं, फर्रुखाबाद, बस्ती, देवरिया और उन्नाव शामिल हैं। इसके अलावा, महराजगंज, बिजनौर, गाजीपुर, मऊ, अम्बेडकरनगर, श्रावस्ती, संतकबीरनगर, पीलीभीत, सहारनपुर, शामली, अलीगढ़, हमीरपुर, गौतमबुद्धनगर, रामपुर, प्रयागराज, बुलंदशहर, मुरादाबाद, वाराणसी, लखनऊ और कासगंज को 1-1 करोड़ की सहायता राशि दी गई है।
राहत आयुक्त जी.एस. नवीन के अनुसार, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ खुद बाढ़ प्रभावित इलाकों की नियमित निगरानी कर रहे हैं। पहले भी बाढ़ तैयारियों के लिए 10 करोड़ रुपए की राशि जारी की जा चुकी थी। बाढ़ की स्थिति इतनी गंभीर है कि सरयू, घाघरा, शारदा, राप्ती और अन्य सहायक नदियों का पानी कई गांवों में घुस चुका है, जिससे पूर्वांचल के कई जिले बुरी तरह प्रभावित हुए हैं।
मुख्यमंत्री ने हाल ही में बाढ़ का हवाई सर्वेक्षण भी किया था और इसके बाद समीक्षा बैठक में राहत कार्यों के लिए आवश्यक निर्देश जारी किए थे।
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Author: samachar
"कलम हमेशा लिखती हैं इतिहास क्रांति के नारों का, कलमकार की कलम ख़रीदे सत्ता की औकात नहीं.."