ठाकुर बख्श सिंह की रिपोर्ट
समाजवादी पार्टी (SP) सुप्रीमो अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) 2024 का लोकसभा चुनाव उत्तर प्रदेश के कन्नौज सीट से लड़ेंगे। वह 25 अप्रैल को अपना नामांकन पत्र दाखिल करेंगे।
इससे पहले अखिलेश यादव ने कन्नौज (Kannauj) लोकसभा सीट से खुद के चुनाव लड़ने की संभावनाओं पर रहस्य बरकरार रखते हुए बुधवार को कहा कि जब इस सीट के लिए नामांकन होगा तो सबको खुद ही पता लग जाएगा। लेकिन उनके बयान के कुछ देर बाद ‘इंडिया टुडे’ टीवी से बात करते हुए उनके चाचा रामगोपाल यादव ने कहा कि अखिलेश यादव की उम्मीदवारी को लेकर कोई भ्रम नहीं है।
सपा महासचिव रामगोपाल यादव ने कहा है कि अखिलेश यादव कन्नौज से ही चुनाव लड़ेंगे। उन्होंने कहा कि अखिलेश 25 अप्रैल की दोपहर 12 बजे कन्नौज सीट से नामांकन करेंगे। इससे पहले दिन में जब अखिलेश से पूछा गया कि कन्नौज से मौजूदा सपा प्रत्याशी तेज प्रताप सिंह ही चुनाव लड़ेंगे या वह खुद भी चुनाव लड़ सकते हैं, तो उन्होंने कहा, ”देखिए… जब नामांकन होगा तो आपको खुद पता लग जाएगा और हो सकता है कि नामांकन से पहले ही आपको जानकारी मिल जाए।”
इस सवाल पर कि कन्नौज के लोग चाहते हैं कि सपा अध्यक्ष खुद वहां से चुनाव लड़ें, यादव ने कहा, ”सवाल कन्नौज की ऐतिहासिक जीत का है। कन्नौज अलग बात है लेकिन उससे ज्यादा जो जनता ने मन बनाया है उससे ‘इंडिया’ गठबंधन भविष्य बनकर आ रहा है और BJP इस चुनाव में इतिहास बन जाएगी।”
उन्होंने कहा, “जनता BJP खिलाफ मतदान करने जा रही है। NDA (राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन) को PDA (पिछड़ा, दलित और अल्पसंख्यक) हराएगा।” अखिलेश यादव के कन्नौज लोकसभा सीट से चुनाव लड़ने की अटकलों के बीच सपा ने पिछले सोमवार को मैनपुरी से पूर्व सांसद तेज प्रताप सिंह यादव को इसी सीट से उम्मीदवार बनाया था।
तेज प्रताप का टिकट कटा
इससे पहले सपा ने इस सीट से तेज प्रताप यादव को अपना उम्मीदवार घोषित किया था। साल 2014 से 2019 तक मैनपुरी से सांसद रहे तेज प्रताप राष्ट्रीय जनता दल (RJD) के संस्थापक और बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव के दामाद हैं। वह सपा प्रमुख अखिलेश यादव के भतीजे हैं। लेकिन इसके बावजूद ऐसी अटकलें लगाई जा रही थी कि तेज प्रताप का टिकट कट सकता है और अखिलेश यादव कन्नौज से चुनाव लड़ सकते हैं। और अब आखिरकार वही हुआ।
‘यादव परिवार’ के लिए कितना अहम है कन्नौज?
अखिलेश यादव 2000 में कन्नौज सीट पर हुए उपचुनाव में पहली बार सांसद चुने गए थे। उसके बाद वह 2004 और 2009 में भी इसी सीट से सांसद रहे। उत्तर प्रदेश का मुख्यमंत्री बनने के बाद लोकसभा से इस्तीफा देने के चलते 2012 में कन्नौज सीट पर हुए उपचुनाव में अखिलेश की पत्नी डिंपल निर्विरोध चुनी गई थीं।
वर्ष 2014 के आम चुनाव में भी डिंपल ने इसी सीट से जीत दर्ज की थी। हालांकि साल 2019 के चुनाव में वह बीजेपी के सुब्रत पाठक से हार हो गई थीं। कन्नौज में लोकसभा चुनाव के चौथे चरण के तहत आगामी 13 मई को मतदान होगा। इस सीट के लिए नामांकन 25 अप्रैल को शुरू होंगे।
Author: samachar
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