इरफान अली लारी की रिपोर्ट
कुशीनगर। हाईवे पर हादसे में तीन गांवों के चार लोगों की हुई थी मौत, घायलों के स्वास्थ्य में हो रहा सुधार। सुकरौली बाजार हाईवे पर हुए हादसे में जान गंवाने वाले बुजुर्गों के गांव पिड़रा, शंखापार और पैकौली में मंगलवार को भी मातम छाया रहा।
उनके घरों से महिलाओं की रुक-रुक कर निकल रहीं सिसकियां रात के सन्नाटे को भंग कर रही हैं। मेडिकल कॉलेज गोरखपुर में भर्ती चारों घायलों के स्वास्थ्य में सुधार हो रहा है। मंगलवार को पीड़ितों के घर पुलिस पहुंची और कार्रवाई के लिए तहरीर ली।
हाटा कोतवाली के जोल्हिनिया के पास सोमवार की रात हाईवे पर हुए हादसे में पैकौली गांव की इंद्रावती देवी, पिड़रा के श्रीराम पाल, गुलाबी देवी और उषा देवी की मौत हो गई थी। जबकि, शंखापार के टेंपो चालक अनिरुद्ध चौहान, सुमित्रा देवी, वासकली, पिड़रा के मुनेश्वर और पैकौली की सुशीला घायल हो गईं। टेंपो चालक को छोड़ बाकी घायलों का इलाज गोरखपुर मेडिकल कॉलेज में चल रहा है। मंगलवार की दोपहर पिड़रा, शंखापार पैकौली में सन्नाटा पसरा था। दरवाजे गुमशुम लोग बैठे हुए थे। इंद्रावती के दरवाजे पर चार-पांच महिलाएं बिलख रही थीं। श्रीराम की पत्नी कबूतरा दरवाजे पर रो रही थीं। वहां मौजूद महिलाएं उन्हें सांत्वना दे रही थीं। वहां मौजूद गांव वालों ने बताया कि चारों लोगों की मौत से पूरा गांव दुखी है।
एनएच 28 पर कोहरे के कारण रविवार की रात को हादसे की शिकार गुलाबी देवी के बेटे कमलेश ने मंगलवार को पुलिस को तहरीर दी। पुलिस घर पहुंचकर कमलेश से तहरीर ली। कमलेश की ओर से दी गई तहरीर में कहा गया है कि गोरखपुर से आंख का ऑपरेशन कराकर लौटते समय टेंपो में किसी अज्ञात वाहन ने टक्कर मार दी थी। हालांकि, पुलिस एक कार को कब्जे में लिया है। बताया जा रहा है कि इसी कार से टेंपो में टक्कर हुई थी। इंस्पेक्टर राजप्रकाश सिंह ने बताया कि अज्ञात वाहन से टक्कर लगने की तहरीर मिली है। एक वाहन को कब्जे में लिया गया है। इसकी जांच की जा रही है।
हादसे के कुछ देर बाद पुलिस ने कार को कब्जे में ले लिया। लेकिन, कार के बारे में बताने से पुलिस कतराती रही। चर्चा है कि हादसे में शामिल कार को बचाने की कोशिश की जा रही है।
गुलाबी के बेटे ने भी अज्ञात वाहन से टक्कर होने की तहरीर दी है। उसने बताया कि पुलिस ने जो बताया, उस हिसाब से तहरीर दी गई है।
Author: samachar
"कलम हमेशा लिखती हैं इतिहास क्रांति के नारों का, कलमकार की कलम ख़रीदे सत्ता की औकात नहीं.."