ठाकुर बख्श सिंह की रिपोर्ट
लखनऊ: केजीएमयू के पोस्टमॉर्टम हाउस कर्मियों की लापरवाही से एक महिला का शव बदल गया। बुधवार को एक ही नाम की दो महिलाओं के शवों का पोस्टमॉर्टम किया गया था। कर्मियों ने महिला का उपनाम नहीं बोला था, जिसकी वजह से परिवारीजन दूसरी महिला का शव लेकर चले गए। उस महिला के परिवारीजन मर्च्युरी पहुंचे तो पता चला कि उनका शव सौंपा जा चुका है। इस पर परिवार वाले हंगामा करने लगे। जब शव बदले जाने का पता चला तो चौक पुलिस तुरंत गुलाला घाट पहुंची, लेकिन तब तक शव का अंतिम संस्कार किया जा चुका था।
उन्नाव हसनगंज अकबरपुर निवासी विपिन प्रजापति नादरगंज में निजी कंपनी में काम करते हैं। मंगलवार को जहरीला पदार्थ खाने पर उन्होंने पत्नी संध्या प्रजापति (26) को ट्रॉमा सेंटर में भर्ती करवाया था। देर रात संध्या की मौत हो गई। पुलिस ने पंचानामा भरकर शव पोस्टमॉर्टम हाउस भेज दिया था। बुधवार दोपहर करीब 1:30 बजे विपिन शव लेने पोस्टमॉर्टम हाउस पहुंचे तो कर्मियों ने बताया कि संध्या का शव परिवारीजन ले जा चुके हैं। यह सुनकर पीड़ित भौचक्का रह गया।
परिवारीजनों से पूछने पर पता चला कि शव किसी ने नहीं लिया है। इस पर वह लोग हंगामा करने लगे। इस पर छानबीन की गई तो पता चला कि बुधवार को ही मड़ियांव के त्रिलोकी विहार कॉलोनी निवासी आशुतोष त्रिवेदी की पत्नी संध्या त्रिवेदी (24) के शव का पोस्टमॉर्टम भी हुआ था। संध्या त्रिवेदी ने भी जहरीला पदार्थ खाया था, उसकी भी ट्रॉमा सेंटर में इलाज के दौरान सोमवार देर रात को मौत हो गई थी। महिला की मौत होने पर ससुरालीजन शव ट्रॉमा सेंटर में छोड़कर भाग निकले थे।
संध्या त्रिवेदी के भाई सुमित और पिता अमरनाथ और अन्य परिवारीजनों ने पंचनामा भरा था। कागजी कार्रवाई पूरी न होने पर शव का पोस्टमॉर्टम मंगलवार को नहीं हो पाया था। पोस्टमॉर्टम हाउस कर्मियों ने लापरवाही में संध्या त्रिवेदी के शव के बजाए संध्या प्रजापति के शव को भाई सुमित के सुपुर्द कर दिया था। सुमित और परिवारीजनों ने शव का गुलाला घाट पर अंतिम संस्कार कर दिया था।
परिवारीजनों को नहीं ले जाने दीं अस्थियां
हंगामें की सूचना पाकर थाना प्रभारी चैक नागेश उपाध्याय पुलिस बल के साथ पोस्टमॉर्टम हाउस पहुंच गए। मामले की जानकारी होने पर थाना प्रभारी संध्या प्रजापति के पिता सोनेलाल और अन्य परिवारीजनों को लेकर गुलाला घाट पहुंच गए। यहां संध्या त्रिवेदी के परिवारीजनों ने संध्या प्रजापति के शव का दाह-संस्कार इलेक्ट्रिक शवदाह गृह में कर दिया था। यह सुनकर पिता और परिवारीजन भड़क गए। इस पर थाना प्रभारी ने शव की अस्थियां गुलाला घाट कर्मियों के हवाले कर दीं। परिवारीजनों ने पोस्टमॉर्टम हाउस कर्मियों और मेडिकल कॉलेज चौकी इंचार्ज पर अभद्रता का आरोप लगाया है।
शव के अंग निकालने का आरोप
संध्या प्रजापति के पति विपिन का आरोप है कि मर्च्युरी कर्मियों ने संध्या के अंग निकाल लिए। कार्रवाई से बचने के लिए कर्मियों ने शव किसी और को सौंप दिया है। आक्रोशित परिवारीजनों पोस्टमॉर्टम हाउस के गेट पर ताला लगा दिया। काम प्रभावित होने पर पुलिस ने ताला तोड़कर गेट खोल दिया। पोस्टमॉर्टम हाउस पहुंचे एडीसीपी पश्चिम विश्वजीत श्रीवास्तव, एसीपी राजकुमार सिंह ने परिवारीजनों को समझाया। एडीसीपी के कहने पर पोस्टमॉर्टम हाउस में रखे शव की शिनाख्त परिवारीजनों से करवाई गई। पीड़ित परिवारीजनों ने शव को पहचानने से इनकार कर दिया। उन्होंने एडीसीपी से पोस्टमॉर्टम होने से लेकर शव को सुपुर्द करने तक की सीसीटीवी फुटेज देखने की मांग की है। एडीसीपी पीड़ित परिवारीजनों को सीसीटीवी फुटेज दिखाने का आश्वासन दिया है।
भाई ने की शव की शिनाख्त
पीड़ित परिवारीजनों की मांग पर एडीसीपी ने संध्या त्रिवेदी के भाई सुमित को पोस्टमॉर्टम हाउस बुलवाया। शाम करीब 5:30 बजे सुमित ने पोस्टमॉर्टम हाउस में रखे शव की शिनाख्त बहन संध्या त्रिवेदी के रूप में की। उन्होंने बताया कि बहन की मौत के गम में उन्होंने शव का चेहरा नहीं देखा, अंजाने में किसी और के शव का अंतिम संस्कार कर दिया है। उन्होंने केजीएमयू प्रशासन और पुलिस को लिखित माफीनामा देकर इसे मानवीय गलती बताई है।
देर रात करवाया गया शव दाह-संस्कार
एसीपी चौक राजकुमार सिंह ने बताया कि बुधवार देर शाम दूसरे पक्ष के लोगों को सीतापुर से वापस बुला लिया गया था। संध्या त्रिवेदी के शव को भाई सुमित और परिवारीजनों के सुपुर्द कर दिया गया। शव का देर रात अंतिम संस्कार पीड़ित पक्ष के सामने करवाया गया, जिसके बाद दोनों पक्षों को शव की अस्थियां उनके सुपुर्द कर दी गई हैं।
पीड़ित परिवारीजनों ने पोस्टमॉर्टम हाउस कर्मियों के खिलाफ शिकायत कर जांच की मांग की है। संबंधित विभाग के जरिए कर्मियों के खिलाफ जांच करवाई जाएगी।
–विश्वजीत श्रीवास्तव, एडीसीपी पश्चिम
Author: samachar
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