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November 23, 2024 3:28 am

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हेमा मालिनी से आखिर क्यों नाराज हैं बृजवासी? चुनाव पर क्या प्रभाव डालेगी ये नाराजगी… 

13 पाठकों ने अब तक पढा

ब्रजकिशोर सिंह की रिपोर्ट

मथुरा: लोकसभा चुनाव के मद्देनजर भारतीय जनता पार्टी ने अपने प्रत्याशी के नाम की घोषणा कर दी है। बीजेपी ने मथुरा से तीसरी बार सांसद हेमा मालिनी को टिकट दिया है। चर्चा है कि भाजपा प्रत्याशी सांसद हेमा के खिलाफ बृजवासियों में रोज व्याप्त है। बृजवासियों ने हेमा के विरोध में पंचायत की और निर्दलीय प्रत्याशी उतारने का निर्णय लिया है। यह पंचायत अकबरपुर में आयोजित की गई।

बताया जा रहा है कि भारतीय जनता पार्टी की प्रत्याशी हेमा मालिनी से नाराज लोगों ने चौमुहां क्षेत्र के गांव अकबरपुर में पंचायत कीं। इसमें फिर से बाहरी प्रत्याशी बनाए जाने पर नाराजगी व्यक्त की। निर्णय लिया गया कि हेमामालिनी के खिलाफ निर्दलीय प्रत्याशी लड़ाया जाएगा। इसके लिए जल्दी ही जिला स्तर पर महापंचायत का आयोजन किया जायेगा।

केवल चुनाव के समय दिखतीं हैं हेमा’

पंचायत में लोगों ने कहा कि हेमा मालिनी केवल चुनाव के समय ही दिखाई देती हैं। उनको यह तक नहीं पता कि कौन सा गांव कहां पर है। न ही वे किसी के सुख-दुख में शामिल होती हैं। 10 साल से ऐसा लग रहा है, जैसे मथुरा में सांसद ही नहीं है। नाराजगी का एक और कारण भाजपा का मथुरा में जाटवाद को बढ़ावा देना भी बताया। भाजपा नेतृत्व पर आरोप लगाया कि सारे दायित्व जाटों को दिए जा रहे हैं।

‘लोकसभा सीट पर पुनः विचार करे भाजपा’

जनता ने कहा कि हमें स्थानीय सांसद चाहिए। एक ऐसा सांसद हो जो हिंदू हो। विहिप, बजरंग दल एवं संघ से जुड़े विष्णु हिंदुस्तानी ने बताया हिंदू संगठनों से जुड़ी सभी टीम भाजपा की समर्थक हैं, लेकिन अबकी बार हेमामालिनी को टिकट दिए जाने की वजह से सभी नाराज हैं। भाजपा नेतृत्व को मथुरा सीट पर पुनः विचार कर स्थानीय उम्मीदवार को टिकट देना चाहिए।

निर्दलीय भानु प्रताप सिंह उतर सकते हैं हेमा के सामने

भानु प्रताप सिंह मूल रूप से अकबरपुर के रहने वाले हैं। भानु प्रताप सिंह का दिल्ली में कारोबार है। यहां के बृजवासी मूल रूप से अकबरपुर के रहने वाले सिंह को निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर देखना चाहते हैं। लोगों का कहना है कि हम बाहरी नेताओं के सहारे रहेंगे। बाहरी नेता ना तो किसी के सुख दु:ख में शामिल होते हैं और ना ही किसी का हाल-चाल लेने के लिए आते हैं। स्थानीय नेता अगर होगा तो हम उसके दरवाजे पर जाकर अपनी समस्याओं को बता सकते हैं।

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Author: samachar

"कलम हमेशा लिखती हैं इतिहास क्रांति के नारों का, कलमकार की कलम ख़रीदे सत्ता की औकात नहीं.."

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